चिकन पॉक्स जिसे हम छोटी माता कहते है| यह एक संक्रमित बीमारी है, जो आमतोर पर छोटे बच्चो में देखने को मिलती है| यह बीमारी छूने और सांस लेने से जल्दी फलती है| इस बीमारी में छोटी गुलाबी रंग की फुंसियां होने लगती है, जो धीरे-धीरे पुरे शरीर में फैलने लग जाती है। यह बीमारी एक से दस साल के बच्चो में अधिकतर देखी जाती है|
चिकित्सक सलाह देते है, की चिकन पॉक्स के निवारण के लिए 12 से 15 महीनो की उम्र के बीच में बच्चो को चिकन पॉक्स का टिका, और 4 से 6 वर्ष की उम्र के बीच दूसरा टिका लगवा लेना चाहिए| क्योंकि टिका लगवाने से चिकन पॉक्स के हलके संक्रमणों को काफी हद तक रोका जा सकता है।
तो आज हम आपको Chicken Pox Symptoms in Hindi के जरिये इस गंभीर समस्या के कई और मुख्य लक्षणों के बारे में बताएँगे। ताकि आप भी इसके लक्षणों से अवगत हो जाये और सतर्क रहे। कई लोग इस समस्या को देख कर घबराने लग जाते है, लेकिन आज हम इसके उपचारो के बारे में भी बात करेंगे जिन्हे जानकर आप इस बीमारी से निश्चिन्त हो जायेंगे।
Chicken Pox Symptoms in Hindi: चिकन पॉक्स के लक्षण

- चिकन पॉक्स में बुखार आता है, त्वचा पर हलके गुलाबी रंग के दाने भी दिखाई देने लगते है|
- सिरदर्द, बदनदर्द, बुखार, कमजोरी, भोजन में अरूचि, गले में सूखापन और खांसी आदि होने के बाद दूसरे दिन से ही त्वचा पर फुंसियां उभरने लगती हैं।
- चिकन पॉक्स की समस्या होने पर खुजली भी चलने लगती है|
- शरीर एक हिस्से से होकर यहाँ पुरे शरीर में फेलने लगती है|
- बच्चो में यह बीमरी २ से ३ हफ्तों तक रहती है|
- इस अवस्था में संक्रमित व्यक्ति घर से बहार नहीं निकलता है|
- इसके अलावा त्वचा में बैक्टीरियल संक्रमण, निमोनिया और मस्तिक्ष में सूजन भी इसके सामान्य लक्षण है।
- भूख ना लगना, उल्टी होना भी इसका प्रमुख लक्षण है।
- गर्मियों की शुरूआत से ही चिकनपॉक्स के वायरस ज्यादा सक्रिय होने लगते है और रोग का कारण बनते हैं। ऎसे में ज्यादा सावधानी बरतना जरूरी है।
- चिकन पॉक्स के दाने कभी भी एक से दिखाई नहीं देते है, सभी अलग-अलग प्रकार के होते है।
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Chicken Pox Treatment in Hindi: चिकन पॉक्स के उपचार
- अपने खान पान में सादे भोजन का सेवन करे। मसाले दार या बहार के भोजन को ना खाएं।
- शरीर में ज्यादा कसे हुए या चिपके हुए कपडे नहीं पहने।
- चिकन पॉक्स का टिका लगवाना सबसे बेहतरीन उपचार है।
- खट्टे पदार्थो से सेवन से बचे रहे।
- अगर आपकी त्वचा में जलन या दर्द हो रहा होतो ठन्डे पानी से एक बार अपना मुँह धोले।
- चिकन पॉक्स होने पर ठन्डे पदार्थो का सेवन करे और ऐसे समय में नॉन वेज बिलकुल ना खाएं।
- चिकन पॉक्सल एक संक्रमित बीमारी होती है जो एक व्यक्ति से दूसरे में फेल सकती है। इसलिए जिसे भी यह बीमारी हुई हो वह एक-दूसरे से दूर रहें, ताकि इंफेक्शन का खतरा न बना रहे।
- छोटे बच्चे को यदि यह बीमारी हुई होतो उसे स्कूल न भेजें क्युकी दूसरे बच्चे में इस संक्रमण के फैलने की सम्भावना बड़ सकती है।