Angina Symptoms in Hindi: जाने एनजाइना की बीमारी के लक्षण

Angina Symptoms in Hindi: जाने एनजाइना की बीमारी के लक्षण

एनजाइना एक ऐसी बीमारी है जो दिल को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाने की वजह से होती है। यह समस्या ज्यादातर बॉडी में चेस्ट पेन को बढ़ा देती है।

इस समस्या में हार्ट की मांसपेशियों तक सही मात्रा में ब्लड नहीं पहुँच पाता है। इस समय में आपके कंधों, बाहों, गर्दन, जबड़े या पीठ में भी काफी ज्यादा हद तक दर्द बढ़ जाता है।

वैसे एनजाइना एक ऐसी बीमारी है जो की हार्ट की बीमारी सीएडी (CAD) का एक लक्षण है। इस बीमारी की वजह से आपको कई अलग अलग प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इस लेख में हम आज आपको एनजाइना की बीमारी की पूरी जानकारी देने जा रहे है। यह क्या है और इसके कारण तथा इसके लक्षण। इस लेख में पढ़े Angina Symptoms in Hindi.

Angina Symptoms in Hindi: एनजाइना के बारे में पूरी जानकारी

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एनजाइना का दर्द क्या होता है (what is angina pain)?

  • एनजाइना एक तरह का चेस्ट पेन होता है जो बॉडी में ब्लड फ्लो को कम कर देता है।
  • आप ऐसा भी कह सकते है इसकी समस्या तब उत्पन्न होती जब आपके हार्ट में सही तरीके से ब्लड का फ्लो नहीं हो रहा हो।
  • एनजाइना के पेन में आपको सीने में दर्द और जकड़न जैसा आभास होता है।
  • अक्सर एनजाइना की दर्द और समस्या एकदम से शुरू हो जाती है।
  • यह कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease - CAD) का एक लक्षण होती है।
  • एनजाइना दो मुख्य प्रकार का होता है एक स्थिर और दूसरा अस्थिर।

एनजाइना के प्रकार

  • स्थिर एनजाइना (Stable angina) - एनजाइना के इस प्रकार से आमतौर पर कई लोग ग्रसित हो जाते है। इस प्रकार के एनजाइना में आप दर्द में समानता महसूस करते है। इस प्रकार में दर्द एक तरह से होता है। इस तरह के एनजाइना को कई लोग एनजाइना पेक्टोरिस (angina pectoris) के नाम से भी जानते है।
  • अस्थिर एनजाइना (Unstable angina) - यह एनजाइना एक ऐसा प्रकार है जो एकदम से हो जाता है। इसमें दर्द बढ़ता ही चला जाता है और साथ ही यह एक समय के बाद हार्ट अटैक का कारण बन जाता है। इसके दर्द में कोई समानता नहीं होती है।
  • वेरिएंट एनजाइना (Prinzmetal angina) - यह एनजाइना ज्यादातर तब होता है जब आप आराम कर रहे हो, तब इसका दर्द और ज्यादा बढ़ जाता है और बढ़ कर यह गंभीर रूप ले लेता है। इस टाइप के एनजाइना का दर्द लोगो में आधी रात को और सुबह के समय ज्यादा देखा जाता है। सही परीक्षण और दवाइयों से इस प्रकार के एनजाइना को ठीक किया जा सकता है।
  • मिक्रोवास्कुलर एनजाइना (Microvascular angina) - यह एनजाइना का एक बहुत ही गंभीर और अंतिम प्रकार होता है। इस प्रकार के एनजाइना को दवाइयों से ठीक नहीं किया जा सकता है। यह लाइलाज प्रवृति का रूप ले लेती है।

एनजाइना के लक्षण

  • एनजाइना से ग्रस्त लोगो को सीने में दर्द होता है।
  • साथ हीं बेचैनी भी काफी महसूस होती है।
  • सीने में दर्द के अलावा जलन का आभास होता है।
  • सीने में भारीपन महसूस होता है।
  • एनजाइना होने पर सीने में जकड़न भी महसूस की जाती है।
  • सीने में और दिल में दबाव बनता है।
  • सीने में सिकुड़न जैसा लगता है।
  • कई बार उलटी हो जाती है और कमजोरी महसूस होती है।
  • बहुत जल्दी थक जाना।
  • साँस लेने में तकलीफ होना।
  • दुसरो के मुकाबले ज्यादा पसीना आना।
  • चक्कर आने की शिकायत रहना।
  • कंधे, गर्दन, गले, जबड़े, या पीठ पर दर्द होना।
  • एनजाइना के दर्द को लेकर पुरुषों में ज्यादातर कंधो, गर्दन, और छाती में दर्द की शिकायत रहती है।
  • जब की महिलाओ में पेट, गर्दन, जबड़े, और गले के दर्द को लेकर समस्या रहती है।

एनजाइना के कारण

  • कोरोनरी आर्टरी डिजीज होना क्योंकि एनजाइना इसका एक लक्षण होता है। इस वजह से हार्ट तक सही मात्रा में ब्लड नहीं पहुँच पाता है।
  • एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या होना। इसमें ब्लड वेसल्स में वसा जमा होता है जो हार्ट तक ऑक्सीजन नहीं पहुँचने देता है।
  • अधिक धुर्मपान करना।
  • डायबिटीज से ग्रसित होना, हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहना, कोलेस्ट्रॉल की समस्या होना, या फिर मोटापे से परेशान रहना इसी बीमारी के कारण बनते है।
  • बहुत समय बने रहने वाला मनोवैज्ञानिक तनाव भी इसका एक कारण है।
  • कई प्रकार की दवाइयाँ लेना भी इस समस्या को बढ़ावा देती है। जैसे आहार की दवाइयाँ, निकोटीन की दवाइयाँ आदि।
  • अगर पेरेंट्स को यह समस्या है तो परिवार के सदस्यों को यह समस्या वंशिक तौर पर मिल सकती है।
  • अपने आहार में नामक का ज्यादा इस्तेमाल या सेवन करने से भी यह समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  • स्थिर एनजाइना ज्यादातर शारीरिक एक्टिविटी के कारण शुरू होता है इस के अलावा इसमें भावनात्मक तनाव, ठंडा तापमान, भारी भोजन आदि कारण होते है।
  • अस्थिर एनजाइना में खून के थक्को का निर्माण और हार्ट तक ऑक्सीजन ना पहुंचना होता है।

एनजाइना की समस्या के लिए परिक्षण

  • ईसीजी (ECG) करवाए - यह आपके हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को दर्शाता है की हार्ट सही तरीके से काम कर रहा है की नहीं।
  • स्ट्रेस टेस्ट भी करवाए - यह आपके दिल की बीट्स और प्रेशर के साथ साथ साँस और सीने में हो रही दर्द का परीक्षण करता है। इससे पता चलता है की हार्ट पर कितना दबाव पड़ रहा है।
  • चेस्ट एक्स-रे करवाए - इसमें अपने लंग्स, हार्ट और ब्लड वेसल्स की जानकारी मिल जाती है। यह छाती के अंदर की सभी प्रकार की जानकारी देने में सक्षम है।
  • ब्लड टेस्ट करवाए - इस टेस्ट से यह आसानी से पता चलता है की आपकी बॉडी में कोलेस्ट्रॉल कैसा है और साथ ही शुगर लेवल कैसा है। यह बॉडी में प्रोटीन की मात्रा और साथ ही हीमोग्लोबिन की मात्रा सभी की जानकारी देता है।

ऊपर दिए लेख में अपने जाना की एनजाइना किस तरह की बीमारी है और इसके लक्षण क्या है। यह बीमारी कितने प्रकार की होती है साथ ही यह किन कारणों की वजह से होती है। आप इन सभी बातों का ध्यान रखे और एनजाइना की बीमारी को पहचान कर सही समय पर इसका इलाज करवाए।

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