जब आप बाजार में जाते है तो आपको तरह-तरह की कई नई चीजे देखने को मिलती होंगी। उनमें बहुत सी ऐसी होंगी, जिनके बारे में जानना तो बहुत दूर की बात है। आपने उनका नाम भी नहीं सुना होगा। ऐसा ही कुछ आजकल बीमारियों को लेकर भी हो रहा है।
आज हम आपको एक ऐसी बीमारी के बारे में बता रहे है। जिसका नाम सुनकर आप भी अचरज में पड़ जायेंगे, क्योंकि इस रोग का नाम ही कुछ अजीब है। दरअसल वो रोग है 'विल्सन रोग', यकीनन आपने यह नाम पहली बार सुना होगा। इसीलिए आज हम आपको इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां देने वाले है। ताकि आप इसे जान सके और इससे बच सके।
दरअसल यह रोग हमें विरासत में मिलता है अर्थात यह एक अनुवांशिक विकार है। शरीर के अंगों जैसे जिगर, मस्तिष्क व् अन्य में तांबे के विषाक्त पदार्थो को एकत्रित होना इस रोग का कारण है। इसके लक्षण आमतौर पर 12 से 23 साल की आयु के बिच दिखना शुरू हो जाते है।
वैसे तो तांबा नसों, हड्डियों, कोलेजन और त्वचा के विकास मे बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिसे हमारा शरीर आमतौर पर भोजन द्वारा अवशोषित कर लेता है और इसकी अतिरिक्त मात्रा को पित्त के जरिए उत्सर्जित कर देता है। परंतु अगर शरीर के किसी भी अंग में तांबा जम जाता है और यह नष्ट नहीं होता है तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यही विल्सन की शुरुआत का कारण भी बनता है। आइये अब हम विस्तार से जानते है Wilson's Disease in Hindi.
Wilson's disease in Hindi: जानें लक्षण और उपचार

शरीर में तांबे की मात्रा बढ़ाने में लिवर, मशरूम और चॉकलेट का अत्यधिक सेवन भी हो सकता है, क्योंकि इनमें कॉपर की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसलिए इनका सेवन अधिक ना करें।
Wilson's disease Symptoms: जानें लक्षण
हर व्यक्ति में विल्सन रोग के लक्षण अलग-अलग होते है। इसलिए अमूमन लोग इन्हें समझ नहीं पाते है, क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह रोग आपके शरीर के किस हिस्से में है। यहाँ हम कुछ परिस्थितियों के अनुसार, इसके लक्षणो के बारे में आपको बता रहे है। अगर इनमें से कोई भी लक्षण आपसे मैच करता है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अगर आपके लीवर में यह रोग है तो इसके लक्षण कुछ इस प्रकार होंगे -- शरीर पर अत्यधिक खुजली होना
- वजन का अचानक कम हो जाना
- स्किन पर रक्त वाहिका नलियों का स्पष्ट दिखाई पड़ना
- जी-मिचलाना या मतली आना
- यकृत में सूजन आना
- शरीर में कमजोरी और दुबलापन आना
- भूक कम लगना
- सोरायसिस होना
- त्वचा पर पीलापन दिखना या पीलिया होना
- पेट या पैरों में सूजन और दर्द होना
- मांसपेशियों में ऐठन आना
अगर आपके यह रोग होता है तो कुछ इस तरह के लक्षण सामने आते है-
- अनिद्रा की शिकायत
- सिर में दर्द बना रहना
- देखने में परेशानी होना
- अवसाद
- व्यक्तित्व और मूड में परिवर्तन आना
- असामान्य रूप से चलना
- गुर्दे की क्षति
विल्सन रोग के अन्य लक्षण
- महिलाओं के मासिक धर्म में अनियमितता आना
- शरीर में खून का दबाव कम होना
- पथरी की समय उत्पन्न होना
- नाखून का रक्त परिवर्तन
- हड्डियों का घनत्व कम होना
- -ह्रदय की समस्या
Wilson's disease Treatment- इसका उपचार और दवाएं
वैसे तो डॉक्टर इस रोग का इलाज दवाओं से कर सकते है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि इससे प्रभावित अंग की क्षति कितनी हुई है। आमतौर चिकित्सक इसके इलाज के लिए इन दवाओं को प्रयोग करते है।Penicillamine
परंतु इस दवा के सेवन से अस्थि मज्जा दमन सहित स्नायविक जैसे गंभीर साइड इफ़ेक्ट देखने को मिले है।
Trientine
पेनिसिल्ल्मिने की तुलना में ट्रिएण्टिने के सेवन से कम साइड इफ़ेक्ट देखने को मिला है।
जिंक एसीटेट
इस दवा को खाने से किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता है। डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीकों से इसे लेने पर शरीर में मौजूद तांबा धीरे-धीरे अवशोषित होने लगता है। इसके सेवन से पेट खराब होने की समस्या जरूर देखने को मिलती है।
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इन दवाओं के अलावा सर्जरी और लिवर प्रत्यारोपण ही इस रोग से निपटने का आखरी रास्ता है। लेकिन यह प्रभावित अंग की क्षति के अनुसार किये जाते है।
एक बात हम आपको स्पष्ट बताना चाहते है कि ऊपर जो भी दवाएं बताई गयी है। उनका सेवन बिना डॉक्टर की अनुमति के बिलकुल भी ना करें, क्योंकि चिकित्सक आपके शरीर को स्थिति को देखकर और अपनी निगरानी में रोगी को इनका सेवन करवाते है। इसलिए कृपया आप बिना डॉक्टर की परमिशन के किसी भी तरह की दवाओं का सेवन ना करें।
आज अपने जाना Wilson's disease in Hindi. यहाँ हमने आपको इस रोग से सम्बंधित सभी तरह की जानकारियां आपके समक्ष प्रस्तुत की है। इस रोग के बारे में बताने का हमारा मकसद केवल यह है कि अगर आपको ऊपर बताए लक्षणों में से कुछ भी दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और बिना डॉक्टर को दिखाई किसी भी दवा का सेवन बिलकुल न करें।