भारत हमेशा से अपने प्राचीन उपचार विधियों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध रहा है। योग आयुर्वेद आदि का उपयोग भारत में प्राचीन काल से किया जाता रहा है। वक़्त वक़्त पे कई ऐसे लोग आये जिन्होंने इन विधाओं को आगे बढ़ाया। इन्ही में से एक थे श्री राजीव दीक्षित जी। Dr Rajiv Dixit ji सही तौर पर एक सच्चे और ईमानदार भारतीय नागरिक थे।
Rajeev Dikshit ने ना सिर्फ भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दिया बल्कि उन्होंने भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक नुस्खों का भी खूब प्रचार प्रसार किया। उन्होंने कई मौकों पर आयुर्वेदिक नुस्खों के माध्यम से बहुत सारी बीमारियों का उपचार करना बताया।
उन्होंने भारत के आम लोगों को इस प्राचीन उपचार विधि से एक बार फिर से रूबरू करवाया की किस प्रकार हमारे पूर्वज पुराने जमाने में आयुर्वेदिक माध्यमों से ही हर प्रकार की बीमारी का उपचार खुद कर लेते थे। इन उपचार विधियों में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग करके औषधि बना लेते थे और ये औषधि बहुत फ़ायदेमंद भी साबित होती थी।
आज के लेख में हम Dr Rajiv Dixit Ayurveda के अंतर्गत बताई गई अलग अलग विधियों के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे और जानेंगे की इसके माध्यम से किस प्रकार की समस्याओं को दूर कर सकते हैं। आइये जानते हैं Rajiv Dixit Ke Gharelu Nuskhe.
Rajiv Dixit Ke Gharelu Nuskhe: जाने आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर राजीव दीक्षित के घरेलु नुस्खे
कई सारी ऐसी स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं होती हैं जिसे हम आराम से आयुर्वेद में वर्णित घरेलू उपायों के माध्यम से दूर कर सकते हैं। Rajiv Ayurveda Chikitsa के अंतर्गत आइये जानते हैं ऐसे हीं कुछ उपयोगी नुस्खे।
बाल झड़ने की समस्या
- नीम के पत्तों से पेस्ट तैयार कर लें और अपने सिर में इसे कुछ समय तक लगा कर रखें। कुछ समय बाद इसे धो लें। ऐसा करने से बाल झड़ना रुक जायेगा।
- अगर आप बेसन को दूध या फिर दही में मिक्स कर के अपने बालों को इससे धोयेंगे तो इससे भी बालों में मजबूती आएगी।
- कच्चे पपीते को मसल कर इसका पेस्ट तैयार कर लें और इसे 10 मिनट तक के लिए सिर में लगा कर रखें। इससे बाल नहीं झड़ेंगे साथ हीं साथ डेंड्रफ की समस्या भी दूर हो जाएगी।
सर्दी जुकाम तथा कफ की समस्या
- अगर सर्दी के कारण आपकी नाक बह रही है तो काली मिर्च, तुलसी, अदरक को शहद में मिक्स कर के इस मिश्रण को दिन भर में तीन बार लेने से नाक बहना बंद हो जाएगा।
- गर्दन में हो जाने वाली खराश या फिर ड्राई कफ की समस्या में आप अदरक के पेस्ट को गुड़ या फिर घी में मिला कर खाएं। इससे बहुत आराम मिलेगा।
- स्नान करते वक़्त अपने शरीर पर थोड़ा नमक रगड़ लें, ऐसा करने से जुकाम या फिर नाक बहने की समस्या से निजात मिल जाती है।
- कफ की समस्या हो जाने पर तुलसी और शहद हर दो घंटे के अंतराल पर खाएं, जल्द फायदा मिलेगा।
शरीर और सांस में आने वाली दुर्गध की समस्या
- स्नान करने से पहले अपने बॉडी पर बेसन तथा दही का मिक्सचर लगाएं। ऐसा करने से स्किन पूरी तरह से साफ हो जाएगी और शरीर के सभी बंद रोम छिद्र खुल जायेंगे।
- गाजर के जूस का रोजाना सेवन करने से शरीर से आने वाली दुर्गध की समस्या से निजात मिल जाती है।
- पान के पत्ते तथा आंवले को सामान मात्रा में लें और पीस कर इसका पेस्ट बना लें। स्नान करने से पहले इस पेस्ट को अपने शरीर पर लगाएं। इससे फायदा मिलेगा।
- सांस में आने वाली दुर्गन्ध से निजात पाने के लिए आप रोजाना तुलसी के पत्ते को चबाएं।
- इसके अलावा आप इलाइची तथा लौंग को चूसकर भी सांस की बदबू से छुटकारा पा सकते हैं।
उच्च रक्त चाप की समस्या
- कुछ दिनों के लिए रोज़ाना आधा चम्मच मेथी दाने का पॉउड़र पानी के संग लेने से उच्च रक्त चाप की समस्या में लाभ मिलता है।
- इसके अलावा तुलसी और नीम के पत्ते साथ में कुछ दिनों तक सेवन करने से भी उच्च रक्त चाप की समस्या मे फायदा मिलता है।
- वहीं तांबे के बर्तन में 4-5 घंटे तक पानी को रख कर फिर उसका सेवन करने से भी रक्तचाप नियंत्रित होता है।
- अगर आप हर सुबह खाली पेट में दो कली लहसुन का सेवन करें तो ऐसा करने से भी उच्च रक्तचाप में लाभ मिलता है।
- लौकी का रस भी इसमें फायदा पहुँचाता है। इसके लिए रोज़ाना एक कप लौकी का रस सुबह सुबह खाली पेट सेवन करें। इससे लाभ ज़रूर मिलेगा।
- हर रोज अगर एक चम्मच तुलसी के पत्तों का बना रस पिया जाए तो यह सभी प्रकार के रोगों में फ़ायदेमंद होता है।
पैर में मोच आने पर
- पान या फिर आम के पत्ते को चिकना कर लें और फिर उस नमक डाल कर मोच वाले स्थान पर बांध ले। इससे काफी आराम मिलता है।
- अगर कभी चोट लग जाए तो चोट पर नमक में काला तिल, सूखा नारियल तथा हल्दी मिला कर इसका मिक्सचर पीस लें और उसे गरम कर के चोट पर लगाएं, आराम मिलेगा।
अस्थमा होने पर
- पहले तुलसी के पत्तों को साफ कर लें और उनमें पिसी हुई काली मिर्च मिक्स कर के खाएं। इससे अस्थमा नियंत्रण में रहेगा।
- दामे को नियंत्रण में रखने के लिए गर्म पानी में अजवाइन मिला कर इसका स्टीम लें।
किड़नी में पथरी
- कच्ची भिंड़ी को पतले पतले आकार में लम्बा लम्बा काट दें। एक कांच के बर्तन में 2 लीटर पानी डालें और इसमें कटी हुई भिंड़ी को ड़ाल कर पूरी रात के लिए रख दें।
- सुबह भिंड़ी को वर्तन के पानी में हीं साफ़ कर के बाहर निकाल लें और फिर ये पानी दो घंटों तक के धीरे धीरे पी लें। इससे पथरी से निजात मिल जाएगा।
आज के लेख में आपने Rajiv Dixit Ayurveda के अंतर्गत आपने कई सारे उपयोगी घरेलु नुस्खे जाने। ये नुस्खे आपको कई सारी बीमारियों से बचाने में मददगार साबित होते हैं। तो आपको या आपके परिवार में किसी को कोई भी बताई गयी समस्या हो तो वो तुरंत बताई गई विधि से इसका उपचार करवा कर इससे निजात पा लें। ये हमारे देश की प्राचीन उपचार पद्धति आज भी उतनी हीं प्रासंगिक है और असरकारक भी है। हमें इससे लाभ ज़रूर उठाने चाहिए।