सांसे तो सभी लेते है लेकिन क्या आपको पता है की सांसो के लेने के तरीके को अगर बदल दिया जाए या फिर सांसो को लेने पर ध्यान दिया जाए तो यह आपको कई रोगों और समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है।
आपका साँस लेने का तरीका आपको हमेशा के लिए सेहतमंद बनाए रख सकता है। कई हज़ारो वर्षो से साँस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर काफी शोध किया गया है और साँस लेने और छोड़ने की इस प्रक्रिया को प्राणायाम कहा जाता है।
अलग अलग प्रकार के प्राणायाम के अभ्यास करने से कई समस्याओं के समाधान मिल जाते है। आपको किस प्रकार की साँस लेनी चाहिए, कब सांसो को छोड़ना चाहिए, यह सब आपके रोगों को ठीक करने में कारगर होते है।
इस लेख में आज आप जानेंगे की किस तरह से साँस लेने से मन को शांति मिलती है और यह आपको कौन से फायदे पहुंचता है। साथ ही जानेंगे कुछ प्रमुख प्राणायामो के बारे में। पढ़े Breathing Exercises in Hindi.
Breathing Exercises in Hindi: ब्रीथिंग एक्सरसाइज क्या है, जाने इसके फायदे
दिमाग को हमेशा एक्टिव रखे
- मैडिटेशन भी प्राणायाम में ही आता है।
- Yoga Breathing Exercises में मैडिटेशन बहुत उपयोगी होता है, इसे करते समय सांसो पर ध्यान केंद्रित करने को कहा जाता है।
- मतलब की एक तरह से सांसो को नियंत्रित किया जाता है।
- साथ ही इससे साँस लेने और छोड़ने दोनों तरीको में थोड़ा बदलाव आता है।
- सांसो पर ध्यान देने से मनुष्य के दिमाग की कुछ नसें एक्टिव ह जाती हैं।
- इससे दिमाग के आकार में भी वृद्धि होती है।
- जिस वजह से दिमाग ज्यादा सक्रीय हो जाता है।
- हावर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में यह साबित हुआ है की मैडिटेशन के दौरान जब सांसो पर ध्यान केंद्रित किया जाता है तो इससे दिमाग के कॉर्टिकल को मजबूती मिलती है।
हार्ट बीट में सुधार
- शायद ही किसी को पता हो की सभी लोगो की हार्ट बीट की स्पीड में अंतर् होता है।
- हार्ट रेट में ज्यादा अंतर् और स्थिरता भी कई बार हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
- एक स्टडी में यह साबित हुआ है की अलग अलग प्रकार के प्राणायामो का अभ्यास करने से हार्ट रेट में सुधार आता है।
- अलग अलग प्राणायाम को करते समय कभी कभी साँस गहरी ली जाती है और कभी कभी तेज़ी से जो हार्ट रेट की स्थिरता में सुधार लाती है।
- इससे दिल काफी मजबूत और स्वस्थ रहता है।
- प्राणायाम में गहरी साँस लेने और छोड़ने से दिल पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- इससे फेफड़ों और मांसपेशियों को भी काफी मजबूती मिलती है।
- इसके लिए Kapalbhati in Hindi को किया जा सकता है।
स्ट्रेस से दिलाये राहत
- सांसो पर ध्यान केंद्रित कर के ही मनुष्य अपने तनाव से मुक्ति पा सकता है।
- अगर कोई इंसान डिप्रेशन से पीड़ित है तो उसे ब्रीथिंग एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए।
- इसके अभ्यास मात्र से ही मनुष्य काफी ज्यादा रिलैक्स फील करने लगता है।
- स्ट्रेस के लिए कुछ ऐसी ब्रीथिंग एक्सरसाइज करे जिसमे गहरी सांसे लेनी और छोड़नी पड़ती हो।
- इस तरह की ब्रीथिंग एक्सरसाइज से शरीर के साथ साथ दिमाग को भी मानसिक शांति मिलती है।
- स्ट्रेस फ्री होने के लिए शांत वातावरण में बैठ कर ब्रीथिंग एक्सरसाइज करे।
- तनाव मुक्त करने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम करे। यह Anulom Vilom Benefits में से एक है।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहे
- जो लोग भी ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित है उन्हें तो अवश्य ही प्राणायाम का सहारा लेना चाहिए।
- जिन लोगो को हमेशा हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है उन के लिए प्राणायाम काफी मददगार होता है।
- जब कभी भी ब्लड प्रेशर सामान्य से बढ़ता नज़र आये तो गहरी साँसे लें और छोड़े इससे हाई ब्लड प्रेशर सामान्य स्तर पर आ जाएगा।
- जिस किसी को भी हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो उन्हें कुछ देर के लिए शांत जगह पर बैठ कर धीरे धीरे गहरी सांसे लेना चाहिए।
- एक स्टडी में यह पाया गया है की धीरे और गहरी साँस लेने से ब्लड वेसल्स रिलैक्स रहती है और बॉडी में ब्लड फ्लो सही बना रहता है।
एंग्जाइटी की समस्या में फायदेमंद
- जरनल टीचिंग एंड लर्निंग मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी में यह साबित हुआ है की जो लोग ब्रीथिंग एक्सरसाइज करते है उन्हें एंग्जाइटी की समस्या नहीं होती है।
- कोई भी इंसान अगर डीप ब्रीथिंग मैडिटेशन करता है तो उन लोगो में खुद पर अविश्वास, ध्यान में कमी जैसी समस्याओ का सामना नहीं करना पड़ता है।
- इसी के साथ ब्रीथिंग एक्सरसाइज करने से नकारात्मक विचार भी कम आते है।
- जो एकग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है।
जेनेटिक स्ट्रक्चर में सुधार
- कई वैज्ञानिको के शोधो में यह साबित हुआ है की नियमित रूप से अगर प्राणायाम किया जाए तो जेनेटिक स्ट्रक्चर में बदलाव लाया जा सकता है।
- इसका मतलब अगर किसी प्रकार की कोई जेनेटिक समस्या है तो इसमें प्राणायाम काफी मददगार साबित होगा।
- इस डीप ब्रीथिंग का नियमित अभ्यास काफी जरुरी है जिससे शरीर में अच्छे जींस ज्यादा संवेदनशील बनते है।
- यह मन में बार बार आये परिवर्तन में स्थिरता बनाता है। साथ ही मन को शांत रखने में सक्षम होता है।
शरीर की गंदगी को दूर करे
- प्राणायाम का नियमित रूप से अभ्यास करने से शरीर की गंदगी दूर होती है।
- प्राणायाम करते समय गहरी साँस लेने और छोड़ने से शरीर विष से मुक्त हो जाता है।
- और सामान्य तौर पर साँस लेने से शरीर के सभी पार्ट्स से विष मुक्त होने में अधिक समय लगता है।
ब्लड बनाने में मदद करता
- नियमित रूप से प्राणायाम करने से शरीर में सही और ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई होना शुरू हो जाता है।
- सांसो की गहरी और धीमी लय खून बनाने में कभी मददगार होती है।
- इससे शरीर में ब्लड का फ्लो सही रहता है और साथ ही खून बनाने की प्रक्रिया भी तेज़ होती है।
- ब्रीथिंग एक्सरसाइज में Anulom Vilom Pranayam काफी ज्यादा फायदेमंद साबित होगा।
इस ऊपर दिए लेख में आज हमने आपको बताया की ब्रीथिंग एक्सरसाइज नियमित रूप से करने से शरीर को किस तरह के फायदे होते है। इन फायदों के लिए डीप ब्रीथिंग मैडिटेशन का सहारा जरूर लें। यह साँस लेने की प्रक्रिया मन को शांत रखते हुए सकारात्मक प्रभाव भी डालती है। इसी के साथ यह दिमाग को ज्यादा सक्रीय रखती है।