Beriberi Disease in Hindi: बेरी-बेरी रोग से जुड़ी उपयोगी जानकारियां

Beriberi Disease in Hindi: बेरी-बेरी रोग से जुड़ी उपयोगी जानकारियां

“बेरी-बेरी” एक ऐसी बीमारी जो दक्षिण पूर्व एशिया की बहुत ही सामान्य बीमारियों में से है। बेरी-बेरी विटामिन बी 1 की कमी से होता है। बेरी-बेरी बीमारी से पीड़ित लोगो के शरीर के अलग अलग अंगो पर इस बीमारी का बुरा असर पड़ता है, और इसका अगर शुरुआत मे इलाज न किया जाये तो मौत होने तक की भी नौबत आ सकती है।

बेरी-बेरी की बीमारी शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करती है हार्ट, मांसपेशियां और पाचन तंत्र से जुड़े अंगो पर इसका सबसे पहले असर होता है। बेरीबेरी की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए पहले अपने शरीर में विटामिन बी 1 की कमी को पूरा करना पड़ता है । विटामिन बी 1 की कमी मीट, डेरी प्रोडक्ट्स और अनाज को सही मात्रा में लेने से हो जाती है ।

बेरी-बेरी की बीमारी दो प्रकार की होती है। एक आर्द्र बेरीबेरी जिसमे लोगो की नब्ज़ काफी जल्दी जल्दी चलने लग जाती है और हार्ट भी कमजोर हो जाता है। दूसरा शुष्क बेरीबेरी इसमें लोगो की नर्व कमजोर हो जाती है और मांसपेशियां भी काम करना बंद कर देती है। इस अवस्था में हार्ट अटैक आने की संभावनाएं बढ़ जाती है।

बेरी-बेरी की बीमारी से ग्रसित लोगो को किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करना चाहिए। बेरी-बेरी की बीमारी के लक्षण, उपाए और इस दौरान क्या खाये इन सभी बातों का विवरण नीचे लेख में किया गया है।

Beriberi Disease in Hindi: जानिए बेरी-बेरी की बीमारी के लक्षण, उपाए और कुछ तथ्यो के बारे में !

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बेरी-बेरी की बीमारी के लक्षण

  • पुरे शरीर में कमजोरी महसूस होना ।
  • पैरो का फूल जाना।
  • धड़कनो का ज्यादा तेज़ चलने लगना।
  • साँस लेने में परेशानी होना।
  • सूजन वाले स्थान पर सुन्नपन महसूस होना या फिर हाथ पैरो का सुन्न हो जाना।
  • बोलने में तकलीफ होना।
  • मानसिक रूप से परेशान और कंफ्यूज रहना।
  • हमेशा कब्ज की शिकायत रहना।
  • भूख ना लगना और साथ ही पाचन क्रिया का बिगड़ जाना।
  • खून की कमी होना, पर ऐसा कुछ ही लोगो को होता है।
  • याददाश्त कम हो जाना।
  • आमाशय और आंतड़ियों के रोगो की समस्या होना।
  • विषैला प्रभाव बढ़ जाना।

बेरी-बेरी की बीमारी के उपाए

थाइमिन क्लोराइड के इंजेक्शन

  • शरीर में विटामिन बी 1 (थाइमिन) की मात्रा को समान्य रखने के लिए 2-3 बार आर थाइमिन क्लोराइड के इंजेक्शन दिए जाते है।
  • इस के इलाज में थाइमिन सप्लीमेंट्स भी दी जाती है जो विटामिन बी 1 की कमी को पूरा करने के लिए होता है।

बादाम

  • बेरी बेरी की रोकथाम के लिए रोज़ाना बादाम खाना भी बहुत फायदेमंद है।
  • अगर आप बादाम रात को भिगो के सुबह खाये तो वो ज्यादा लाभकारी होगा।
  • बादाम में काफी मात्रा में विटामिन और प्रोटीन मौजूद होता है।
  • बिटामिन और प्रोटीन बेरी-बेरी रोग को दूर करने में सक्षम होते है।

सूरजमुखी के बीज

  • बेरी बेरी की समस्या होने पर रोज़ाना एक बड़ी चम्मच सूरजमुखी के बीजों को खाना चाहिए।
  • यह विटामिन बी 1, बी 5 और बी 6 से भरपूर होता है इसलिए इसका सेवन करना बहुत फ़ायदेमंद है ।
  • सूरजमुखी के बीजों से शरीर में सेलेनियम (Selenium), टैनिन (Tannis) और ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे तत्वो की कमी पूरी होती है।
  • इसमें एंटीऑक्सीडेंट के गुण मौजूद होते हैं इसी कारण से यह हर तरह से फ़ायदेमंद होता है।

फली या बीन्स

  • बेरी-बेरी की समस्या से जूझ रहे लोगो को फली या बीन्स का सेवन रोज़ाना करना चाहिए।
  • बीन्स में थाइमिन के साथ साथ प्रोटीन और कैल्शियम भी होता है जो की हड्डियों और मांसपेशियों के लिए काफी लाभदाय होता है।
  • इसका सेवन दिन भर में दो बार जरूर करना चाहिए ।

ब्राउन राइस

  • ब्राउन राइस का सेवन करने से भी बेरी बेरी की बीमारी में लाभ मिलता है।
  • ब्राउन राइस में थाइमिन बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है।
  • बेरी-बेरी की समस्या से बचने के लिए रोज़ाना दो बाउल ब्राउन राइस जरूर खाना चाहिए।

मटर

  • बेरी-बेरी रोग से पीड़ित लोगो को मटर का सेवन जरूर करना चाहिए।
  • मटर में कम से कम 100 आ.ई यूनिट विटामिन बी 1 होता है।
  • विटामिन बी 1 बेरी बेरी बीमारी में बहुत लाभ पहुंचाता है।

बेरी-बेरी की बीमारी मूलतः विटामिन बी 1 की कमी से होता है, विटामिन बी 1 हीं महत्वपूर्ण तत्व होता है मानव शरीर में। आइये जानते हैं बेरी बेरी बिमारी और विटामिन बी 1 की कमी से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण तथ्य -

  • विटामिन बी 1 को वैज्ञानिक भाषा में थाइमिन हाइड्रोक्लोराईड कहा जाता है।
  • स्त्रियों को गर्भावस्था में कम से कम 5 मिलीग्राम विटामिन बी 1 की जरूरत होती है।
  • अगर शरीर में विटामिन बी 1 ज्यादा हो जाता है तो वो पेशाब के साथ निकल जाता है।
  • लोगो की आयु बढ़ने में विटामिन बी 1 का योगदान होता है।
  • यही शरीर में विटामिन बी 1 की कमी हो जाये तो शरीर में एक विषैला पदार्थ बनता है जो धीरे धीरे ब्लड में घुलने लग जाता है।
  • बेरी-बेरी के रोगी को जहाँ भी छुआ जाये उसे वहां बेहद दर्द होता है और फिर वहां अंग सुन्न भी हो जाता है।
  • एक नार्मल व्यक्ति के शरीर को रोज़ विटामिन बी 1 की 900 आ. ई. यूनिट की जरूरत होती है।
  • छोटे बच्चे को विटामिन बी 1 कमी से उलटी और पेट दर्द की शिकायत होती है।
  • विटामिन बी 1 की कमी से भूख लगना कम हो जाती है और साथ ही वजन भी कम हो जाता है।
  • कार्बोहाइड्रेट और फॉस्फोरस शरीर में तभी असर कर सकता है जब आपकी शरीर में सही मात्रा में विटामिन बी 1 हो।
  • विटामिन बी 1 की कमी के कारन बेरी-बेरी से ग्रस्त व्यक्ति पूरी तरह कमजोर जो जाता है।
  • मोटे लोगो को विटामिन बी 1 की कमी जल्दी हो जाती है, उन्हें ज्यादा मात्रा में विटामिन बी 1 चाहिए होता है।
  • जो लोगो हरी सब्जियों का सेवन नहीं करते उन्हें बेरी बेरी की समस्या जल्दी होती है।
  • विटामिन बी 1 के ही कारण मस्तिष्क और बाकि तंत्रिकाएं स्वस्थ रहती है।
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