यह तो सभी जानते है कि मानव शरीर को कम से कम 75% पानी की जरूरत होती है अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए। ऐसे में अगर किसी की बॉडी में पानी की कमी हो जाए तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
अगर किसी को यह समस्या प्रेगनेंसी के दौरान होती है तो यह ज्यादा गंभीर साबित होती है। क्योंकि इस दौरान बॉडी को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। माँ जो पानी पीती है उससे ही शिशु को भी पोषण मिलता है।
अगर शरीर में पानी सही मात्रा में होता है तो इससे बच्चे का विकास सही तरीके से हो पाता है। गर्भवती महिला को दिन में कम से कम 10 गिलास पानी पीना चाहिए। अगर पर्याप्त मात्रा में पानी न पिया जाये तो गर्भवती महिला डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकती है। इसलिए इसके लक्षणों को पहचानना चाहिए और सही समय पर इसका उपचार करना चाहिए।
आज हम आपको बता रहे कि प्रेंग्नेंट महिला को डिहाइड्रेशन होने पर क्या करना चाहिए और इसके लक्षण क्या होते है। आइये जाने Dehydration During Pregnancy.
Dehydration During Pregnancy: जानिए प्रेगनेंसी के दौरान निर्जलीकरण होने पर क्या करें
प्रेगनेंसी के दौरान डिहाइड्रेशन होने के कारण
गर्भवती महिला में मॉर्निंग सिकनेस होना
- 50% से 80% तक महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस की शिकायत करती है।
- यह समस्या डिहाइड्रेशन का एक अहम कारण है।
- यह स्थिति चार से छः हफ्तों के दौरान दिखाई देती है जो 10वें से 16वें हफ्ते में बहुत ज्यादा होती है।
- इसमें ज्यादातर जी मचलाना, उलटी होना, और पसीना आना आदि जैसी समस्या रहती है।
- सेकंड ट्राइमेस्टर आते आते यह लक्षण कम हो जाते है।
- लेकिन कुछ कैस में यह लक्षण सेकंड ट्राइमेस्टर में भी दिखाई देते है।
- मॉर्निंग सिकनेस में होने वाली समस्या की वजह से पानी का मात्रा शरीर में कम हो जाती है जिससे यह धीरे धीरे डिहाइड्रेशन का रूप ले लेती है।
गर्भवती महिला में हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis Gravidarum) समस्या
- यह एक रेयर समस्या होती है जो सिर्फ 2% महिलाओ में देखने को मिलती है।
- इस समय के लक्षण बिलकुल मॉर्निंग सिकनेस की तरह ही होते है।
- बस इसमें उलटी और जी मचलाने की समस्या थोड़ी ज्यादा बढ़ जाती है।
- इस समस्या में महिला की बॉडी से पानी बाहर निकल जाता है और एलेक्ट्रॉइट भी।
गर्भवती महिला को डायरिया होना
- गर्भावस्था में हार्मोनल चैंजेस की वजह से भी यह समस्या हो जाती है।
- इसके अलावा आहार संबंधी आदतों और कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से भी डायरिया की समस्या हो जाती है।
- जो ज्यादातर तीसरे तिमाही में देखने को मिलती है।
- इस वजह से शरीर में पानी काफी मात्रा में कम हो जाता है। जो डिहाइड्रेशन का कारण भी बनता है।
पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना
- अगर गर्भवती महिला पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीती है।
- गर्भवती महिला को सामान्य से ज्यादा पानी पीना चाहिए। जिससे की बच्चे की पानी की जरूरत पूरी हो सके।
- इसका मतलब ये नहीं होता कि आप ज्यादा मात्रा में पानी पीना शुरू कर दे क्योंकि ज्यादा पानी पीने से भी बॉडी में कम्प्लीकेशन बढ़ सकते है।
ज्यादा उम्र में गर्भवती होना
- जो महिलाएं 35 से अधिक आयु में गर्भवती होती है उन्हें भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो ही जाती है।
- क्योंकि उनकी बॉडी ज्यादा पानी नहीं बचा पाती है।
आर्द्रता की शिकायत होना
- यह समस्या ज्यादातर गर्मियों में अधिक तापमान और पसीना आने से होती है।
- इससे भी डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न होती है।
प्रेगनेंसी के दौरान डिहाइड्रेशन के लक्षण
- बार बार प्यास लगना, कई बार लोग इस लक्षण को नज़र अंदाज़ कर देते है।
- चक्कर आना, ज्यादातर यह तब होना जब आप खड़े रहते हो। यह इसलिए होता है क्योंकि डिहाइड्रेशन की वजह से ब्लड प्रेशर कम होने लगता है।
- सिर दर्द रहना या माइग्रेन का दर्द होना।
- यूरिन का कलर डार्क होना और साथ ही ज्यादा स्मेल आना।
- त्वचा, नाक और मुँह का सुख जाना।
- जुबान पर सूजन और होठो का फटना।
- जी मचलाना और उलटी होना इसी के साथ पेट में दर्द होना।
- बॉडी में कमजोरी रहना।
- कंसंट्रेशन में कमी आना।
- पाइल्स की शिकायत होना।
- युटीआई की समस्या होना।
प्रेगनेंसी के दौरान डिहाइड्रेशन से ऐसे बचें
- आपको अपनी बॉडी को हाइड्रेट रखना चाहिए।
- इसके लिए आपको पानी की चीज़ो का ज्यादा सेवन करना चाहिए जैसे जूस, छाछ आदि।
- एक गर्भवती महिला को कम से कम 5 से 6 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए यह बच्चे और माँ दोनो की पानी की कमी को पूरा करता है।
- अपनी बॉडी में पानी की कमी को पूरा करने के लिए आपको सुबह के खाने, दोपहर के खाने और रात के खाने के बीच बीच में भी पानी पीते रहना चाहिए।
- डिहाइड्रेशन की समस्या में आपको फलो के जूस का भी सेवन करना चाहिए।
- नारियल पानी का सेवन भी इस अवस्था में आपके लिए फायदेमंद है।
डिहाइड्रेशन का शरीर पर इफ़ेक्ट
- अगर शरीर में पानी की मात्रा कम होगी तो उससे खून गाढ़ा हो जाएगा और जिससे बॉडी की कार्यक्षमता कम हो जाती है।
- पानी की कमी से खून टोक्सिन बढ़ जाते है जो प्लेसेंटा के जरिये सीधे बच्चे के पेट में जाते है और बच्चे को नुकसान पहुंचाते है।
- पानी कम पीने से किडनी पर इसका असर होता है।
- शरीर में जब पानी का स्तर कम होता है तो सिर में दर्द और बॉडी में दर्द की शिकायत शुरू हो जाती है और साथ ही बॉडी पार्ट्स में सूजन आने लग जाती है।
- पानी की कमी से एसिडिटी बढ़ जाती है और साथ ही चक्कर आने की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
- आपको अपनी बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए रोजाना 3 लीटर पानी पीना चाहिए और इसके अलावा आप को पानी की कमी पूरी करने के लिए फ्रूट जूस का भी सहारा लेना चाहिए।
- शरीर में पानी की कमी होने से गर्भ में पल रहे बच्चे की त्वचा सिकुड़ जाती है।
गर्भावस्था के समय महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसी बात को धायण में रखते हुए यहाँ गर्भावस्था के समय डिहाइड्रेशन के क्या लक्षण होते है और यह किन कारणों की वजह से होता है। इस विषय में जानकारी दी है। साथ ही जाने गर्भावस्था के दौरान डिहाइड्रेशन से कैसे बच सकते है।