कान इंसान के शरीर की सबसे नाजुक इंद्रियों में से एक है। अगर इसकी अच्छी तरह से देखभाल नहीं की जाए, तो यह बहुत सारी समस्याओं जैसे- कान में इन्फेक्शन आदि का कारण बन सकता है। कान में इन्फेक्शन या संक्रमण होना एक बहुत ही आम समस्या है, जो आमतौर पर नवजात शिशुओं और बच्चों में पायी जाती है। हालाँकि यह समस्या वयस्कों में भी हो जाती है।
सामान्य भाषा में कान के इन्फेक्शन को अंग्रेजी में "ओटिटिस मीडिया" या "क्रोनिक ईयर इन्फेक्शन" और हिंदी में "मध्यकर्णशोध" कहते हैं। इस संक्रमण के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। अगर हमे कान में दर्द होता है, तो हम हमेशा छोटे और जल्द आराम देने वाले उपाय पर ध्यान देते हैं। आइये जानते हैं Home Remedies for Ear Infection के बारे में।
Home Remedies for Ear Infection: कान के इन्फेक्शन के लिए उपाय
कान की रचना बहुत ही जटिल और नाजुक तरीके से होती है। इसे संक्रमण से बचाने के लिए कई घरेलू तरीके मौजूद होते है| लेकिन इससे पहले क्यों ना हम Ear Infection Causes जाने| ताकि हम इसका उपचार बेहतर तरीके से कर पाए या फिर इन्फेक्शन होने ही ना दे|दरहसल युस्टेशियन नली में अवरोध उत्पन्न होने से काम में दर्द होने लगता है और यही कान के दर्द का प्रमुख कारण होता है। गले से शुरू होकर युस्टेशियन नली मिडिल एअर या मध्य-कर्ण को मिला देती है। निम्न कारणों की वजह से इस नली में अवरोध उत्पन्न हो सकता है:-
- सर्दी हो जाना
- कान में चोट
- कान में कीड़ा चले जाना
- कान में मेल बढ़ जाना
- कान में पानी चले जाना (नहाते समय)
- कर्कश ध्वनि लगातार सुनाई देना
- फ़ूड एलर्जी होना
- श्वास सम्बन्धी समस्या होना
- एनवायर्नमेंटल एलर्जी होना
- आनुवंशिक रोग होना
- पोषक तत्वों की कमी
इसमें कोई शक नहीं कि एंटीबायोटिक्स दर्द से राहत पाने के लिए तत्काल हल प्रदान करता है। परन्तु, कभी कभी इन दवाओं के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए, यहाँ हम आपको कान के संक्रमण के इलाज के लिए कुछ महवतपूर्ण घरेलु उपचार बता रहें हैं , जो कि प्राकृतिक और हानि रहित है|
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हाइड्रोजन पेरॉक्साइड
- कान में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड की कुछ बूंदे डाले।
- जब तक हाइड्रोजन पेरॉक्साइड कान में होने वाले संक्रमण के संपर्क में ना आये, तब तक इंतजार कीजिए।
- इस प्रक्रिया को दिन में 2 बार करें।
नमक भी कारागार
- एक कप नमक लें और इसे तीन मिनिट तक माइक्रोवेव या पेन में गरम करें।
- अब इस नमक को एक मोटे कपडे में डाले और यह ध्यान रखें की यह रबर-बैंड या किसी अन्य कपडे की सहायता से बंधा या डका हो।
- थोड़ी गर्माहट कम होने दें।
- अब इसे कान पर लम्बे समय तक के लिए रख दें।
- इसे जितनी बार संभव हो सके दिन में दोहराएँ।
लहसुन
- लहसुन को हेल्थी तेल जैसे कि तील के तेल में पकाएं।
- इस मिश्रण को पकाएं जब तक की लहसुन काले रंग की ना हो जाए।
- इसे गरम होने तक इंतजार करें।
- अब इस तेल की कुछ बूँदें कान में डालें।
फायदेमंद प्याज
- एक छोटी प्याज लें और इसे बहुत पतला या बारीक काटें और 2 से 3 मिनिट तक गरम करें।
- अब प्याज को ठंडा होने दे और रस बनने दें।
- इस प्याज के रस की 3 बूँदें संक्रमित कान में डालें।
- 10 मिनिट के बाद रस को कान से निकालें।
जैतून का तेल
- जैतून का तेल लें और इसे कुछ देर तक गरम करें।
- कान में इस गरम तेल की कुछ बूँदें डालें।
- अब एक साफ़ कपडे की मदद से कान के संक्रमित मैल को निकालें।
तुलसी
- 5 तुलसी की पत्ती लें और उसे पीस कर रस बना लें।
- इस तुलसी के रस को कान के आसपास लगाएं, पर सीधे कान के अंदर ना डालें।
- दिन में 2 बार यह प्रक्रिया दोहराएँ।