Cyst in Pregnancy: गर्भावस्था के दौरान घातक हो सकती है सिस्ट, जानिए इसके जोखिम

Cyst in Pregnancy: गर्भावस्था के दौरान घातक हो सकती है सिस्ट, जानिए इसके जोखिम

गर्भावस्था एक ऐसी अवस्था होती है जिसमे गर्भवती महिला को अपना पूरा ध्यान रखना पड़ता है। ताकि माँ और शिशु दोनों स्वस्थ रह सके।

कई सावधनियां बरतने के बाद भी कुछ गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कई समस्याएं आने लगती है, जिसमे से एक है सिस्ट का होना।

गर्भावस्था के दौरान सिस्ट का होना घातक हो सकता है। सिस्‍ट एक प्रकार का अल्सर होता है जो की महिला की ओवरी में होता है। वे द्रव से भरे हुए थैले होते हैं जो एक महिला के अंडाशय में या उसके अंदर होते हैं। शुरुआती लक्षणों में सिस्ट को पहचानना कठिन होता है क्योंकि शुरू में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते है।

देखा आये तो आज के युग में 25-60 वर्ष की महिलाओं में करीब 20-30 प्रतिशत महिलाओं को इस प्रकार की समस्या होती है। जानते है Cyst in Pregnancy महिला को किस प्रकार प्रभावित करती है।

Cyst in Pregnancy - क्या है यह समस्या व अन्य जानकारी

Pregnancy-Cyst

बन सकती है बांझपन की स्थिति

  • गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय अपने वास्तविक आकर से बड़ा हो जाता है। और जब अंडाशय से अंडा बाहर आने लगता है तो यह अंडा गर्भाशय नलिका से होते हुए गर्भाशय में पहुँच जाता है।
  • अगर अंडा निषेचित होता है तो उसका विकास गर्भाशय की दीवार के साथ मिल कर वही पर गर्भ के रूप में हो जाता है। लेकिन अगर अंडा निषेचित नहीं होता तो यह मासिक धर्म के समय ही बाहर आता है।
  • अगर गर्भाशय में कोई फाईबराइड मौजूद है और अंडा पहले से निषेचित तो हो तब भी उसका विकास गर्भ के रूप में नहीं हो पाता और ऐसी स्थिति आने पर बांझपन की समस्या उत्पन्न होती है।

गर्भावस्था में सिस्ट होने का खतरा

  • सिस्ट के अनुवांशिक होने के कारण भी यह गर्भावस्था के दौरान घातक होता है।
  • जिन जगहों पर भोजन के दौरान वसा का उपयोग अधिक होता है वहां पर सिस्ट का खतरा सबसे अधिक पाया जाता है।
  • जो महिलाएं ज्यादा उम्र होने पर अपने पहले बच्चे को जन्म देती है उन्हें भी यह समस्या होने की सम्भावना अधिक होती है।

सिस्ट के बारे में अन्य जानकारी

  1. गर्भावस्था के दौरान हुए सिस्ट के उपचार के बारे में अभी तक पर्याप्त जानकारी नहीं है।
  2. इसका उपचार हार्मोनल दवाओं के द्वारा किया जाता है।
  3. इन हार्मोनल दवाओं का असर बहुत कम समय के लिए ही होता है इसलिए जब इन दवाओं का सेवन बंद कर दिया जाता है तो यह बीमारी फिर से पनपने लगती है। साथ ही इसका रूप पहले से ज्यादा गंभीर हो जाता है।
  4. बीमारी के ज्यादा गंभीर होने पर इसके उपचार के लिए ऑपरेशन करना पड़ता है।
  5. ऑपरेशन के बाद महिलाओं के लिए और भी कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
  6. जिन महिलाओ की ओवरी हटा दी जाती है उनमें कई प्रकार की मानसिक एवं शारीरिक विकृतियां जन्म ले लेती है।

सिस्ट से बचने के लिए गर्भवती महिला को ज़रुरी है की वह समय समय पर अपने डॉक्टर से जाँच कराये। साथ ही गर्भावस्था के दौरान बरतने योग्य सावधानियों को ध्यान रखे और उसका पालन करे।

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