Cerebral Palsy: सही समय पर इलाज है जरुरी, जानिए लक्षण और अन्य जानकारी

Cerebral Palsy: सही समय पर इलाज है जरुरी, जानिए लक्षण और अन्य जानकारी

सेरेब्रल पाल्सी को प्रमस्तिष्क पक्षाघात भी कहा जाता है। सेरेब्रल का अर्थ मस्तिष्क के दोनो भाग से होता है और पाल्सी का अर्थ होता है ऐसी क्षति जो शारीरिक गतिविधियों के नियंत्रण को डैमेज कर देती है।

सेरेब्रल पाल्सी की समस्या बच्चों में देखने को मिलती है। इसे मस्तिष्क का लकवा और लिट्स रोग के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रकार की समस्या में बच्चों को किसी भी वस्तु को पकड़ने में परेशानी आती है साथ ही वे चलने में भी असमर्थ होते है।

सेरेब्रल पाल्सी की बीमारी लाइलाज नहीं होती है। सही समय पर उपचार होने पर यह ठीक हो सकती है। इस बीमारी से बच्चों में होने वाली विकलांगता को आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से बचा सकते है।

अपने बच्चे को इस बीमारी से बचाने के लिए हर माता पिता को चाहिए की वह इसकी संपूर्ण जानकारी रखे। इसके लिए जानते है Cerebral Palsy के बारे में।

Cerebral Palsy: बच्चे के मस्तिष्क में क्षति होना है मुख्य कारण

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सेरेब्रल पाल्सी कैसे होती है

डॉक्टर्स बताते है कि बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी की बीमारी गर्भ के दौरान हो सकती है। या फिर बच्चे के जन्म लेने के बाद दो से तीन साल तक यदि मस्तिष्क को किसी प्रकार की हानि होती है तो भी यह बीमारी हो सकती है। इस बीमारी की पहचान तीन से छह महीने की आयु में होती है।

सेरेब्रल पाल्सी होने के कुछ अन्य कारण

  • मां और बच्चे के ब्लड ग्रुप का न मिलना
  • नवजात शिशु का पीलिया से पीड़ित होना
  • शिशु का किसी किसी संक्रमण से ग्रसित होना
  • गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को संक्रमण होना
  • गर्भावस्था के दौरान शिशु का अस्वाभाविक अनुवांशिक विकास

सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण

  1. बच्चे का बार- बार बीमार होना
  2. करवट लेने में कठिनाई
  3. बच्चे के 5 महीने के होने पर भी गरदन को सँभालने में दिक्कत होना
  4. उठने -बैठने, चलने-फिरने में परेशानी
  5. एक हाथ और एक पैर से कार्य नहीं कर पाना
  6. उम्र के अनुसार शारीरिक वृद्धि का कम होना
  7. किसी भी काम में मन नहीं लगना
  8. साफ साफ बोलने में परेशानी आना

माता पिता को ध्यान रखने योग्य सावधानियां

  • चिकित्सक के निर्देशानुसार बच्चे की गतिविधियां कराएं।
  • अगर बच्चा सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित है तो बच्चे को पीछे के पैरों में बिलकुल न बैठाए।
  • बच्चा कितना ऐक्टिव है इस बात पर ध्यान दे।
  • अगर बच्चे की शारीरिक वृद्धि कम हो रही है तो उसे अनदेखा न करे तुरंत ही डॉक्टर को दिखाए।
  • गर्भावस्था के दौरान पेट में बच्चे का मूवमैंट बराबर हो रहा है इसका अनुभव करे। आशंका होने पर डॉक्टर से संपर्क करे।

कैसे किया जाता है उपचार

  1. आजकल सेरेब्रल पाल्सी का उपचार बाटूनिलम टाक्सिन, सिमलास ऑपरेशन और फिजियोथेरेपी के जरिये किया जाता है।
  2. लक्षण का पता चलने पर सीटी स्कैन या एमआरआई भी करवाई जा सकती है।
  3. बीमारी का पता चलने पर शरीर पर तेल की मालिश नहीं कराई जाती है क्योंकि इससे जकड़न में और वृद्धि हो जाती है।
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