Fertility Yoga: आसन जो करेंगे फर्टिलिटी की समस्या को दूर

Fertility Yoga: आसन जो करेंगे फर्टिलिटी की समस्या को दूर

जीवन में हमे कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं जो कि स्त्री और पुरुष दोनों को ही गंभीर रूप से प्रभावित करती है। उन समस्याओं में से एक है फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं।

आज कल के लोगो में यह समस्या आम होती जा रही है। इसके होने के कई कारण हो सकते है जैसे अनियमित जीवन शैली, अनुचित खान पान, पर्यावरण प्रदूषण आदि।

फर्टिलिटी की समस्या को लेकर कई लोग परेशान रहते है क्योंकि कई बार उपचार करने के बाद भी इस समस्या से निजात पाना मुश्किल हो जाता है।

यदि आप फर्टिलिटी की समस्या से छुटकारा पाना चाहते है तो योग की मदद ले सकते है। यह एक कारगर उपाय होता है जो फर्टिलिटी की समस्या को तो दूर करता है। साथ ही यह अन्य रोगों से भी निजात दिलाता है। जानते है Fertility Yoga.

Fertility Yoga: जानिए किन आसनो द्वारा होगी यह समस्या दूर

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हस्तपादासन

  • हस्तपादासन को Tanding Forward Bend भी कहा जाता है।
  • यह आसन फर्टिलिटी की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले समतल सतह पर एक दरी को बिछा ले। इस दरी पर सीधे खड़े हो जाए। ध्यान रखे की आपकी पीठ बिलकुल स्ट्रेट होनी चाहिए।
  • अपने पैरों के बीच थोड़ी सी दूरी रखे।
  • इसके बाद अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाए ।
  • फिर धीरे धीरे हाथों को पैरों के पास से ले जाए और ज़मीन से छूने का प्रयास करे।
  • इतना करने के बाद सिर को घुटनों से लगा लें । साथ ही हाथों से अपने पैरों की उँगलियों को छूने का प्रयास करे।
  • इस आसन में आप अपनी सांसों को सामान्य ही रखे।
  • ध्यान रहे की आप इस आसन को करते समय जल्दीबाजी न करे। इस आसन को आराम से ही करे।
  • इस आसन को दिन में दो बार करना उत्तम रहेगा।

पाश्चिमोतानासन

  • पाश्चिमोतानासन को करने के लिए सबसे पहले एक मैट पर बैठ जाए और अपने पैरों को सामने की तरफ फैला ले।
  • ध्यान रहे की आपकी पीठ स्ट्रेट होनी चाहिए और पैरों को भी सीधा रखे।
  • इसके बाद साँस को लेते हुए अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाये और उन्हें खींचे।
  • फिर साँस को छोड़ते हुए, कूल्हों के जोड़ों की मदद से आगे की तरफ झुके । ऐसा करते समय आपकी ठुड्डी पंजो की तरफ होनी चाहिए और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए अपना ध्यान पैर के पंजो की तरफ लगाए।
  • फिर पैरों पर अपने हाथों को रखें जहाँ तक आपके हाथ पहुंच जाए। यदि आप अपने पंजे को पकड़ सकते है तो उन्हें पकड़ कर भी झुक सकते है।
  • इसके बाद साँस लेते हुए सिर को ऊपर की तरफ उठाये जिससे रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आएगा।
  • अब साँस को छोड़ते हुए नाभि को घुटने की तरफ ले जाए।
  • इस प्रकार की क्रिया को दो से तीन बार दोहराये।
  • फिर अपनी प्रारंभिक अवस्था में वापस आ सकते है।
  • इस आसन को करने से फर्टिलिटी की समस्या से छुटकारा मिलता है।
  • पेट व् पेट के निचले अंगों की मालिश भी इस आसन द्वारा आसानी से हो जाती है।

जानुशीर्षासन

  • जानुशीर्षासन one Legged Forward bend भी कहा जाता है।
  • जानुशीर्षासन को शुरू करने के लिए सबसे पहले एक दरी पर बैठ जाए और अपने पैरो को फैला ले।
  • ध्यान रहे की पैर सामने की तरफ और सीधे होने चाहिए।
  • साथ ही रीढ़ की हड्डी भी सीधी होनी चाहिए।
  • इतना करने के बाद अपने बाएँ घुटने को मोड़ ले और पैर के तलवे को दाहिनी जांघ के समीप रखे। साथ ही बाएं घुटने को ज़मीन पर ही रखे।
  • इसके बाद साँस को लेते हुए अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाए ताकि उसमे खिंचाव बना रहे।
  • इतना करने के बाद अपनी कमर को दाहिनी तरफ घुमाये।
  • फिर साँस को छोड़ते हुए आगे की तरफ आये।
  • पंजे से अपनी ठुड्डी को पकड़ने का प्रयास करे।
  • इस प्रक्रिया में अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखे।
  • अपनी कोहनियों को जमीन से टिकाये ताकि उन्हें आराम मिल सके।
  • कुछ देर के लिए अपनी सांसों को रोके और इसी स्थिति में बने रहे।
  • इसके बाद सांसों को छोड़ते हुए ऊपर की तरफ आये और हाथों को साइड में ले ले।
  • इस पूरी प्रक्रिया को दाएं पैर के साथ भी करे।
  • यह आसन महिलाओ में योनि से संबंधित विक़ार से निजात दिलाने में मदद करता है।

बद्ध कोणासन

  • इस आसन को करने से भी फर्टिलिटी की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है।
  • महिलाओं को मासिक धर्म के समय होने वाली परेशानियों से ये आसान छुटकारा दिलाता है साथ ही रजोनिवृति के लक्षणों में भी राहत देता है।
  • इस आसन को करने के लिए दरी पर पैरों को फैलाते हुए बैठ जाए। पैर सामने की तरफ और रीढ़ की हड्डी को सीधा रहे।
  • कपड़े दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और उन्हें पेल्विक फुट की तरफ लाये।
  • अपने हाथों से पैर को पकड़ ले।
  • पहले साँस ले और फिर साँस को छोड़ते हुए जांघो और घुटनो को जमीन से दबाये।
  • दोनों पैरों को ऊपर और नीचे हिलाने का प्रयास करे जैसे तितली करती है।
  • साँस लेते रहे और गति को धीरे धीरे बढ़ाये।
  • इसके बाद धीरे धीरे गति को धीमा करते हुए अपनी प्रारंभिक स्थिति में आये ।

विपरीत करनी

  • इस आसन को करने के लिए एक दरी पर लेट जाए जो की दीवार से लगभग 3 इंच की दूरी पर रहे।
  • अपने पैरों को दीवार की तरफ फैला ले।
  • अब अपने पैरों को दीवार के ऊपर ले जाए
  • साथ ही अपने हाथों को ज़मीन पर सटा कर रखे। इस स्थिति में हथेलियां ऊपर की तरफ होनी चाहिए।
  • अब साँस को छोड़ते हुए गर्दन, मेरूदंड और सिर को जमीन से टिकाये।
  • कुछ देर तक इसी मुद्रा में रहे। इसके बाद घुटनों को मोड़ें और दायीं तरफ घूम जाए अपनी सामान्य मुद्रा में वापस आ जाये।
  • इस आसन को करने से फर्टिलिटी की समाया से निजात मिलता है साथ ही रक्त संचार भी सुचारू रूप से हो पाता है।
    उपरोक्त सभी मुद्राओं को करने से फर्टिलिटी की समस्या दूर हो जाती है। इसके लिए इसका नियमित अभ्यास करे।

इसके अतिरिक्त भी बालासन, कपालभाति प्राणायाम, अनुलोम विलोम प्राणायाम आदि को भी किया जा सकता है यह योगाभ्यास भी इस समस्या के लिए लाभकारी होते है।

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