Hormone Imbalance Symptoms: तनाव बन सकता है हार्मोन्स के असंतुलन का कारण

Hormone Imbalance Symptoms: तनाव बन सकता है हार्मोन्स के असंतुलन का कारण

हार्मोन्स शरीर में ऐसे घटक होते है जो शरीर की क्रियाओं पर पूरी तरह से प्रभाव डालते है। हार्मोन्स का प्रभाव महिलाओं के प्रजनन तंत्र पर पड़ता है। शरीर की वृद्धि, मेटाबॉलिज्म और इम्यून सिस्टम पर हार्मोन्स का सीधा प्रभाव होता है, बहुत बार हार्मोन्स के असर के कारण महिलाओं के पीरियड मिस हो जाते हैं, शरीर में कई तरह के परिवर्तन होने लगते है साथ ही सीस्ट जैसी बीमारियाँ उन्हें घेर लेती हैं। Hormonal Imbalance और परिवर्तन की समस्या पुरुषों में भी होती है पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हार्मोन्स परिवर्तन और असंतुलित होने की परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है।

बार-बार हार्मोन्स में आने वाले परिवर्तन का असर महिलाओं की लाइफ को कई तरह से प्रभावित करता है महिलाओं में अनिंद्रा, तनाव, मूड परिवर्तन और स्वभाव में चिड़चिड़ापन जैसी परेशानी नजर आती है। बहुत बार उम्र बढ़ने के साथ हार्मोन्स की समस्या ज्यादा सामने आती है।

जब शरीर का संतुलन ठीक नही रहता तो शरीर में कोई हार्मोन्स या तो अधिक हो जाता है या बहुत कम हो जाता है इस क्रिया को हार्मोन्स इम्बेलेंस कहा जाता है। हार्मोन्स इम्बेलेंस का असर शरीर की अन्य गतिविधियों को भी पूरी तरह प्रभावित करता है। हार्मोन्स इम्बेलेंस होने के कई सारे कारक होते है जैसे भोजन में असंतुलित आहार का लेना, नींद का पूरा न होना, अत्यधिक तनाव लेना, गंभीर चोट या अवसाद आदि परिस्थिति में हार्मोन्स इम्बेलेंस की सम्भावना बढ़ जाती है। दवाइयों के ज्यादा सेवन के कारण भी हार्मोन्स इम्बेलेंस की परेशानी हो सकती है।

हार्मोन्स इम्बेलेंस की समस्या महिलाओं और लड़कियों में पीरियड्स शुरू होने के समय से होने लगती है। चेहरे में अचानक से सुजन दिखाई देना या वजन का अत्यधिक घटना या बढना हार्मोन्स इम्बेलेंस का संकेत हो सकता है। आइये आज के लेख में जानते है Hormone Imbalance Symptoms के बारे में।

Hormone Imbalance Symptoms: जाने हार्मोन्स इम्बेलेंस के लक्षण और इसके उपचार

हार्मोन्स इम्बेलेंस के लक्षण: Hormone Imbalance Symptoms

हार्मोन्स असंतुलित होने पर कई सारे लक्षण नजर आ सकते है।

  1. हार्मोन बिगड़ने पर लोगों में शारीरिक तनाव और कार्टिसोल का स्तर बढ़ने लगता है इससे आपको नींद ना आने की शिकायत होने लगती है। कई बार अत्यधिक सोने के बाद भी आपको नींद पूरी नही होने का अनुभव होता है। हमेशा बैचेनी बनी रहती है और अत्यधिक थकान का अनुभव होता है। इसके अतिरिक्त एस्ट्रोजेन की कमी से रात में पसीना आने की समस्या भी हो सकती है जिसकी वजह से नींद न आने की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  2. हार्मोन्स इम्बेलेंस के कारण चेहरे पर बाल आने लग सकते है साथ ही कई बार पिम्पल्स भी निकलने लग जाते है ये लक्षण महिलाओं और पुरुषों दोनों में देखने को मिल सकते है। चेहरे की स्किन बहुत ज्यादा रूखी और बेजान होने लग जाती है या हो सकता है अतिरिक्त तेल चेहरे पर जमा होने लगे। अलग-अलग लक्षण देखने को मिल सकते है।
  3. बिना मासिक धर्म के भी महिलाओं के गर्भाशय से खून बहने लग सकता है।
  4. मासिक धर्म के दौरान पेट में बहुत ज्यादा दर्द होना, मासिक धर्म का नियमित नही होना या मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा खून निकलना भी हार्मोन्स इम्बेलेंस का संकेत हो सकता है।
  5. बालों का बहुत ज्यादा कमजोर हो जाना या अत्यधिक मात्रा में बालों का गिरना हार्मोन्स इम्बेलेंस का लक्षण हो सकता है। हार्मोन्स में असंतुलन होने के कारण बालों पर इसका नकारात्मक परिणाम देखने को मिलता है।
  6. स्वभाव में अचानक से बदलाव आना या बहुत ज्यादा चिड़चिड़ापन आ जाना। आप अपने स्वभाव में अचानक निराशा, दुख या चिड़चिड़ेपन का अनुभव करते हैं, तो यह एस्ट्रोजेन के स्तर में कमी के कारण भी हो सकता है। ये हार्मोन्स इम्बेलेंस का एक लक्षण है।
  7. ज्यादा भूख लगना साथ ही ज्यादा वजन बढ़ना या कभी कभी वजन बिलकुल कम हो जाना भी हार्मोन्स इम्बेलेंस का संकेत हो सकता है।
  8. हड्डियों में दर्द रहना या ज्यादा कमज़ोरी का अनुभव होना हार्मोन्स इम्बेलेंस का कारण हो सकता है
  9. कब्ज और बदहजमी की समस्या होना हार्मोन्स इम्बेलेंस का संकेत हो सकता है।
  10. स्किन टैग्स भी हार्मोन्स असंतुलन के कारण हो सकता है।

हार्मोन्स इम्बेलेंस का इलाज: Hormonal Imbalance Treatment

कुछ घरेलू नुस्खो को आजमाकर हार्मोन्स इम्बेलेंस का उपचार किया जा सकता है।

  1. जितना हो सके तनाव से बचे। कैफीन का सेवन कम करे अत्यधिक मात्रा में चाय या कॉफ़ी पीना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। शराब और धुम्रपान से भी दूर रहे।
  2. प्रतिदिन व्यायाम करे। योग से कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है। अगर व्यायाम को जीवन शैली में अपना लिया जाये तो इससे हार्मोन्स की गड़बड़ी को तो ठीक किया जा ही सकता है साथ ही एक स्वस्थ्य जीवन भी जिया जा सकता है।
  3. पोषण युक्त आहार सही भोजन को डाइट में शामिल करके कई रोगों से बचा जा सकता है।
  4. नारियल के तेल का सेवन करने से हार्मोन्स इम्बेलेंस के कारण बढे हुए वजन को कम किया जा सकता है। साथ ही नारियल का तेल हार्मोन्स इम्बेलेंस को नियंत्रण में रखने में मदद करता है।
  5. हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, ब्रोकली, गोभी, अंकुरित बीज, फूलगोभी के सेवन से एस्ट्रोजेन के स्तर को कम करने में मदद मिलती है साथ ही हार्मोन्स भी संतुलन में रहते है।
  6. विटामिन बी युक्त आहार के सेवन से हार्मोन्स को संतुलन में रखने में मदद मिलती है।
  7. पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करे।
  8. सूखे मेवे का सेवन करे इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है जिससे हार्मोन्स को संतुलन में रखा जा सकता है।
  9. अपने आहार में सीफूड शामिल करें, टूना फिश मे बहुत सारा ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो शरीर में हार्मोन को संतुलन में रखने में मदद करता है।
  10. लहसुन के सेवन से हार्मोन्स को संतुलित रखा जा सकता है। प्रतिदिन एक लहसुन के कली का सेवन करने से दिल के रोगों से बचा जा सकता है। लहसुन को दूध में मिलाकर लेने पर भी हार्मोन्स इम्बेलेंस से बचा जा सकता है।

उपरोक्त उपायों की मदद से आप शरीर में हार्मोन्स के संतुलन को बना कर रख सकते है। इसलिए इनका उपयोग किया जा सकता है साथ ही यदि आपको इनसे लाभ नहीं मिल पाए तो आप डॉक्टर को भी दिखा सकते है।

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