गर्भावस्था में रोने और चिंतित रहने से शिशु पर पड़ता है यह प्रभाव

गर्भावस्था में रोने और चिंतित रहने से शिशु पर पड़ता है यह प्रभाव

गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर और घर के बड़े लोग गर्भवती महिला को बहुत सारी सावधानियाँ बरतने को कहते है। जैसे की खानपान पर विशेष ध्यान देना, उठने बैठने में सावधानी रखना, झटको से बचना आदि।

गर्भावस्था के दौरान महिला को सावधानियां रखने के लिए भी कई प्रकार की टेंशन होती है जैसे की वह जो खाना खा रही है वह सही है की नहीं। वह जो व्यायाम कर रही है उससे बच्चे को नुक्सान तो नहीं होगा आदि।

लेकिन आपको बतादे की गर्भवती के टेंशन लेने से भी उसको और बच्चे को, दोनों को कई नुकसान होते है। आपको बता दे की डॉक्टर्स के अनुसार गर्भावस्था के दौरान खुश रहना बहुत ही ज़रूरी होता है।

यदि आप रोते है, चिंता करते है या फिर किसी तनाव में रहते है तो इसका असर आपके बच्चे पर भी पड़ता है जो माँ और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक होता है। जानते है Effect of Crying on Baby during Pregnancy के बारे में विस्तार से।

Crying in Pregnancy: गर्भावस्‍था के दौरान माँ का रोना या दुखी होना

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रोने से दूर रहे

  • अधिक रोना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। खासकर गर्भवती महिला के लिए रोना बिलकुल भी अच्छा नहीं होता है।
  • रोने से कई प्रतिक्रिया होती है जिसका असर आपके बच्चे पर पड़ता है।
  • इसलिए प्रयास करे की आप खुश रहे।

अवसाद होना पड़ेगा महँगा

  • गर्भावस्था के दौरान डिप्रेशन आ ही जाता है पर इसका मतलब ये नहीं है की आप हर समय डिप्रेशन में ही रहे।
  • गर्भावस्था में यदि आप ज्यादा समय तक डिप्रेशन में रहती है तो इसका गलत प्रभाव आपके बच्चे पर पड़ता है। जिससे बच्चे का विकास नहीं हो पाता है।

तनाव में होने पर

  • गर्भावस्था में तनाव का होना लाज़िमी होता है। परन्तु यदि आप लगातार ही चिंता और तनाव में रहती है तो यह नुकसानदायक हो जाता है।
  • आपको बता दे की शोध से यह बात सामने आयी है की जो महिलाएं ज्यादा तनाव में रहती है वह कोलिकी बेबी को जन्म देती है।
  • कोलिकी बच्चों की प्रवति हमेशा रोने वाली होती है और वह सामान्य से ज्यादा समय रोते हुए ही बिताते है।
  • मानसिक तनाव होने से माँ के दिमाग से साथ साथ बच्चे के दिमाग के विकास पर भी असर करता है।

कभी कभार होने वाले दुःख

  • गर्भावस्था के समय में मूड स्विंग, मॉर्निंग सिकनेस जैसे लक्षण होना आम बात होती है।
  • इसलिए इस प्रकार की चिंताएं होने पर घबराये नहीं क्योंकि यह आपके बच्चे पर असर नहीं डालती है।

इस तरह रखे अपना और बच्चे का ख्याल:-

  1. तनाव, डिप्रेशन जैसी समस्या आने पर उससे बाहर निकलने का प्रयास करे।
  2. इसके लिए जब भी आप को लगे की आप तनाव में है तो अपने घर वालो से बात करे।
  3. आप चाहे तो अपने पसंदीदा गानों को भी सुन सकती है।
  4. आराम करने से भी चिंताएं दूर हो जाती है इसलिए आप जितना हो सके आराम का भी सहारा ले सकती है।
  5. डिप्रेशन को यदि आप खुद से ठीक नहीं कर पा रही है तो आप डॉक्टर से भी बात कर सकती है।
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