यह एक ऐसा योग है जिसे करने से हमारे कंधे, घुटने और रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है। आज के दौर में कोई भी काम बिना कंप्यूटर के नहीं हो सकता है। जिसके कारण हमें काम बैठे-बैठे ही करना पड़ता है। फिर हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है जैसे गर्दन में दर्द या फिर स्लिप डिस्क की शिकायत हो जाती है। ऐसे में अगर हम उत्तानासन योग को करें, तो हम इस प्रकार की समस्याओं से राहत पा सकते हैं।
अक्सर लोग आपकी चाल-ढाल को देखकर ही आपके बारे में अपनी राय बनाते हैं। कंधों में मजबूती न होने से आपकी बॉडी कोआर्डिनेशन में आपकी पर्सनालिटी कुछ फीकी पड़ जाती है। मगर क्या आपको पता है कि उत्तानासन का प्रयोग न केवल आपके कंधो को आवश्यक मजबूती देगा बल्कि ये आपके शरीर को एक मजबूत आधार देता है और आपकी पर्सनालिटी में चार चाँद लग जायेगा। आइये आज हम विस्तार से जानते है Uttanasana in Hindi.
Uttanasana in Hindi: जाने विधि और लाभ
- सबसे पहले हलके कपड़े पहने किसी साफ एवं स्वच्छ एक समतल जगह का चुनाव कर दरी बिछाकर खड़े हो जाये।
- अब सीधा खड़े होकर अपने हाथ एवं पैर के मसल्स को थोड़ा रिलैक्स कर लें।
- फिर आप सीधे खड़े होकर अपने हाथों को शरीर के साइड में रखें और साँस छोड़ते समय अपने कूल्हे के जोड़ों से झुकें और ध्यान रहे कि कमर के जोड़ों से नहीं झुकना है। नीचे झुकते समय साँस धीरे धीरे छोड़ें। इस बात का विशेष ध्यान रहे कि सभी आगे झुकने वाले आसनों की तरह उत्तानासन में उद्देश्य धड़ को लंबा करना होता है।
- अगर आपके शरीर में अधिक लचीलापन है तो आप अपनी उंगलियाँ या हथेली को ज़मीन पर टीका सकते है, तो जरूर टिकाएं। लेकिन आप अगर इसे नहीं कर पा रहे है तो आप ज़बरदस्ती ऐसा करने की कोशिश बिल्कुल भी ना करें क्योंकि ऐसा करने से चोट लग सकती है।
- आसन को करते समय श्वास बिल्कुल ना रोकें। जब आप साँस अंदर लेते है तो, तब धड़ को थोड़ा सा उठायें और लंबा करने की कोशिश करें। जब आप साँस को छोड़ते है, तब आगे की तरफ और गहराई से झुकने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपको काफी फायदा मिल सकता है। कुल मिलाकर आपको पाँच बार साँस अंदर लेना और बाहर छोड़ना है, ताकि आपका आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे कुछ समय बिताने के बाद आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, तब आप समय बढ़ा सकते हैं। ध्यान रखे इस आसन को 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें।
- इस आसन को करते वक़्त कोशिश करें की आपकी पीठ सीधी रहे तथा पैरों को भी सीधा रखने की कोशिश करें।
- आसन करते समय अपने सिर को आराम से लटकने दें ताकि आपके गर्दन की मांसपेशियों पर ज़ोर ना पड़े।
- धड़ को ऊपर लाते समय साँस अंदर लें। ध्यान रहे कि आप अपनी पीठ को सीधा ही रखें और अपने कूल्हे के जोड़ों से ही वापिस उपर आयें।
- अब अपने दोनों हाथों से पीछे की तरफ से अपनी एडियों को छूने का प्रयास करें। इसी अवस्था में कुछ देर तक बने रहें।
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Uttanasana Benefits: उत्तानासन के फायदे
- ये आपके हाथों को स्ट्रेच कर आपके हाथों एवं कंधो को मजबूती प्रदान करता है। इसके अलावा आपके पॉव में खिंचाव ला ये आपके रक्त स्त्राव में भी तेज़ी लाता है जो कि हाथ-पॉव मजबूत बनाता है |
- इस आसन में सिर के झुकाव की वजह से आपके मस्तिष्क में भी आवश्यक रक्त सप्लाई करता है जो कि आपकी बौधिक क्षमता को बढ़ाता है ।
- स्ट्रेस एवं चिडचिडेपन में ये आसन एक रामबाण के रूप में काम करता है।
- इस आसन को करने से हमारे शरीर में चुस्ती फुर्ती रहती है।
- इसे करने से हमारे शरीर में जमा चर्बी घटने लगती है जिसके कारण इसका असर हमारे वजन पर पड़ता है।
- इससे आपका पाचन तंत्र सुधरता है|
- इस आसन को करने से पेट से सम्बंधित समस्या का निराकरण हो जाता है।
- प्रतिदिन इसे करने से शरीर में होने वाले दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
सावधानियां:-
चाहे कोई भी आसन हो हमें उसमें सावधानी बरतनी चाहिए। हम जब भी कुछ खाते हैं तो उसके तुरंत बाद आसन को नहीं करना चाहिए। अगर आपकी पीठ में दर्द या चोट लगी हो, तो इस उत्तानासन ना करें इसके विकल्प में आप अर्द्ध-उत्तानासन कर सकते हैं. अर्द्ध-उत्तानासन मुड़े घुटनों के साथ किया जाता है। अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न दें। पीठ का दर्द अगर बढ़ने लगे तो तुरंत ही रुक जायें, उत्तानासन ना करें और चिकित्सक से परामर्श करें।
ऊपर आपने जाना Uttanasana in Hindi. इस आसन को कर अपने शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाया जा सकता है। यदि आपकी कमर में दर्द और रीढ़ की हड्डी में कोई समस्या हो तो इस आसन को नहीं करें।