Benefits of Tulsi in Hindi - जानिए तुलसी से होने वाले चमत्कारी लाभ

Benefits of Tulsi in Hindi - जानिए तुलसी से होने वाले चमत्कारी लाभ

तुलसी(Ocimum Tenuiflorum) एक ऐसी वनस्पति है जिसके गुणों की महिमा हम पुरातन काल से ही देखते व सुनते आ रहे हैं| धार्मिक हिन्दू समुदाय में तुलसी को देवी के सामान माना जाता है, इसकी पुजा की जाती है| लेकिन तुलसी सिर्फ हमारे आस्था का प्रतिक ही नहीं है, बल्कि इसके औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में भी इसे बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।

गलत खान पान और प्रदुषण के चलते, आजकल लोगो को इतनी बीमारिया हो रही है की उनके आधे से ज्यादा पैसे डॉक्टर और दवाइयों में खर्च हो रहे हैं। लेकिन अगर आपने अपने घर में तुलसी का पौधा लगाकर रखा है, तो आपको बिलकुल भी चिंता करने की जरुरत नहीं है। तुलसी में झुखाम, खांसी, भुखार, सुखा रोग, निमोनिया, पसलियों का चलना, कब्ज और भी कई बीमारियो से लड़ने की क्षमता है। बच्चे हो या बूढ़े हर कोई तुलसी के सेवन से लाभ उठा सकता है। आइये जानते है Benefits of Tulsi in Hindi जो की हमारे स्वास्थ के लिए लाभप्रद है।

तुलसी से होंगे यह रोग दूर

Benefits of Tulsi in Hindi

खांसी को कहिये अलविदा

खांसी होने पर तुलसी का इस्तेमाल किसी रामबाण इलाज से कम नहीं है, तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। तुलसी की कोमल पत्तियों को अदरक के साथ चबाने से खांसी-जुकाम से राहत मिलती है। आप तुलसी की चाय बना कर भी पी सकते है। तुलसी को चाय की पत्तियों के साथ उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है। इस पानी को आप गरारा करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। खांसी के लिए इस्तेमाल होने वाले करीब सभी कफ सीरप को बनाने में भी तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है।

पेटदर्द से दिलाये आराम

एक चम्मच तुलसी की पिसी हुई पत्तियों को पानी के साथ मिलाकर गाढा पेस्ट बना लें। पेटदर्द होने पर इस लेप को नाभि और पेट के आस-पास लगाने से आराम मिलता है।

बुखार में प्रभावी

भुखार आने पर तुलसी का सेवन करना बहुत ही लाभदायक है। दो कप पानी में एक चम्मच तुलसी की पत्तियों का पाउडर और एक चम्मच इलायची पाउडर मिलाकर उबालें और काढा बना लें। दिन में दो से तीन बार यह काढा पीएं। स्वाद के लिए चाहें तो इसमें दूध और चीनी भी मिला सकते हैं। ऐसा करने से आपको भुखार में फायदा मिलेगा।

सांस की तकलीफ से छुटकारा  

श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में भी तुलसी का काफी योगदान है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। यहाँ तक की नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।

तनाव करे छूमंतर

शायद बहुत कम लोग यह जानते होंगे की तुलसी की पत्तियों में तनाव रोधी गुण भी पाए जाते हैं। तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है। यहाँ तक की तुलसी का काढ़ा पीने से सिरदर्द में आराम मिलता है।

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तुलसी के पत्तों के रस में एक चम्‍मच शहद मिलाकर रोजाना सुबह शाम लेने से 15 दिनों में अर्द्धकपाली जैसे रोगों में लाभ मिलता है।

तुलसी से दूर करे त्वचा रोग

तुलसी में थाइमोल नामक तत्व पाया जाता है, जो त्वचा को निखारने में सहायक है। तुलसी में नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगाने से झाइयां व फुंसियां ठीक होती हैं। और साथ ही चेहरे की रंगत में निखार आता है।

तुलसी दाद, खुजली और त्वचा के अन्य रोगों को दूर करने में भी लाभकारी है। तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है। नैचुरोपैथों द्वारा ल्यूकोडर्मा का इलाज करने में तुलसी के पत्तों को सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया गया है। तुलसी की ताजा पत्तियों को संक्रमित त्वचा पर रगडे। इससे इंफेक्शन ज्यादा नहीं फैल पाता।

सांसों की दुर्गंध से पाये छुट्कारा

जो लोग सांस की दुर्गंध को लेकर परेशान है, उन्हें रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाना चाहिए| इसे रोजाना चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है। तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल के साथ मिलाकर दांतों को साफ करने से सांसों से दुर्गध नहीं आती है। पायरिया जैसी समस्या में भी यह खास कारगर साबित होती है।

आँखों की समस्या

विटामिन ए की कमी के चलते आंखों की समस्या होती है। तुलसी का रस आंखों की समस्याओं में बहुत कारगर साबित होता है।

रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए। इससे आपको आँखों में होने वाली जलन से छुटकारा मिलता हे।

ख्याल रहे: इस उपाय को आजमाने से पहले अपने नेत्र चिकित्‍सक से सलाह जरूर ले लें।

किडनी रहेगी फिट

तुलसी किडनी को मजबूत बनाती है। किडनी की पथरी में तुलसी की पत्तियों को उबालकर उसका अर्क बना लें। इस अर्क को शहद के साथ नियमित 6 महीने तक सेवन करने से पथरी यूरीन मार्ग से बाहर निकल जाती है।
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