अगर आप खेलो में रूचि रखते है तो आपकी बॉडी का लचीला होना बेहद आवश्यक है। इसके अलावा डांस, जिम्नास्टिक या मलखम्ब आदि में भी शरीर में लचीलापन होना काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल शरीर के लचीले होने से किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि के दौरान चोट लगने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती है। यह जरुरी नहीं कि स्पोर्ट्स से जुड़े लोगो का ही शरीर लचीला होने चाहिए, सामान्य लोगों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए।
शरीर को लचीला बनाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है स्ट्रेचिंग करना, इसे आप दो तरीको से कर सकते है। एक्सरसाइज से पहले गतिशील स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज के बाद गतिहीन स्ट्रेचिंग करना बहुत फायदेमंद होता है।
अगर सामान्य व्यक्ति की बात की जाये तो उन्हें अपने शरीर को लचीला बनाने के लिए योगासन की मदद लेना चाहिए। यह आपके शरीर के आंतरिक तनाव, थकान और आलस्य को दूर कर शरीर को पूरी तरह से लचीला और आरामदायक बनाने में सहायता करता है। योग केवल शरीर को लचील ही नहीं बनाता है बल्कि यह मन और मष्तिष्क संतुलित को बनाये रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज हम आपको शरीर को लचीला बनाने वाले योगासनों के बारे में बता रहे है तो आइये जानते है Yoga for Flexibility.
Yoga for Flexibility: शरीर के लिए है फायदेमंद
आप सोच रहे की केवल शरीर को लचीला बनाने का केवल एक ही फायदा है तो ऐसा नहीं है। शारीरिक लचीलेपन से आंतरिक ऊर्जा तथा स्फूर्ति बढ़ती है, मन शांत लेकिन जोश में रहता है। शरीर में मौजूद अवरुद्ध और अव्यवस्थित ऊर्जा मुक्त होकर अन्तुलन में आ जाती है और आप हमेशा ऊर्जावान महसूस करेंगे।
त्रिकोणासन
- सबसे पहले समतल जमीन पर दोनों पैरो के बीच कुछ अंतर रखकर खड़े हो जाएं।
- अब दायें पैर को पंजे से दायीं तरफ मोड़ लें तथा अपने दोनों हाथों को कंधे की ऊंचाई तक बगल में फैला लें।
- अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए दायीं तरफ झुके तथा झुकते समय नजरो को सामने की ओर रखें।
- अब अपने दायें हाथ से दाहिने पैर को छूने की कोशिश करें। इस स्थिति में आपका बायां हाथ आसमान की तरफ होना चाहिए तथा नजर बायें हाथ की उंगलियों की ओर रहे।
- कुछ देर इस अवस्था में रहे और इसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- इसी प्रक्रिया को बायें पैर से भी दोहरायें तथा कम से कम 20 बार इसका अभ्यास करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि झुकते समय सांस छोड़े तथा उठते समय सांस अंदर लें।
ताड़ासन
- सबसे पहले आप समतल जमीन पर खड़े हो जाएं तथा पीठ और गर्दन को सीधा रखें।
- अब अपने हाथों को सिर के ऊपर कर, सांस लेते हुए शरीर को खिंचने की कोशिश करें।
- शरीर को इस तरह खींचे की पैरों की उंगलियों से हाथों की उंगलियों तक खिंचाव महसूस हो।
- कुछ समय इस अवस्था में रहे तथा सांस ले और छोड़े।
- अब आपका एक चक्र पूरा हुआ। इसी तरह एक बार में आप कम से कम 3 से 4 चक्र पुरे करें।
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ब्रह्म मुद्रा आसन
- ब्रह्म मुद्रा करने के लिए सबसे पहले पद्मासन या सुखासन की अवस्था में बैठ जाएं
- अब गर्दन को सीधा रखते हुए धीरे-धीरे दायीं तरह ले जाएं
- कुछ देर एक स्थिति में रखते हुए गर्दन को सीधे बायीं तरह ले जाएं
- फिर कुछ देर इसी तरह रुकें और फिर गर्दन को सामान्य करते हुए उसे ऊपर तथा नीचे की ओर करें।
- अब गर्दन को क्लॉकवाइज और एंटी क्लॉकवाइज घुमाएं।
- अब आपका एक चक्र पूरा हुआ। इस तरह आप 3 से 4 बार इसे दोहराएं।
धनुरासन
- धनुरासन करने के लिए सबसे पहले समतल जमीन पर चटाई बिछाकर पेट के बल लेट जाएं तथा अपनी थोड़ी को जमीन से लगाकर रखें।
- इस स्थिति में अपने दोनों हाथ पैरों की दिशा में होना चाहिए तथा हथेलियां को आसमान की तरफ रखें।
- अब अपने दोनों पैरों को घुटने से मोड़ते हुए ऊपर की ओर उठाये और नितंभ से लगाने का प्रयास करें।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों की मदद से पैरों के टखने पकड़े। इस समय ध्यान रखें कि हाथों की कोहनियां बिलकुल सीधी रहे।
- अब सांस अंदर करते हुए पैरों को ऊपर की तरफ उठायें तथा छाती को भी ऊपर करें।
- कुछ समय इस अवस्था में बने रहें तथा अपना ध्यान श्वास पर रखें। इस समय शरीर का आकर धनुष के समान दिखाई देता है।
- अब सांस को छोड़ते हुए धीरे-धीरे पैरों को पुनः जमीन से लगाएं और सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- अन्त में कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे और फिर दोबारा इसे करें और इसी तरह 3 चक्र पुरे हो जाने पर कुछ देर शवासन की अवस्था में लेटे रहें।
आज अपने जाना Yoga for Flexibility. यहाँ हमने आपको शरीर को लचीला बनाने वाले योगासनों के बारे में बताया है। शरीर के लचीले होने से बहुत से हम स्वस्थ और ऊर्जावान बने रहते है। मोटापा दूर होता है, बुढ़ापा जल्दी नहीं आता है, पाचन तंत्र ठीक रहता है और साथ ही गर्दन, फेफड़े तथा पसलियों की मांसपेशियां मजबूत बनती है।