Apan Vayu Mudra: हार्ट और पेट को स्वस्थ रखने के लिए करे अपानवायु मुद्रा

Apan Vayu Mudra: हार्ट और पेट को स्वस्थ रखने के लिए करे अपानवायु मुद्रा

जैसा की आप सभी जानते है की योगा हर तरह से मनुष्य के शरीर को स्वस्थ रखने में काफी ज्यादा फ़ायदेमंद है तो उसी प्रकार योग में कुछ हस्त मुद्राएं भी होती है। वो भी योगा के समान लाभदायक होती है जिस को करने से आपको आपकी शारीरिक समस्या से साथ साथ मानसिक समस्याओं से भी छुटकारा मिल जायेगा।

सभी प्रकार की मुद्राएं अलग अलग समस्या के लिए होती है। सभी मुद्राओं में हाथ की उंगलियों का इस्तेमाल होता है साथ ही उंगलियां शरीर के किसी न किसी तत्व से जुड़ी होती है। अगर हम अपानवायु मुद्रा की बात करे तो यह भी हार्ट के लिए बहुत फ़ायदेमंद होती है।

अपानवायु मुद्रा को मृत-संजीवनी मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। इस मुद्रा को करने से डायरेक्ट हार्ट पर असर पड़ता है और ये मुद्रा हार्ट के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद है और साथ ही शरीर की और भी अंगो को लिए यह फ़ायदेमंद होती है। यह मुद्रा वायु मुद्रा और अपान मुद्रा से मिल कर बनी है।

यह मुद्रा शरीर में पेन किल्लर का काम करती है और गैस की समस्या को भी दूर करती है इसी प्रकार से इस मुद्रा को करने से आपको कई फायदे होते है। तो इस लेख में पढ़े Apan Vayu Mudra के बारे में की इसे कैसे करते है, करते समय क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए और और उससे क्या फायदे होता है।

Apan Vayu Mudra: जाने अपानवायु मुद्रा के बारे में

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अपानवायु मुद्रा करने का समय

  • अपानवायु मुद्रा का असर तब ही होता जब आप इसे रोज़ाना करते है।
  • इस मुद्रा को आप सुबह, दोहपर या शाम को भी कर सकते है।
  • सुबह या शाम इस मुद्रा का अभ्यास करना ज्यादा फ़ायदेमंद होता है।
  • इस मुद्रा का अभ्यास आप 16 - 16 मिनट के लिए कर सकते है।

अपानवायु मुद्रा को करने की विधि

  • इस मुद्रा को करने के लिए आप पहले जमीन पर चटाई या अपनी मैट बिछा ले।
  • अब उस पर पद्मासन या फिर चाहे तो सिद्धासन की अवस्था में बैठ जाए।
  • ध्यान रखे की आप एकदम सीधे बैठे हो और आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी हो।
  • अब अपने दोनों हाथो को एकदम सीधा अपने पैरो के घुटनो पर रख ले।
  • हाथों की हथेलियाँ आकाश की ओर हो।
  • अब अपने हाथो के तर्जनी उंगलियों को थोड़ा मोड़े और मोड़ते हुए तर्जनी ऊँगली के ऊपरी हिस्से को अंगूठे की जड़ों में लगाए।
  • अब अनामिका और मध्यमा ऊँगली को मोड़ कर अंगूठे के ऊपरी हिस्से से स्पर्श करे।
  • अनामिका और मध्यमा ऊँगली से अंगूठे के ऊपरी हिस्से पर हल्का सा दवाब बनाए ।
  • अब इस अवस्था में जब तक आप बैठना चाहे बैठे पर 16 मिनट तक तो इसे ज़रूर करे।
  • अब अपनी सांसो पर ध्यान लगाए और साथ ही सांसे सामान्य रूप से ले।

अपानवायु मुद्रा करने के फायदे

पाचन क्रिया में मददगार

  • इस मुद्रा को करने से आपको वात रोग, पित्त की समस्या, और कफ से राहत मिलती है और साथ ही इसकी वजह से पाचन क्रिया भी ठीक रहती है।

हृदय की समस्यायों में मददगार

  • अपानवायु मुद्रा हृदय के लिए काफी ज्यादा फ़ायदेमंद है।
  • यह मुद्रा हृदय को तुरंत फायदा पहुँचती है।
  • उस मुद्रा को करने से शरीर में वायु का स्तर बढ़ जाता है जिससे की हृदय की रक्त वाहिनियाँ स्वस्थ रहती है।
  • यह मुद्रा करने से हृदय में हो रही सिकुड़न दूर होती है।
  • मध्यमा और अनामिका ऊँगली का सम्बन्ध हृदय से जुड़ी सभी नाड़ियो से होता है।
  • जिसकी वजह से ही यह मुद्रा हृदय से जुड़ी सभी समस्या से राहत दिलाने में सक्षम होती है।

हाई ब्लड प्रेशर में लाभकारी

  • यह मुद्रा हाई ब्लड प्रेशर में भी काफी ज्यादा फ़ायदेमंद है।
  • यह मुद्रा हाई और लो दोनों ही प्रकार के ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर के उन्हें सामान्य रखने में सक्षम होती है।
  • यह मुद्रा हार्ट अटैक होने पर तुरंत फायदा पहुँचती है।

कमजोर दिल वाले लोगो के लिए मददगार

  • जिन लोगो का दिल कमजोर होता है उन्हें इस मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए।
  • कमजोर दिल वाले लोगो को जैसे ही हार्ट अटैक आता है उन्हें इस मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए जिससे की उन्हें जल्दी ही फायदा होगा।

पेट की समस्या में लाभकारी

  • पेट की गैस में यह मुद्रा काफी ज्यादा फ़ायदेमंद होती है क्योंकि इस मुद्रा में वायु मुद्रा भी शामिल होती है जो पेट के लिए फ़ायदेमंद होती है।
  • इस मुद्रा को करने से पेट का दर्द और पेट में हो रही बेचैनी भी ठीक हो जाती है।
  • पेट की समस्या से राहत पाने के लिए आपको इस मुद्रा में कम से कम 20 से 30 मिनट के लिए में बैठना चाहिए।
  • हमारे पेट का दर्द या पेट की एसिडिटी शरीर में और भी समस्या को पैदा कर देती है जैसे आधे सर का दर्द, गैस, हृदय में जलन आदि इस मुद्रा से सभी प्रकार की चीज़ो से राहत मिलेगी।
  • यह मुद्रा शरीर में वायु का संचार बढ़ाती है जिससे पेट की सभी समस्या में लाभ होगा।
  • यह मुद्रा घबराहट में भी लाभदायक होती है।

अगर आपको भी हृदय या फिर पेट से रिलेटेड किसी भी प्रकार की समस्या है तो आपको भी ऊपर बताई गयी अपान वायु मुद्रा अभ्यास करे जिससे की आप को हृदय और पेट की समस्या से राहत मिल पाएगी और आप हमेशा के लिए स्वस्थ रह पाएंगे।

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