आज कल कई प्रकार की नई नई बीमारियों से लोग आए दिन घिर जाते है। एडीएचडी भी इस टाइप की एक बीमारी है जो लोगो को कम उम्र में ही घेर लेती है पर लोग इस बीमारी को जानने में और समझने में सक्षम नहीं होते है।
कई ऐसे लोग होंगे जिन्होंने इस बीमारी के बारे में कभी पहले नहीं सुना होगा। यह एक दिमाग से संबंध रखने वाली बीमारी है। जो मानसिक तरीके से प्रभावित करती है। इसका मतलब ये नहीं होता है इस बीमारी से जूझ रहा व्यक्ति एक मानसिक रोगी है।
यह बीमारी बड़े और बच्चों किसी को भी हो सकती है। इसके बच्चों में होने की आशंका ज्यादा रहती है। इस बीमारी में से ग्रसित व्यक्ति का स्वभाव बदल जाता है और याददाश्त भी कमजोर हो जाती है। यह बीमारी मनुष्य की सीखने और ध्यान केंद्रित करने पर प्रभाव डालती है।
इस लेख में आप आज जानेंगे एडीएचडी की बीमारी के बारे में जिस में बेचैनी, ध्यान भटकना और अति सक्रियता जैसी परेशानी हो जाती है। इस लेख में पढ़े ADHD Symptoms in Hindi.
ADHD Symptoms in Hindi: जाने एडीएचडी की बीमारी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
क्या होती है एडीएचडी की बीमारी
- एडीएचडी मतलब अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर है।
- इस बीमारी को हिंदी में ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार कहा जाता है।
- यह एक मानसिक बीमारी है।
- अगर किसी व्यक्ति को यह बीमारी है तो वह लम्बे समय के लिए इससे ग्रसित रहता है।
- इस समस्या का मुख्य लक्षण होता है ध्यान की कमी और ध्यान न देना।
- ADHD Symptoms in Kids खासकर ज्यादा दिखाई देते हैं।
- यह बीमारी 6 महीने से अधिक समय के लिए रहती है।
- इस बीमारी का कोई स्थायी उपचार नहीं है।
- लेकिन इस के लक्षणों को दवाओं के माध्यम से काफी हद तक कम किया जा सकता है।
एडीएचडी की बीमारी के लक्षण
- एडीएचडी से ग्रसित बच्चों को अन्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों और बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
- इसमें सीखने की क्षमता सबसे ज्यादा प्रभावित होती है।
- इसी के साथ वर्तनी, पढ़ने, लिखने या गणित विषय की पढाई में कठिनाई आने लगती है।
- किसी किसी बच्चों में एकदम से विपक्षी उद्दंड विकार की समस्या हो जाती है। यह बच्चे नेचर से काफी ज्यादा जिद्दी होते है।
- कुछ बच्चे अपने मन की ना होने पर बहुत गुस्सा करते है और कुछ ऐसा करते हैं जो उन्हें नहीं करना चाहिए।
- कुछ बच्चे ऐसी एक्टिविटी करते है जो इल्लीगल होती है या जिससे किसी को गंभीर रूप से हानि पहुँच जाती है।
- जो बच्चे एडीएचडी की बीमारी से ग्रसित होते है वो स्ट्रेस से घिरे हुए होते है और डिप्रेशन का शिकार हो जाते है।
- जो लोग इस बीमारी से पीड़ित होते है वो एक ही क्रिया को बार बार दोहराते है जैसे ब्लिंक्स, चेहरे की गड़बड़ी आदि।
एडीएचडी की बीमारी के प्रकार
प्रीडोमिनेन्टली इनअटेंटिव (Predominantly inattentive)
- इसका लक्षण है ध्यान ना देना।
- दिए हुए काम को नहीं कर पाना।
- दी गई इंस्ट्रक्शंस को फॉलो नहीं कर पाना।
- बिना मतलब की बात करना।
- लोगो की बातो पर ध्यान नहीं देना।
- ध्यान का आसानी से भटक जाना।
प्रीडोमिनेन्टली हाइपरएक्टिव (Predominantly Hyperactive)
- जो लोग इस टाइप की एडीएचडी से ग्रसित है वो बिना जरूरत के ज्यादा बोलते है।
- उन लोगो के लिए यह बहुत ज्यादा कठिन होता है की स्कूल में, घर पर और अपने काम में मन लगा सके।
- इसमें बच्चे लगातार एक ही एक्टिविटी करते रहते है। जैसे भागना, दौड़ना आदि।
- इस समस्या से ग्रसित लोग आवेग व्यवहार के होते है।
- कुछ समझे और सोचे बिना ही कुछ भी बोलते है।
- इस टाइप के एडीएचडी से ग्रसित लोग गुस्से में अपने आप को या दूसरों को काफी हानि पहुंचा देते है।
स्टडीज के अनुसार कितने लोग इससे पीड़ित है
- यूनाइटेड किंगडम में एडीएचडी से कम से कम 3 से 9% लोग पीड़ित है। जिसमे सभी स्कूल जाने वाले बच्चे है और थोड़े यंग लोग है।
- अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन के अनुसार अमेरिका में 3 से 7% तक स्कूल जाने वाले बच्चे एडीएचडी की बीमारी से ग्रसित है।
- पूरे विश्व में 2% बड़े लोग भी इस एडीएचडी की बीमारी से ग्रसित है।
- लड़कियों के मुकाबले यह बीमारी लड़कों में ज्यादा पायी जाती है।
एडीएचडी की बीमारी के कारण
अनुवांशिक
- कई अध्ययनों में यह पाया गया है की 80% लोग जो एडीएचडी की बीमारी से ग्रसित है उन्हें ये बीमारी होने का कारण अनुवांशिक है।
- यह जेनेटिक कारण से भी हो सकता है।
माँ से बच्चे को
- गर्भअवस्था में जो भी महिला धूम्रपान करती है या शराब आदि का सेवन करती है। उनके बच्चे में एडीएचडी के लक्षण पाए जाते है।
- साथ ही उनके बच्चों को ये बीमारी होने का खतरा भी रहता है।
मनोवैज्ञानिक कारण
- लम्बे समय से चली आ रही कोई समस्या के कारण भी एडीएचडी की बीमारी हो सकती है।
- अगर शादीशुदा लाइफ में काफी समय से कोई मनमुटाव है या फिर घरेलु हिंसा आदि हो तो इसमें भी एडीएचडी से ग्रसित होने का खतरा बना रहता है।
ADHD Treatment in Hindi
- कई बच्चो में इसके लक्षण दिखाई देते है इसका मतलब ये नहीं होता है वे इस समस्या से पीड़ित है।
- ऐसे में पेरेंट्स को अपने बच्चे के लिए किसी डॉक्टर को ज़रूर दिखाना चाहिए।
- या फिर किसी बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाए।
- डॉक्टर्स एडीएचडी के कुछ ऐसे परीक्षण करते है जिससे की यह पता लगाया जाता है सच में बच्चा इस बीमारी से पीड़ित है या नहीं।
- इसके ट्रीटमेंट हेतु काउंसलिंग, थेरेपी और औपचारिक ट्रेनिंग भी दी जाती है।
- इसके बाद बच्चे की सभी लक्षणों को गंभीरता से समझा जाता है और उसके अनुसार उपचार किया जाता है।
इस ऊपर दिए लेख में आज आप ने जाना की एडीएचडी की बीमारी क्या होती है तथा इसके कारण और इसके उपचार क्या होते हैं। अगर किसी बच्चे में यह बीमारी पाए तो पहले डॉक्टर को ज़रूर दिखाए।