बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए कई टीके लगाए जाते है। उसमे से एक है खसरे का टीका और दूसरा रूबेला का टिका। रूबेला को जर्मन खसरा के नाम से भी जाना जाता है।
बच्चों के लिए यह बहुत ही घातक बीमारियाँ होती है। इसलिए इनसे बचने के लिए 2 वर्ष तक के बच्चों को MMR वेक्सीन के डोज दिए जाते है। पर अबसे 9 से 15 साल के बच्चों को Mr Vaccine का बूस्टर डोज दिया जाने वाला है।
श्वसन प्रणाली में वायरस, विशेष रूप से मोर्बिलीवायरस के जीन्स पैरामिक्सोवायरस के संक्रमण के कारण खसरा होता है। खसरा श्वसन के माध्यम से फैलता है और बहुत ही संक्रामक होता है। 90% ऐसे लोग जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है और जो संक्रमित व्यक्ति के साथ एक ही घर में निवास करते हैं, वे इसके शिकार हो सकते हैं।
रूबेला और खसरा से बच्चों को बचाने के लिए भारत में भी पोलियो जैसा ही मिशन चलाया जा रहा है। जिसमे उनके मिशन का नाम Measles Rubella Vaccination Campaign रखा गया है।
Mr (Measles Rubella) Vaccine: जानिए बच्चों को क्यों और कब दी जाती है यह वेक्सीन?
बच्चों को कब दी जाती है एमआर वैक्सीन?
- Mr Vaccine बच्चों को 2 वर्ष तक के अंतराल में इस वेक्सीन के 2 डोज दिए जाते है।
- एमआर वैक्सीन का पहला डोज 9 से 12 महीने के मध्य दिया जाता है।
- एमआर वैक्सीन का दूसरा डोज 16 से 24 महीने के बीच दिया जाता है।
- इसके अतिरिक्त बच्चों को एक और एमआर वैक्सीन का डोज दिया जाने लगा है जो की 9 महीने से 15 वर्ष तक के बच्चों को दिया जाता है।
एमआर वैक्सीन को कहाँ लगवाया जा सकता है?
- सरकार द्वारा यह वेक्सीन आंगनवाड़ी, सरकारी अस्पताल, मोबाईल वेन और स्कूल में मुफ्त लगाया जायेगा।
- यदि आप चाहे तो इसे प्राइवेट अस्पताल में भी लगवा सकते है।
कैसे दी जाती है यह वेक्सीन?
- इस वेक्सीन को हाथ की चमड़ी के नीचे दिया जाता है जिसे देने से पूर्व इसे, इसके साथ मिलने वाले एक घोल के साथ मिलाया जाता है।
- इस वेक्सीन को नयी सिरिंज के साथ दिया जाता है उसके बाद उसका दोबारा से उपयोग नहीं किया जाता है।
किसे यह वेक्सीन नहीं दी जाती है ?
कुछ स्थिति ऐसी भी होती है जिसमे एमआर वैक्सीन को नहीं दिया जा सकता है जैसे कि-
- यदि कोई बच्चा हॉस्पिटल में एडमिट हो
- यदि बच्चे को पहले वेक्सीन से एलर्जी हो गयी है
- फिट आने पर, अधिक बुखार आने पर या फिर बेहोशी की हालत में
कैसे काम करता है यह?
- Measles Virus Vaccine में विषाणु के क्षीण स्वरूप उपस्थित रहता है जो की शरीर की प्राकृतिक रक्षात्मक प्रणाली को उन संक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करने में सहायता करता है।
- यह एंटीबॉडी का उत्पादन करने हेतु प्रतिरक्षा तंत्र को सक्रिय करने का कार्य करता है जिससे खसरा के वायरस से रक्षा हो जाती है।
ऊपर दी गयी सभी जानकारी को पढने के बाद आप भी अपने बच्चे को यह टीका समय पर ज़रूर लगाए, ताकि आपका बच्चा बीमारी से बचा रहे।