हर महिला की चाहत होती है की वह गर्भ धारण करे और अपने बच्चे को जन्म दे, जो की उसके लिए बहुत ही आनंद की बात होती है। जो भी महिलाएं फ़र्स्ट टाइम प्रेग्नेंट होती है उनमें से अधिकतर महिलाओ को प्रेगनेंसी के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं रहती है।
प्रेगनेंसी के बारे में पूर्ण जानकारी रखना हर महिला के लिए जरूरी होता है क्योंकि तभी गर्भवती अपना और अपने बच्चे का पूरी तरह से ख्याल रख पाती है।
इसके लिए समय समय पर अपने डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करे। ताकि आपको प्रेगनेंसी की सही स्थिति के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
प्रेगनेंसी के समय पर महिला के साथ कई प्रकार की समस्याएं आती है। जिसके लिए उसे सजग रहने की आवश्यकता होती है। आपको बता दे की प्रेगनेंसी भी कई प्रकार की होती है। तो चलिए विस्तार से जानते है Types of Pregnancy in Hindi.
Types of Pregnancy in Hindi: जानिए गर्भावस्था के भिन्न भिन्न रूप
अस्थानिक गर्भावस्था
- अस्थानिक गर्भावस्था को एक्टोपिक के नाम से भी जाना जाता है।
- इस गर्भावस्था में भ्रूण का विकास गर्भाशय के अंदर नहीं होता बल्कि बाहर फेलोपियन ट्यूब में ही हो जाता है। इस प्रकार की अवस्था एक सामान्य अवस्था नहीं होती है।
- अस्थानिक गर्भधारण को असामान्य गर्भावस्था कहा जाता है। क्योंकि इसमें जोखिम ज्यादा होता है। इसमें ट्यूब के कमजोर हो जाने से अंडा पूरी तरह से गर्भ तक नहीं पहुंच पाता है।
- इस कारण अंडा फेलोपियन ट्यूब में ही रह जाता है साथ ही भ्रूण का विकास भी वहीं होना आरंभ हो जाता है।
इंट्रायूटेरिन प्रेगनेंसी
- यह एक सामान्य गर्भधारण की अवस्था होती है।
- इसमें भ्रूण गर्भाशय के अंदर ही प्रत्यारोपित होते है।
- और इसमें नाल गर्भाशय के अंदर से जुड़ा हुआ होता है।
सिंग्लेट प्रेगनेंसी
- एकल गर्भधारण तब होता है जब एक अंडा एक शुक्राणु से मिलता है और एक भ्रूण विकसित होता है।
लुपस प्रेगनेंसी
- लुपस के साथ महिलाओं के लिए गर्भावस्था, रक्त के थक्के जमने के कारण जटिल हो सकती है।
- लुपस एक ऑटो-इम्यून रोग है।
फैंटम गर्भावस्था
- इस प्रकार की गर्भावस्था एक मनोवैज्ञानिक अवस्था होती है।
- इस अवस्था में महिलाओं को बार बार गर्भवती होने का अहसास होता है।
- यह उन महिलाओं को अधिक होता है जो गर्भधारण के लिए आवश्यकता से ज्यादा उत्साहित रहती हैं या फिर गर्भवती होने के लिए बार-बार प्रयत्न कर रही होती हैं।
मोलर प्रेग्रेंसी
- यह भी प्रेग्रेंसी की एक दुर्लभ स्थिति होती है।
- इसे गर्भावस्था की सबसे संवेदनशील अवस्था मानते है।
- इस अवस्था में क्रोमोसोम महिला के निषेचित अंडे पर नहीं होता है।
- मोलर प्रेग्रेंसी के बारे में यहाँ आप विस्तार से जान सकते है।
इंट्रा ऐब्डामनल प्रेग्रेंसी
- इंट्रा ऐब्डामनल प्रेग्रेंसी को ट्यूबल प्रेग्रेंसी एक्टोपिक के नाम से भी जानते है।
- यह प्रेग्रेंसी भी बहुत ही कठिन होती है। क्योंकि इस स्थिति में गर्भ का भ्रूण गर्भाशय में नहीं होकर ऐब्डामनल कैविटी में बनने लगता है।
- इस स्थिति में महिला का गर्भपात होने की सम्भावना भी रहती है।