पुदीना (Mint Leaves) एक हरे हरे रंग का छोटा सा पौधा होता है, जिसे किसी भी नमीदार जगह या फिर गमले में भी आसानी से उगाया जा सकता है। पुदीना में अधिक मात्रा में विटामिन A & C, मिनरल्स, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, कॉपर और पौटेशियम पाया जाता है इसलिए यह हमारे स्वास्थ के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। पुदीना से हम अलग अलग तरह के बहुत ही स्वादिष्ट डिश बना सकते है जैसे- चटनी, रायता,परांठे आदि और हम पुदीने का प्रयोग दवाईयों और घरेलू उपचारों के रूप में करते है तो आईये आज हम पुदीने से होने वाले फायदों के बारे में बात करेंगें।
पुदीने के विषय में प्रकाशित एक ताजे शोध से यह पता चला है कि पुदीने में कुछ ऐसे एंजाइम होते हैं, जो कैंसर से बचा सकते हैं। इसकी विभिन्न प्रजातियाँ यूरोप, अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया मे पाई जाती हैं। इसकी विभिन्न प्रजातियां यूरोप, अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में पाइ जाती हैं, साथ ही इसकी कई संकर किस्में भी उपलब्ध हैं। पिपरमिंट और पुदीना एक ही जाति के होने पर भी अलग अलग प्रजातियों के पौधे हैं। पुदीने को स्पियर मिंट के वानस्पतिक नाम से जाना जाता है।
पुदीने की खुशबू और स्वाद ताजगी भरने के लिए काफी होता है। इसमें विटामिन 'ए' की भरपूर मात्रा होती है। जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसके साथ ही इसमें कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं। भोजन का जायका बढ़ाने में भी पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है। पेट की तकलीफ में भी पुदीने का जवाब नहीं। आइए जानते हैं कि इन हरी महकदार पत्तियों में और क्या-क्या गुण समाये हैं।
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जानिए पुदीने के अनगिनत फायदे स्वस्थ से लेकर सौंदर्य तक
पिंपल दूर भगायें:-
पुदीने की कुछ पत्तियां लेकर पीस लें। उसमें 2-3 बूंदे नींबू का रस मिलाकर इसे चेहरे पर कुछ देर के लिए लगाएं। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। कुछ दिन ऐसा करने से मुंहासे ठीक हो जाएंगे और चेहरे पर चमक भी आ जाएगी।सांसें महकाये:-
सांसों की दुर्गंध को दूर करने के लिए पुदीने की सूखी पत्तियों के चूर्ण से मंजन करें। यह न केवल आपकी सांसों को ताजा बनाता है, बल्कि साथ कई अन्य दंत समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है। इसके साथ ही इससे मसूड़े भी मजबूत होते हैं।पेट के लिए अमृत:-
पुदीना पेट की कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। पेट की समस्याओं से बचने के लिए पुदीने का किसी न किसी रूप में प्रतिदिन सेवन अवश्य करना चाहिए। पुदीने की पत्तियों का ताजा रस नीबू और शहद के साथ समान मात्रा में लेने से पेट की हर बीमारियों में आराम दिलाता है।हिचकी दूर भगाए:-
हिचकी में पुदीने के रस को पीने से लाभ होता है। अगर आपकी हिचकी बंद न हो तो पुदीने के पत्ते में नींबू का रस मिलाकर लें। साथ ही पुदीने के पत्तों पर शक्कर डालकर हर दो घंटे में चबाने से हिचकी में फायदा होता है।बीपी को करे काबू:-
पुदीना उच्च और निम्न दोनों प्रकार के बीपी में मददगार होता है। हाई बीपी से पीड़ित व्यक्ति को बिना चीनी एवं नमक डाले ही पुदीने का सेवन करना चाहिए। जबकि लो बीपी के रोगी को पुदीने की चटनी या रस में सेंधा नमक, काली मिर्च, किशमिश डालकर सेवन करना चाहिए।सांस संबंधी रोगों में फायदेमंद:-
पुदीने में फेफड़ों में जमा हुए बलगम को शरीर से बाहर का विलक्षण गुण पाया जाता है। इसी कारण कफ से होने वाली खांसी और अस्थमा को दूर करता है। पुदीने को सुखाकर, इसे कपड़े से छानकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की एक चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ लें।उपयोग:-
मेन्थोल का उपयोग बड़ी मात्रा में दवाईयों, सौदर्य प्रसाधनों, कालफेक्शनरी, पेय पदार्थो, सिगरेट, पान मसाला आदि में सुगंध के लिये किया जाता है। इसके अलावा इसका उड़नशील तेल पेट की शिकायतों में प्रयोग की जाने वाली दवाइयों, सिरदर्द, गठिया इत्यादि के मल्हमों में काम आता है। अमृतधारा नामक बहुउपयोगी आयुर्वेदिक औषधि में भी सतपुदीने का प्रयोग किया जाता है। विशेष रूप से गर्मियों में फैलने वाली पुदीने की पत्तियाँ औषधीय और सौंदर्योपयोगी गुणों से भरपूर है।संस्कृत में पुदीने को पूतिहा कहा गया है, अर्थात् दुर्गंध का नाश करनेवाला। इस गुण के कारण पुदीना चूइंगम, टूथपेस्ट आदि वस्तुओं में तो प्रयोग किया ही जाता है, चाट के जलजीरे का प्रमुख तत्त्व भी वही होता है। गन्ने के रस के साथ पुदीने का रस मिलाकर पीने को स्वास्थ्यवर्धक माना गया है। सलाद में इसकी पत्तियाँ डालकर खाने में भी यह स्वादिष्ट और पाचक होता है। कुछ नहाने के साबुनों, शरीर पर लगाने वाली सुगंधों और हवाशोधकों (एअर फ्रेशनर) में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
औषधीय गुण:-
स्वदेशी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में पुदीने के ढेरों गुणों का बखान किया गया है। यूनानी चिकित्सा पद्धति हिकमत में पुदीने का विशिष्ट प्रयोग अर्क पुदीना काफ़ी लोकप्रिय है। हकीमों का मानना है कि पुदीना सूचन को नष्ट करता है तथा आमाशय को शक्ति देता है। यह पसीना लाता है तथा हिचकी को बंद करता है। जलोदर व पीलिया में भी इसका प्रयोग लाभदायक होता है।आयुर्वेद के अनुसार पुदीने की पत्तियाँ कच्ची खाने से शरीर की सफाई होती है। यह पाचन में सहायता करता है। अनियमित मासिक की शिकार महिला के शारीरिक चक्र में प्रभावकारी ढंग से संतुलन कायम करता है। यह भूख खोलने का काम करता है। पुदीने की चाय या पुदीने का अर्क यकृत के लिए अच्छा होता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में बहुत ही उपयोगी है।
मेंथॉल ऑइल पुदीने का ही अर्क है और दांतो से संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। जहरीले जंतुओं के काटने पर देश के स्थान पर पुदीने का रस लगा देने से विष का शमन होता है तथा पुदीने की सुगंध से बेहोशी दूर हो जाती है। अंजीर के साथ पुदीना खाने से फेफड़ों में जमा बलगम निकल जाता है।