नवजात बच्चों के जन्म से लेकर अगले छह माह तक के लिए मां के दूध का सेवन बहुत ज्यादा लाभकारी होता है। शुरूआती छह महीने हर बच्चा सिर्फ और सिर्फ अपनी माँ के दूध पर ही निर्भर रहता है और इसके इतर बच्चे को कुछ भी नहीं पिलाया या खिलाया जाता है। शुरूआती छह महीने में माँ के दूध से ही नवजात बच्चे का पूर्ण विकास होता है।बच्चे के ग्रोथ के अलावा मां का दूध नवजात बच्चे को बहुत तरह के बीमारी से भी बचा कर रखता है।
अगर आप बच्चे को Breastfeeding नहीं करवाएंगे तो इसकी वजह से आपके बच्चे की शारीरिक तथा मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाएगी और इसका उनपर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। मां के Dudh की तुलना बच्चों के लिए किसी भी दूसरे आहार से बिलकुल भी नहीं की जा सकती है। मां का दूध बच्चों के लिए अमृत समान होता है। स्तनपान से जहाँ एक तरफ शिशु को आहार के दृष्टि से दुनिया का सर्वश्रेष्ठ भोजन मिलता है वही माँ और बच्चे में इस वजह से एक भावनात्मक लगाव भी हो जाता है जो ताउम्र बना रहता है।
मां बनना अपने आप में एक गजब की भावनात्मक संतुष्टि दे जाता है पर यह संतुष्टि आपको बहुत प्रकार की जिम्मेदारियां भी दे कर जाता है। एक मां की इन्हीं महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में एक होता है, अपने नवजात शिशु का पोषण करना और उसे Breast Milk का सेवन करवाना। ऐसा कहा जाता है कि जो बच्चे अच्छे से स्तनपान करते हैं उनका मानसिक ग्रोथ स्तनपान नही कर पाने वाले बच्चे से बेहतर होता है। कई सारी पोषक तत्वों से परिपूर्ण मां के दूध में वो हर प्रकार की खूबी होती है जो बच्चे को घातक रोगों से बचाती है।
मनोवैज्ञानिको का ऐसा मानना होता है की स्तनपान करवाने से माँ और बच्चे के मध्य एक प्रकार का भावनात्मक रिश्ता जुड़ जाता है जिससे बच्चा धीरे धीरे मां की गंध को जल्दी पहचानने लग जाता है। जहाँ बच्चों को स्तनपान करवाने से अच्छा पोषण मिल जाता है वहीं इससे मां को भी बहुत तरह के लाभ मिलते हैं। आज के लेख में हम जानेंगे स्तनपान करवाने से मां तथा बच्चे को किस प्रकार के लाभ मिलते है। तो आइए पढ़ते हैं के Breastfeeding In Hindi बारे में।
Breastfeeding In Hindi: स्तनपान कराना माँ और बच्चे दोनों के लिए होता है फ़ायदेमंद
बच्चे के जन्म लेने के बाद बच्चे को केवल मां के दूध की आवश्यकता रहती है। इस वक़्त बच्चा इतना छोटा होता है कि वो कोई भी दूसरा आहार पचा नहीं पाता है। बच्चे के जन्म लेने के 6 महीने तक केवल मां के दूध पर ही शिशु निर्भर रहता है और इन दिनों में इसी आहार पर बच्चे का पूरा शारीरिक तथा मानसिक विकास निर्भर होता है। आइये जानते हैं Benefits of Breastfeeding.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाए
- बच्चों के लिए मां का दूध बहुत सारे पोषक तत्वों से परिपूर्ण होता है।
- माँ के दूध में उपस्थित पोषक तत्व बॉडी के अंदर उपस्थित घातक सूक्ष्म जीवों को खत्म करके बॉडी के अंदर ऐसे सूक्ष्म जीवों की तादाद बढ़ाते हैं जो बच्चों में होने वाली सर्दी, जुकाम तथा अन्य संक्रमित रोगों से बचाव करते हैं।
- Breast Feeding करवाना नवजात बच्चे के लिए एक प्रकार का सुरक्षा कवच की तरह होता है जो बच्चों को आने वाली भविष्य में होने वाली घातक रोगों से लड़ने में मददगार होता है।
- ख़ास कर के मां के स्तन से जो पहली बार गाढ़ा और पीले रंग का दूध निकलता है वो बच्चे को संक्रमण से बचाता है और रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत बनाने में सहायता करता है।
बच्चे के दिमागी विकास में मददगार
- मां के दूध के अंदर डीएचएचए नामक तत्व होता है जो बच्चे के मस्तिष्क को तीक्ष्ण बनाने का कार्य करता है।
- Women Breastfeeding से नवजात शिशु को अपनी माँ के साथ एक भावनात्मक सुरक्षा का एहसास होता रहता है, जिसके कारण उसके मस्तिष्क के सही विकास में मदद मिलती रहती है।
- जो बच्चे स्तनपान नहीं करते हैं उनकी बनिस्पत वो बच्चे जो स्तनपान करते हैं वे किसी भी समूह या स्कूल आदि में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करते हैं। अतः Breastfeeding Baby ज्यादा तंदुरुस्त होते हैं।
मोटापे की समस्या से रखे दूर
- जब मां अपने नवजात शिशु को स्तनपान करवाती है तो जैसे ही शिशु का पेट भरता है वैसे ही उसे असीम तृप्ति की अनुभूति होती है जिसकी वजह से शिशु को जितनी जरुरत होती है बस उतनी ही दूध पीता है।
- मतलब बच्चा कभी भी आवश्यकता से अधिक दूध नहीं पी पाता और इसकी वजह से बच्चे के शरीर पर आवश्यकता से ज्यादा चर्बी नहीं चढ़ पाती है।
- जो बच्चे स्तनपान के बजाय बोतल आदि से दूध पीते हैं वे आवश्यकता से अधिक दूध पी जाते हैं और इसकी वजह से मोटापे का शिकार भी हो जाते हैं।
- जहाँ तक बात मां के दूध की करें तो यह बेहद सुपाच्य होता है और इसके सेवन से भविष्य में बच्चे को ब्लड कैंसर, डाइबिटीज और है ब्लड प्रेशर जैसी परेशानियां नहीं होती हैं।
जबड़ों को दे मज़बूती
- नवजात बच्चे का मुंह माँ के स्तन से स्तनपान के लिए बहुत अनुकूल होता है इस दौरान बच्चे के मुंह में जबड़ों का अच्छे से विकास होता है।
- स्तनपान करने से बच्चों के दांत निकलने में मदद मिल जाती है।
- स्तनपान के कारण ना सिर्फ बच्चों के जबड़े मजबूत होते हैं, बल्कि इसी वजह से आगे चलकर उनके दाँत निकलने के समय भी उन्हें किसी प्रकार की समस्या नहीं होती।
गर्भाशय का सामान्य हो जाना
- बच्चे को स्तनपान कराने वाली माँ का गर्भाशय पुनः अपने उचित आकार प्रकार में जल्द आ जाता है।
- इसके कारण रक्तस्राव की समस्या में भी कमी आती है।
- इसके कारण माहवारी के पुनः आरम्भ होने की प्रक्रिया भी कुछ देर से शुरू होने में मदद मिल जाती है।
- स्तनपान करवाने से फिर से जल्दी प्रेग्नेंट हो जाने की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
अन्य फायदे
- माँ अगर स्तनपान करवाती है तो इसकी वजह से उनमे गर्भाशय, ओवरी के साथ साथ स्तन के कैंसर जैसी घातक बीमारियों के होने का जोखिम भी कम हो जाता हैं। बीमारी होने का खतरा कम होता है।
- माँ जब शिशु को जन्म दे देती है तो इसके बाद उसके बॉडी को आराम की जरुरत होती है और जब वो बच्चे को स्तनपान करवाती है तब सारे काम छोड़कर उन्हें बैठना होता है। इससे उसके शरीर को आराम मिलता है।
तो ये थे कुछ उपयोगी फायदे जो माँ और बच्चे को स्तनपान करवाने और करने से मिल जाते हैं। अगर आप भी नई नई माँ बनी हैं तो लेख में बताये गए Breastfeeding Tips का ध्यान रखें और इन्हे ज़रुर फॉलो करें।