आज का दौर सेल्फी का दौर हो चला है। सेल्फी लेना और उसे अपडेट करना मानो जैसे की जीवन का एक हिस्सा सा बन गया हो।
आज कल हर किसी को सेल्फी लेने का शौक रहता है। जिसे देखो वह सेल्फी लेता रहता है। बच्चे से लेकर बूढ़े तक इस प्रतिस्पर्धा में शामिल है। लोग अपने आपको सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहने के लिए भी सेल्फी लेते रहते हैं।
कुछ लोग सेल्फी के इतने आदि हो चुके है की सेल्फी के बिना उनका दिन ही पूरा नहीं होता है। दिन रात वह अपनी सेल्फी लेते रहते है। पर किसी भी क्रिया की अति तो अति ही होती है फिर वह किसी भी चीज की क्यों न हो। क्या आप इस बात को जानते है की ज्यादा सेल्फी लेने का यह शौक कभी कभी आपके लिए घातक परिणाम भी दे सकता है?
आपको बता दे की ज्यादा सेल्फी के आदि लोग बीमारी या संक्रमण का शिकार हो जाते है। इस लिए यदि आप भी सेल्फी के शौकीन है तो आपको इस बीमारी के बारे में जानकारी रखना ज़रुरी है इसके लिए जानिए Selfitis Disease के बारे में।
Selfitis Disease: जानिए क्या कहती है शोध, इसके लक्षण और कारण
क्या है सेल्फी वाली बीमारी ?
- लंदन की नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी और तमिलानडु की त्यागराजार स्कूल ऑफ मैनेजमेंट रिसर्च में एक रिसर्च किया गया। जिसमे सेल्फी से होने वाली बिमारी का पता चला है इस डिसऑर्डर को 'सेल्फाइटिस' का नाम दिया गया है।
- सेल्फाइटिस एक प्रकार की मानसिक बीमारी है।
- यदि कोई व्यक्ति दिन भर में तीन से ज्यादा सेल्फी लेता है तो वह इस बिमारी से ग्रसित हो सकता है।
- नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के मार्क ग्रिफिथ ने इस बीमारी को पता लगाने के लिए 'सेल्फाइटिस बिहेवियर स्केल' का भी निर्माण किया है।
- इस अलग तरह के बिहेवियर स्कूल को 200 लोगों के फोकस ग्रुप और 400 लोगों पर सर्वे के उपरांत ही बनाया गया है
- शोध में यह भी पाया गया है की ज्यादा से ज्यादा सेल्फी लेने वाले लोगो की यह आदत की नशे के हीं समान होने लगती है।
देश में रिसर्च करने का कारण
- देखा जाए तो भारत जैसे देश में सबसे अधिक यूजर्स है जो की फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते है।
- साथ ही अब तक भारत में सेल्फी के कारण सबसे अधिक मृत्यु में दर्ज की गयी है, जो की 60 फीसदी तक है।
- आपको बता दे की दुनियाभर में मार्च 2014 से सितंबर 2016 के मध्य 127 मौतें केवल सेल्फी लेने के कारण ही हुयी है। इनमे से 76 मौतें सिर्फ भारत जैसे देश में ही हुयी है।
उपरोक्त कारणों के चलते सेल्फी पर रिसर्च करना आवश्यक हो गया है।
क्या कहती है रिसर्च
- सेल्फाइटिस एक प्रकार की मानसिक स्थिति होती है जिसमे लोगो को बार-बार सेल्फी लेने की इच्छा होती है।
- साथ ही अपनी सेल्फी को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का जूनून होता है।
- शोध के दौरान यह भी पाया गया है की सेल्फाइटिस होने पर व्यक्ति की ऐसी स्थिति होती है की उसे हाथ में मोबाइल फोन न होने का फोबिया होने लगता है।
सेल्फाइटिस के लक्षण
शोध के अनुसार सेल्फाइटिस बीमारी के तीन प्रकार होते है। जिससे आप पहचान सकते है की किस व्यक्ति को सेल्फाइटिस जैसी बीमारी है। जानते है वह कौन से प्रकार है।
- बॉर्डरलाइन सेल्फाइटिस : प्रतिदिन तीन से ज्यादा सेल्फी लेने की लत का होना। परन्तु सोशल मीडिया पर इन सेल्फी को पोस्ट ना करने की आदत।
- एक्यूट सेल्फाइटिस : इसके अतिरिक्त ली गयी सेल्फी को सोशल मीडिया में पोस्ट करना प्रारम्भ कर देना।
- क्रॉनिक सेल्फ़ाइटिस: जो लोग हर समय सोशल मीडिया पर अपनी सेल्फी पोस्ट करते रहते है। इस प्रकार के लोग एक दिन में कम से कम 6 सेल्फी फोटो पोस्ट करते ही है।
सेल्फाइटिस का कारण
- मूड ठीक करने के लिए
- आत्मविश्वास उत्पन्न करने के लिए
- यादें संजो कर रखने के लिए
- प्रतिस्पर्धा के लिए
- खुद की स्वीकार्यता दिलाने हेतु
- इस सब कारणों के चलते वह सेल्फाइटिस का शिकार हो जाते है।
आवश्यक जानकारी
- उपरोक्त जानकारी को जानने के बाद जितना हो सके मोबाइल फोन को दूर रखे।
- कम से कम मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करे।
- साथ ही अपने बच्चों को भी मोबाइल फ़ोन और सेल्फी से दूर रखे।
- जरुरत से ज्यादा सेल्फी लेने से बचे।
अब तो आप समझ ही गए होंगे की सेल्फी लेना कितना खतरनाक हो सकता है । कई लोग तो केवल सेल्फी लेने के लिए दुर्घटना का शिकार भी हुए है। इसलिए अपना बचाव करे और सुरक्षित रहे।