High Blood Pressure Symptoms in Hindi- उच्च रक्तचाप के लक्षण

High Blood Pressure Symptoms in Hindi- उच्च रक्तचाप के लक्षण

आज के युग में उच्च रक्तचाप (Hypertension) जैसी बीमारी होना बेहद ही आम बात हो गयी है। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में चाहे हम घर में हो या बाहर चिंता, क्रोध, परेशानिया ये सभी चीज़े हमारे दिल, दिमाग और शरीर को प्रभावित करती रहती है। हमारे शरीर मे ह्रदय का काम रक्त को प्रवाहित करना है। स्वच्छ रक्त आर्टरी से शरीर के दूसरे भागो में जाता है। और शरीर के अन्य भागो से दूषित रक्त ह्रदय में आ जाता है। खून को पम्प करने की इसी प्रक्रिया को ब्लड प्रेशर कहते है। उच्च रक्तचाप को कुछ लोग Hypertension या High BP के नाम से भी जानते है।

आपको बता दे उच्च रक्तचाप कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक नार्मल प्रक्रिया है। लेकिन जब किसी कारणवश यह प्रेशर कम या ज्यादा हो जाता है, तो उसे हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर कहते है।  जैसा की हमने कहा आजकल हाइपरटेंशन होना बहुत ही आम बात हो गयी है, लेकिन अगर इस पर ध्यान ना दिया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। उच्च रक्तचाप एक शांत ज्वालामुखी कि तरह है जिसमे ऊपर से कोई लक्षण दिखाई नहीं देते है पर यह ज्वालामुखी फूटने के बाद शरीर पर लकवा यहाँ तक की हार्ट अटैक जैसे गम्भीर परिणाम भी  हो सकते है। तो आइये जानते है High Blood Pressure Symptoms in Hindi.

क्या है उच्च रक्तचाप (Hypertension)

जब आपका Systolic ब्लड प्रेशर 140 mmhg या इससे ऊपर और Diastolic ब्लड प्रेशर 90 mmhg या इससे ऊपर हो जाता है, तब उसे उच्च रक्तचाप  कहते है। शायद आपको यह बात ना पता हो प्रत्येक व्यक्ति का रक्तचाप प्रतिदिन और प्रति घंटे बदलते रहता है।

भय, चिंता, शोक, क्रोध, ज्यादा काम करना, व्यायाम इत्यादि अवस्था में रक्तचाप कुछ समय के लिए बढ़ जाता है। इसीलिए अगर किसी व्यक्ति का रक्तचाप, सामान्य स्तिथि में नियमित रूप से ज्यादा आता है तब चिकित्सिक उसे उच्च रक्तचाप कहते है। उच्च रक्तचाप  का इलाज तब तक नहीं किया जाता है जब तक आपके रक्तचाप कि कई बार जाँच न कि जाए और यह उच्च न बना रहे।

जानिए उच्च रक्तचाप के लक्षण

High Blood Pressure Symptoms in Hindi

क्या आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है इस बात को जानने का सिर्फ एक ही तरीका है इसकी जांच करवाई जाए। उच्च रक्तचाप का अधिकांश लोगो में कोई खास लक्षण नहीं होता है। कुछ लोगो में बहुत ज्यादा रक्तचाप बढ़ जाने पर या तो उन्हें सरदर्द होने लगता है या फिर धुंदला दिखाई देता है।

इसलिए जरुरी है कि 30 वर्ष कि आयु के बाद  और अगर आपका वजन ज्यादा है साल में कम से कम एक बार अपने रक्तचाप कि जांच डॉक्टर से करवाए। यहाँ तक की यदि आपके परिवार में किसी को उच्च रक्तचाप है, तो 20 वर्ष आयु के बाद ही जाँच करवा ले।

जानिए हाइपरटेंशन के कारण

उच्च रक्तचाप कई कारणों से होता है जिनमे से कुछ कारण शारारिक होते है और कुछ मानसिक| आइये जाने उन् कारणों के बारे में:-
  1. मोटापा
  2. अधिक मात्र में तैलीय भोजन करना
  3. अकारण परेशान होना
  4. खून में कोलेस्ट्रोल का बढ़ना
  5. परिवार या ऑफिस में तनाव
  6. उच्च रक्तचाप के  दुष्प्रभाव
उच्च रक्तचाप के कई दुष्प्रभाव है। आपके रक्त के लिए आपकी रक्तवाहिकाओं में प्रवाहित होना जितना कठिन होंगा, आपके रक्तचाप कि संख्या उतनी ही उच्च होंगी। आपका ह्रदय को उच्च रक्तचाप के कारण सामान्य से अधिक काम करना पड़ता है। उच्च रक्तचाप के कारण दिल का दौरा  रक्ताघात, गुर्दे का काम न करना और रक्तवाहिनिओ का कठोर होने जैसे गंभीर रोग हो सकते है। इसके अलावा हाई बीपी के कारण आँखों पर भीं असर पढता है। इसलिए इस बीमारी को घंभीरता से लेना जरुरी है।

आप यह भी पढ़ सकते है:- Home Remedies for Low Blood Pressure: निम्न रक्तचाप के उपाय

चिकित्सिक से संपर्क करे: -

इनमे से किसी भी लक्षण के निरंतर रहने या तकलीफ होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए|
  1. चक्कर आना
  2. तेज सरदर्द होना
  3. नजर में परिवर्तन
  4. कमजोरी महसूस होना
  5. सांस लेने में परेशानी होना
  6. सीने में दर्द या भारीपन लगना
  7. चहरे या पैरो में अचानक सुन्नपन
  8. अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई
  9. इन् तरीको से पाये उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण

ऐसे करे उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण

उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण पाने के लिए आपको रोजाना व्यायाम करना चाहिए, यहाँ तक की आपको अपने खान पान में भी बदलाव लाना जरुरी है|

इन चीजो से परहेज करे - सबसे पहले तो इन् खाद्य पधारतो के सेवन को बंद कर दे। जैसे की तेलीय  पदार्थ, मख्खन, घी, डालडा, चिप्स, मुर्गी का गोश्त, अचार, पापड़ एवं सॉस, चॉकलेट, आइसक्रीम, केक, शीतल पेयजल|

इन चीजो को करे शामिल- साबुत अनाज को अपने भोजन में शामिल करे जैसे - गेहू(Wheat), चावल, रागी, मकई, अंकुरित दाले, मछली, साग-सब्जी एवं ताजे फल आदि का अपने आहार में समावेश करे।

वनस्पति तेल का इस्तेमाल करे - सूरजमुखी तेल या सोयाबीन तेल का इस्तेमाल करे।

नमक का सेवन कम करे - ज्यादा नमक वाले भोजन न खाए। अचार, चटनी, पापड़, नमकीन मूंगफली, चिप्स आदि का सेवन न करे क्योंकि इसमें नमक अधिक होता है। खाने कि चीजो में नमक कम डालकर पकाए।

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