आजकल के बदलते लाइफ स्टाइल और थकान भरे जीवन के कारण मनुष्य कई सारी बीमारियों का शिकार हो रहा है। अधिकतर लोग बढ़ते काम काज और ऑफिस के वर्क कल्चर में इतन ज्यादा उलझे रहते है कि खुद की लाइफ को एन्जॉय करना भूल जाते है और अपने परिवार को भी समय नहीं दे पाते। इस हालत में वे डिप्रेशन के शिकार हो जाते है।
डिप्रेशन का शिकार कोई भी हो सकता है। आज की जीवनशैली बहुत बदल गई है और आजकल काम का तनाव ज्यादा है जो लोगों को प्रभावित कर रहा है। एक अध्ययन से यह साबित हुआ है की किशोरों में डिप्रेशन की समस्या ज्यादा होती है। किशोरावस्था ऐसी उम्र होती है जहां बदन के साथ-साथ मस्तिष्क में भी बदलाव आते हैं। उस पर रिश्तों का ताना-बाना और सबसे बेहतर साबित होने का दबाव किशोरों को डिप्रेशन या अवसाद की तरफ धकेल देता है।
हाल ही में हुए शोध से यह पता चला है की डिप्रेशन का शिकार होने वाले लोगों में 13 से 17 साल के किशारों की तादाद 14.3 फीसदी है। जैसे जैसे समय बदल रहा इनकी तादाद बढ़ती जा रही है। अक्सर किशोरों में डिप्रेशन की वजह उनकी पढ़ाई का बोझ या फिर माता-पिता की डांट हुआ करती है। किशोरों की उम्र में मूड में बदलाव आना एक आम बात है। कई बार लोगों में डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देने के बाद भी वे उसे अनदेखा कर देते हैं और फिर आगे जाकर यह बड़ी परेशानी बन जाती है।
अक्सर किशोरों के व्यवहार, सोचने और बोलने के तरीको में अंतर् देखने से उनमे डिप्रेशन होने का पता चलता है। डिप्रेशन के चक्क्र में कई लोग अपनी जान भी दे देते है और कई लोगों का मानसिक संतुलन भी बिगड़ जाता है। डिप्रेशन एक आम समस्या है इससे आराम से छुटकारा पाया जा सकता है। आइये आज जानते डिप्रेशन के लक्षण क्या है और इसके कारण क्या है। आइये इस लेख में पढ़े Signs Of Depression In Teens.
Signs Of Depression In Teens: टीनएज में डिप्रेशन की समस्या के लक्षण और कारण
क्या है डिप्रेशन: What is Depression.
- डिप्रेशन या अवसाद एक मानसिक स्थिति होती है। यह एक तरीके का डिसऑर्डर होता है। जिसमे व्यक्ति लम्बे समय तक नाखुश रहता है।
- उसकी रूचि धीरे धीरे खत्म होने लगती है। डिप्रेशन के कारण मनुष्य में नेगेटिव फीलिंग्स उत्पन्न होने लगती है और वो अकेलापन महसूस करने लगता है ।
- डिप्रेशन में किसी भी इंसान को अपना एनर्जी लेवल लगातार घटता महसूस होता है। इस तरह की भावनाओं से वर्कप्लेस पर किसी भी इंसान की परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है।
- उसकी रोजमर्रा की जिंदगी भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहती। इस तरह के डिप्रेशन को क्लिनिकल डिप्रेशन कहा जाता है।
किशोरों में डिप्रेशन की समस्या
- डिप्रेशन में व्यक्ति यह सोच लेता है कि उससे कुछ नहीं होगा और वह अपनी हार स्वीकार कर लेता है।
- साईकोटिक डिप्रेशन किशोरों में ज्यादा पाई जाती है इसे Teen Depression की तरह माना जाता है।
- इस बीमारी में बच्चा अपने दिल में कोई बात बैठा लेता है और उसके बारे में हीं सोचता रहता है। अक्सर किशोरों में डिप्रेशन की वजह उनकी पढ़ाई का बोझ या फिर माता-पिता की डांट हुआ करती है।
- कई बार किशोरों में डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या करने का विचार भी आने लगता है।
डिप्रेशन के दो मुख्य प्रकार है
1 . मेजर डिप्रेसिव डिसोर्डर- इस तरह का डिप्रेशन व्यक्ति को सामान्य रूप से कामकाज नहीं करने देता। इसमें उसके सोने, खाने, पढ़ने और काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।
2. डीस्थ्यिमिक डिसोर्डर- इस तरह का डिप्रेशन व्यक्ति को 1 या 2 साल तक रहता है। इसमें व्यक्ति अस्वस्थ महसूस करता है। इसके लक्षण गंभीर नहीं होते लेकिन रोगी को इसमें काम करने में परेशानियां आती है।
किशोरों में अवसाद के लक्षण: Symptoms of Depression in Teens
- इसमें रोगी के अंदर चिड़चिड़ापन आ जाता है और कुछ काम करने के इच्छा नहीं होती।
- बहुत से बच्चों को स्कूल का होमवर्क करने के लिए कहने पर चिड़चिड़ा व्यवहार साने आता है।
- इस दौरान पीड़ित बच्चा अपने परिवार वालो से भी बात नहीं करता है।
- इसमें व्यक्ति उदास रहता है और किसी से भी बात नहीं करता बस गुमसुम के जैसे बर्ताव करने लगता है।
- वो अकेला रहना ज्यादा पसंद करता है। किसी से अपनी परेशानी शेयर नहीं करता है।
- जब व्यक्ति किसी परेशानी या दुःख को लेकर सोचता रहता है और वो यह सोचता है की इस बारे में वो कुछ नहीं कर सकता ।
- अपनी परेशानी किसी को नहीं बताता और फिर आख़िर में इस डर के कारण आत्महत्या करने का भी निर्णय ले लेता है।
- व्यक्ति इस दौरान खुद को कमजोर समझने लगता है और बेचैनी का अनुभव करता है।
- सोचने, ध्यान केंद्रित करने, याद रखने और निर्णय लेने में उसे परेशानी होना।
- नींद नहीं आना और दिनभर बस अपनी परेशानियों और दुखों को बार बार याद करना।
- शराब और सिगरेट का आत्यधिक सेवन करना।
किशोरों में अवसाद के कारण: Causes of Depression in Teens
- दर्दनाक जीवन घटना:- जैसे किसी प्रियजन की मौत या पालतू जानवर की मौत या को घातक आदि की कोई घटना जो संकट का कारण बनती है। माता-पिता से सम्बंधित समस्या या शारीरिक तथा यौन दुर्व्यवहार का नुकसान भी बच्चे के मस्तिष्क पर स्थायी प्रभाव छोड़ सकता है यह सब डिप्रेशन के कारण बन सकते है।
- सामाजिक स्थिति / पारिवारिक परिस्थितियां:- ऐसे किशोर जो मुश्किल परिस्थितियों में रहते हैं। घरेलू हिंसा, गरीबी या अन्य पारिवारिक मुद्दों से किशोरों में तनाव और अवसाद हो सकता है।
- दवा या अवैध ड्रग्स: कभी कभी किशोरावस्था में बच्चे बुरी संगत में पर के ड्रग्स का सेवन भी करने लग जाते हैं इस स्थिति में भी अवसाद की समस्या हो सकती है। कुछ लोग ड्रग्स इतना ज्यादा ले लेते है कि उन्हें इसका एडिक्शन हो जाता है और वो इसके बिना नहीं रह पाते। इसलिए यह भी डिप्रेशन का कारण बन सकते है।
- अक्सर किशोरों के व्यवहार और सोचने में अंतर देखने से उनके डिप्रेशन में होने का पता चल जाता है। पढ़ाई का ज्यादा दबाव भी किशोरों के डिप्रेशन का कारण होता है। कई स्कूलों में छोटी उम्र से ही बच्चों को भारी सिलेबस दे दिया जाता है जिसे पूरा ना कर पाने के कारण बच्चे तनाव में आ जाते हैं।
- Bullying (धमकाने): बुली करना डिप्रेशन का एक मुख्य कारण है। जो लोग कमजोर होते है उन्हें अधिकतर धमकाया जाता है। किशोरों को उनकी जाति, लिंग, यौन अभिविन्यास, विकलांगता या धर्म के आधार पर धमकाया जा रहा है।
आज के लेक में आपने जाना किशोरों में होने वाले डिप्रेशन की समस्या से जुड़े कुछ तथ्य। इसकी जानकारी से आप अपने घर में अपने बच्चों के अवसाद का अच्छे से ख्याल रख पाएंगे।