Heart Hole in Children - बच्चो के दिल में छेद की समस्या, जाने लक्षण और इलाज

Heart Hole in Children - बच्चो के दिल में छेद की समस्या, जाने लक्षण और इलाज

दिल में छेद होना एक आम समस्या नहीं होती है। आपको बता दे की नवजात शिशु में दिल की विकृत्ति/छेद जन्म से ही रहते है। इस प्रकार की समस्या कुछ ही बच्चो में देखने को मिलती है।

दिल में छेद होने का पता अल्ट्रासाउंड के जरिए गर्भावस्था में ही चल जाता है। हृदय के दोनों हिस्सों के मध्य कोई छेद हो तो सामान्य रुप से रक्त का प्रवाह अधिक दबाव बाले स्थान से कम दबाव वाले स्थान की ओर होना चाहिये अर्थात् रक्त का संचार बायें चेंबर से दाये चेंबर की ओर होना चाहिये जिसे लेफ्ट टू राइट संट कहा जाता है।

डॉक्टर के अनुसार दिल का छेद नवजात शिशुओं में एक साल के बाद अपने-आप ही भर जाता है परन्तु यदि ऐसा न हो तो दिल में छेद होने के कारण छोटे बच्चों को लम्बे संघर्ष से गुजरना पड़ता है।

यदि आपके बच्चे में इस तरह समस्या देखने को मिलती है तो घबराये नहीं वर्तमान में आधुनिकतम चिकित्सा के चलते अब केथेटर के जरिए छेद को डिवाइस द्वारा बंद कर सकते है।आइये आज के लेख में विस्तार से जाने Heart Hole in Children से संबंधित जानकारी।

Heart Hole in Children: यदि बच्चे के दिल में छेद है तो घबराने के बजाय परामर्श ले

जानते है दिल में छेद होने के लक्षण क्या है?

  • यदि दिल में छेद है तो सामान्यतः बच्चे का रंग नीला पड़ जाता है।
  • इसके कारण शरीर और चेहरे के अतिरिक्त नाखून ,जीभ और होंठ भी नीले हो जाते है।
  • इस तरह की बीमारी में कई बार बच्चे बेहोश भी हो जाते है।
  • इसी तरह दिल में छेद होने से नवजात शिशु को दूध पीने में परेशानी, दूध पीते हुए पसीना आना या जल्दी थक जाना, बार-बार निमोनिया होना, वजन कम होना आदि लक्षण दिखाई देते है।
  • यदि बच्चे की हृदय गति असामान्य हो तो डॉक्टर से जांच करानी चाहिये।

कैसे होता है हृदय के छेद का इलाज

  • चिकित्सक के परीक्षण के दौरान दिल में छेद होने की स्तिथि में हृदय में आवाज सुनाई देती है।
  • ऐसी परिस्थिति में छेद छोटे होने के कारण देर से पता चलता है, हृदय रोग विशेषज्ञ जांच करने के उपरांत यह तय करते हैं कि शिशु एंजोप्लास्टी से ठीक होगा या सर्जरी से।
  • आधुनिक चिकित्सा टेक्नोलॉजी की मदद से गर्भावस्था के 18 वे हफ्ते में फीटल ईको कार्डियोग्राम करके देखा जाता है।
  • इसमें हार्ट अल्ट्रासांऊड मशीने उपयोग की जाती है।
  • यदि टेस्ट में कोई विक़ार पाया जाता है तो इस विषय में परामर्श दिया जाता है।

अन्य जरुरी जानकारी

  • नवजात बच्चे के लिए हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक उसके मूत्र और रक्त का परीक्षण करवाने के साथ-साथ इकोकार्डियोग्राम, ईसीजी और चेस्ट के एक्सरे भी करते हैं।
  • एंजियोग्राफी की सहायता से दिल के छेद का आकार, साइज और गहराई का पता किया जाता है।
  • पहले यह छेद ऊतकों के द्वारा बंद किये जाते थे।
  • परन्तु इस आधुनिक युग में अब केथेटर के द्वारा छेद को डिवाइस से बंद कर दिया जाता है।
  • डिवाइस लगाने की प्रक्रिया एंजियोप्लाटी करने के सामान होती है।

यदि इस तरह की समस्या आपके बच्चे में भी देखने में आ रही है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क कर सकते है, ताकि समय रहते बच्चे का उपचार हो सके।

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