गर्मियों का मौसम खत्म हो रहा है और बरसात का सीजन धीरे धीरे अपने पाँव पसार रहा है। ऐसे में चिलचिलाती गर्मी, लू, धूल भरी आंधी के तुरंत बाद बारिश के आ जाने से मौसम के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल हो जाता है।
मौसम के बदलाव के समय जीवनशैली और खान पान में भी परिवर्तन आते हैं इन्हीं में कभी कभी गड़बड़ी हो जाती है जिसके कारण हैजा, दस्त, शरीर में दर्द, सिरदर्द, बुखार, मुंह के छाले तथा बदहजमी आदि तमाम बीमारियाँ परेशान करने लग जाती हैं।
कई बार ऐसी परेशानियाँ रात में या फिर ऐसे वक़्त में और स्थान पर हो जाती जब समझ नहीं आता की परेशानी से राहत दिलाने के लिए क्या किया जाए। ऐसे वक़्त के लिए हीं उपयोगी होती हैं घरेलू औषधियां।
इन्हीं घरेलू औषधियों में से एक रामबाण औषधि होती है अमृतधारा। अमृतधारा उपर्युक्त सभी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। समस्या होने पर अमृतधारा के 2-4 बूंदे आधे गिलास पानी में डालकर पी जाने पर तुरंत आराम मिल जाता है। पढ़ें Amrit Dhara ke Fayde.
Amrit Dhara ke Fayde: जाने हर समस्या में रामबाण अमृतधारा के फायदे
पेट सम्बंधित समस्या में पहुंचाए आराम
- अमृतधारा पेट की तमाम समस्याओं में आपकी मदद करेगा।
- भोजन का पाचन अगर आसानी से ना हो तब ये आपकी मदद करेगा।
- बदहजमी की शिकायत होने पर।
- अगर उलटी जैसा मन हो तब।
- दस्त की समस्या हो जाने पड़।
- पेट में दर्द बढ़ने की शिकायत हो जाने पर।
- पेट में गैस की समस्या हो जाने पर।
- एसिडिटी की समस्या या फिर खट्टी डकारें आने की समस्या होने पर।
- उपर्युक्त बताये गए सभी परेशानियों के होने पर आधे गिलास पानी में तीन बूँद अमृतधारा की डाल दें और पी जाएँ, तीन चार दिन तक इसके सेवन से यह खत्म हो जायेगा।
- पेट में दर्द होने पर एक बताशा ले कर उस के ऊपर दो बूँद अमृतधारा डाल कर उसे खा जाएँ, आपकी पेट दर्द की समस्या समाप्त हो जाएगी।
बॉडी में वीकनेस हो जाने पर
- अगर आपको कोई भी काम करते समय या ऐसे भी अपने शरीर में किसी प्रकार की कमजोरी का आभास होता है तो इस कमजोरी को खत्म अमृतधारा कर सकता है।
- इसके लिए गाय के दूध का मक्खन एक बड़ा चम्मच, शहद एक छोटा चम्मच और अमृतधारा की तीन बूँदें आपस में मिक्स कर दें और इसका सेवन नियमित तौर पर करना शुरू कर दें।
- इस मिश्रण के सेवन से सारी कमजोरी धीरे धीरे दूर होने लगेगी और आपका शरीर मजबूत होने लग जाएगा।
हार्ट सम्बंधित समस्याओं में
- अमृतधारा हार्ट सम्बंधित समस्यायों में भी बहुत कारगर साबित होता है।
- हार्ट डिजीज होने पर एक आंवले के मुरब्बे पर अमृतधारा की तीन बूंदे डाल कर चावा चावा कर इसे खा जाए।
- ऐसा नियमित तौर पर करें हार्ट सम्बंधित समस्याओं से निजात मिल जाएगा।
हैजा की समस्या होने पर
- पुराने जमाने में हैजा की समस्या बहुत बड़ी समस्या मानी जाती थी पर अब इसका उपचार आसान है।
- अगर आपको हैजा की समस्या होती है तो आप एक चम्मच प्याज का रस निकाल कर उसमे अमृतधारा की दो बूँद डाल कर सेवन करें, तुरंत लाभ मिलेगा।
खांसी और अस्थमा की समस्या में
- अमृतधारा की मदद से आप खांसी और अस्थमा जैसी समस्याओं में भी राहत पा सकते हैं।
- जब कभी भी खांसी, कफ़, अस्थमा के दौरे या फिर श्वास सम्बंधित कोई समस्या हो तो एक गिलास ताजे पानी में चार बूद अमृतधारा की डाल कर इसका सेवन करें।
- नियमित तौर पर इसका सेवन करने से समस्या से राहत मिल जायेगी।
अन्य समस्याओं में भी है लाभकारी
- अगर कभी मधुमक्खी या फिर ततैया आदि काट लें तो ऐसे में उस स्थान पर अमृतधारा की 2-3 बूँद लगा देने से जल्दी आराम मिल जाता है।
- अगर सिरदर्द की समस्या हो तो सिर तथा कानों पर अमृतधारा की कुछ बूँदें मलें, दर्द से छुटकारा मिल जायेगा।
- जब कभी जुकाम हो जाए तो रूमाल में अमृतधारा की कुछ बूँदें डाल कर सूंघने से लाभ मिलता है।
- मुंह में अगर छले हो जाएँ तो उन पर अमृतधारा लगाने से आराम मिलता है।
- किसी भी प्रकार का बॉडी पेन होने पर अगर आप Amrit Dhara और तिल के तेल को मिक्स कर के लगायेंगे तो दर्द से तुरंत राहत मिल जाएगी।
- अगर दांत में दर्द हो तो इससे निजात के लिए रुई के ऊपर अमृतधारा लगा कर अपने दांतों को प्रेस करें, ऐसा करने से दांत दर्द दूर हो जाएगा।
- खुजली की समस्या बढ़ने पर अगर आप दस ग्राम नीम के तेल में अमृतधारा की पांच बूँद मिक्स कर के मालिश करेंगे तो खुजली की समस्या से आराम मिल जायेगा।
- हिचकी में भी यह लाभ पहुंचती है। हिचकी होने पर अगर आप अमृतधारा की दो बूंदे अपने जीभ पर रख कर मुंह बांध कर के सूंघेंगे तो इससे आपको राहत मिलेगा।
Amritdhara Medicine बनाने की विधि
अमृतधारा की औषधि को बनाने के लिए सबसे पहले एक साफ़ शीशी ले लें और इसमें निम्नलिखित पदार्थ बारी बारी से डालें
- देशी कपूर – 15 ग्राम
- अजवायन के फूल – 15 ग्राम
- पुदीना के फूल – 15 ग्राम
अब इन सभी पदार्थों को पहले से ली गई शीशी के अंदर डालें और ये सारे पदार्थ आपस में मिलते हीं अमृतधारा औषधि का रूप ले लेंगे।
आप चाहें तो इस शीशी में दो ग्राम लौंग का तेल मिला दें, ऐसा करने से यह अमृतधारा और ज्यादा प्रभावशाली हो जाएगा।
ध्यान रखें की इस औषधि को कभी भी प्लास्टिक की शीशी में ना रखें।
इसके अलावा आप चाहें तो बाजार से बना बनाया अमृतधारा औषधि खरीद सकते हैं, आज कल यह ऑनलाइन भी मिल जाती है।
आज के इस लेख में आपने घरेलू औषधि Amritdhara के बारे में जाना। बहुत पुराने समय से इस्तेमाल की जा रही ये औषधि बहुत गुणकारी है और आपको बहुत सारे समस्यायों से निजात दिलाने में बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होती है। इस लेख में बताये गए सभी बैटन को ध्यान पूर्वक पढ़ें और इनमे बताये गए नुस्खों का लाभ उठायें।