अधिकांश लोगो को धूम्रपान करने की लत होती है। वह चाह कर भी इसे छोड़ नहीं पाते है। बाजार में भी धूम्रपान के लिए कई तरह की सिगरेट मिलती है।
पुराने ज़माने से भी धूम्रपान के उत्पादों में कई परिवर्तन देखे जा रहे है जैसे सिगार, चिलम, हुक्का, बीड़ी, सिगरेट आदि। इस आधुनिक युग में धूम्रपान के लिए एक नयी तकनीक आयी है ई-सिगरेट।
आजकल ई-सिगरेट का चलन बहुत ही तेजी से हो रहा है। ऐसा माना जाता है कि ई सिगरेट स्वास्थ्य के लिए कम हानिकारक होती है। जिसके कारण भी इसका उपयोग भारी मात्रा में किया जा रहा है।
कुछ लोग ई सिगरेट के बारे में नहीं जानते है की वह आपके लिए फ़ायदेमंद है या फिर नुकसानदायक। इसके लिए जानते है E Cigarette के विषय में विस्तार से।
Electronic Cigarette क्या होती है? जानिए क्या है इसके नुकसान
क्या होती है ई-सिगरेट?
- ई-सिगरेट को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट भी कहा जाता है।
- ई-सिगरेट एक पेन के आकार की होती है जो की छोटी बैटरी से चलती है। यह बैटरी इसी पेन के अंदर लगी होती है।
- ई-सिगरेट में धुएँ के स्थान पर भाप निकलती है। इस भाप में निकोटिन होता है।
- यह बाकी सिगरेट की तुलना में कम नुकसान करती है
- यह बिना निकोटिन के भी मिलती है और निकोटिन वाली भी। बाजार में इसके कई प्रकार के फ्लेवर्स भी उपलब्ध रहते है।
ई-सिगरेट का सेहत पर असर:-
दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा
- आपको बता दे की जो लोग ई-सिगरेट का सेवन करते है वह सामान्य सिगरेट पीने वाले लोगो की अपेक्षा अधिक सिगरेट का सेवन करते है जो की नुकसानदायक होता है।
- इसके अधिक सेवन से कार्डियक सिम्पथैटिक एक्टिविटी एंडरलीन का लेवल और ऑक्सीडेंटिव तनाव में वृद्धि होती है। जिसके कारण दिल से संबंधित बीमारियों के होने का खतरा होता है।
कैंसर की सम्भावना
- ई-सिगरेट के सेवन से कैंसर होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। जो की एक पैकेट सिगरेट की अपेक्षा 5 से 15 गुना अधिक होता है।
- आपको बता दे की बिना धुआँ वाले तंबाकू में तीन से चार गुना अधिक निकोटीन पाया जाता है।
- ई-सिगरेट में धुआं कम होने के कारण भी यह दुसरो को प्रभावित करता है।
युवा वर्ग होते है अधिक प्रभावित
- युवा वर्ग में सिगरेट का आदान प्रदान होना आम बात होती है।
- डॉक्टर्स का मानना है कि सिगरेट के आदान प्रदान करने से हेरपेस, टीबी, हैपेटाइटिस जैसी वायरस बीमारियां हो जाती है।
फेफड़ों से जुड़ीं समस्याएं उत्पन्न होना
- जो लोग ई-सिगरेट का सेवन करते है उनके लंग्स में एक विशेष प्रकार के प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि हो जाती है।
- जिस कारण फेफड़ों में सूजन आ जाती है और कई खतरनाक बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती है।
- फेफड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय, आप इस लिंक पर क्लिक करके जान सकते है।
दिमाग के विकास को करती है प्रभावित
- निकोटीन के सेवन से दिमाग पर भी असर होता है। इसके सेवन से दिमाग का विकास अच्छे से नहीं हो पाता है।
- ध्यान केंद्रित करने में भी कठिनाई आने लगती है।
- इसके सेवन से आप अपने गुस्से पर भी नियंत्रण नहीं रख पाते है।