डिप्रेशन को दूर करने के लिए प्राकृतिक उपचार

डिप्रेशन को दूर करने के लिए प्राकृतिक उपचार

डिप्रेशन यानी अवसाद इन दिनों हमारी जीवनशैली में इस कदर घुलमिल चुका है कि खुदको इससे बचाने के लिए प्रभावी कोशिशों की जरूरत है। अवसाद एक द्वन्द है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। अवसाद यह संकेत देता है कि आप कई मनोविकारों का शिकार हो सकते हैं। अवसाद में सामान्यत: मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर अस्वस्थता का अनुभव करते हैं।

सर्दियों को अवसाद बढ़ाने वाला मौसम भी कहा जाता है। इस मौसमी अवसाद को सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (एसएडी) कहते हैं। सर्दियां आने के साथ ही दिन छोटे और रातें लंबी होने लगती हैं, जिस कारण लोगों की दिनचर्या पर प्रभाव पड़ता है। इससे लोग निराशा, एकाकीपन, अरुचि, भूख कम लगने और नकारात्मक सोच की समस्याओं से ग्रस्त होने लगते हैं। यही समस्या सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर होती है।

जीवन के कई अहम पड़ाव जैसे, किसी करीबी की मृत्यु, नौकरी चले जाना या शादी का टूट जाना आदि आमतौर पर अवसाद का कारम बनते हैं। इनके साथ ही यदि मन में हर समय कुछ बुरा होने की आशंका रहे तब भी अवसाद में जाने का जोखिम रहता है। ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और हमारी शारीरिक व मानसिक विकास में व्यवधान आता है। अवसाद से निपटने के कई तरीके व दवाएं हैं लेकिन अगर प्राकृतिक तरीकों से इसका निपटारा किया जाए तो बेहतर है। इससे आपकी सेहत को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा।

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डिप्रेशन या अवसाद से बचने के लिए आसान उपचार

Depression in Hindi

हार्मोन में बदलाव:-
सर्दी में दिन छोटे होने से मस्तिष्क के रसायन सेरोटोनिन और नोरएपिनेफ्राइन का बहाव तेज हो जाता है, जिस कारण लगभग हर व्यक्ति कहीं न कहीं इस अवसाद से प्रभावित होता है। दरअसल, हमारे शरीर में दो प्रकार के हार्मोन बनते हैं। पहला मेलाटोनिन, जो रात में बढ़ता है और दूसरा सेलाटोनिन, जो दिन में बढ़ता है।
घर के पास घूमने जा सकते हैं:-
बाहर निकल कर घूमने से मन बदल जाता है। घर के आस-पास की जगह, जहाँ प्राकृतिक वातावरण हो ऐसी जगह घूमने से मन बहल जाता है। आप घर के पास के पार्क, गार्डन या शहर के किसी दर्शनीय स्थल पर घूमने जा सकते हैं। सुबह-शाम कुछ देर घूमने से ही आपको अत्यधिक असर दिखाई देगा।
डर पर काबू पाएं:-
कई बार अवसाद का कारण किसी प्रकार का डर का कारण भी तनाव हो सकता है, इसलिए डर पर काबू करने का प्रयास करें। ऐसे समय में आप उन बातों पर विचार करें, जो आपके दिमाग को रिलैक्स करती हों, जैसे - संगीत सुनना, प्रार्थना करना, व्यायाम, किताब पढ़ना, आराम से बैठ जाना आदि।
विटामिन डी की कमी:-
विटामिन डी की कमी से भी सर्दियों में अवसाद होता है। दरअसल, विटामिन-डी का सबसे अच्छा और प्राकृतिक स्रोत सूर्य की किरणें हैं। सर्दियों में धूप कम निकलती है। अगर धूप निकल भी जाए, तो आलस की वजह से लोग अपनी रजाइयों में रहना पसंद करते हैं, धूप में नहीं बैठते। इससे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। अक्सर देखा गया है कि जैसे-जैसे मौसम बदलने लगता है, और लोग धूप के संपर्क में आने लगते हैं तो वो अपने आप अवसाद से बाहर निकल जाते हैं।
पर्याप्त नींद लें:-
अवसाद की समस्या तभी होती है जब या तो बहुत अधिक सोते हैं या बिल्कुल नहीं सो पाते हैं। इस समस्या से बचने के लिए बेड पर जाने का एक समय निर्धारित कर लें और हर रोज उसी समय पर सोएं। इससे आप अवसाद से तो बचेंगे ही साथ ही आपकी लाइफस्टाइल भी अच्छी होगी। अच्छी नींद के लिए आप चाहें तो सोने से पहले नहा सकते हैं या हर्बल टी या ग्रीन टी भी ले सकते हैं।

आप अपने खानपान से सर्दियों में सर्दी के मौसम में होने वाली इस समस्या से राहत पा सकते हैं। साथ ही, सर्दी में रोजाना कम-से-कम 20 मिनट का शारीरिक व्यायाम बहुत जरूरी है। अगर बाहर ज्यादा ठंड हो तो सुबह के बजाय शाम के समय सैर करने के लिए जाएं। और सबसे जरूरी चीज़, सर्दियों में जितना संभव हो, धूप लें। सर्दियों में ली गई धूप न केवल शारीरिक रोगों से, बल्कि मानसिक रोगों से भी बचाव करती है। तो आज ही से इन् उपचार की मदद से आप स्वस्थ रहे और अपने परिवार वालो को भी स्वस्थ रखे।

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