अडूसा पेड़ के फल, फूल, पत्ते तथा जड़ को रोग-विकारों के निवारण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे वासका,मालाबार नट और अधाटोड़ा के नाम से भी जाना जाता है।
यह जंगली झाड़ी के रूप में भारत के अधिकांश भागो में पाया जाता है। इसका ज्यादातर उपयोग बाड़ बनाने में किया जाता है। अडूसा रक्तपित्त,खांसी और कफ के लिए गुणकारी है|
साथ ही इसके पत्ते द्वारा निर्मित काढ़ा,कब्ज और शारीरिक निर्बलता के लिए एक दवा का कार्य भी करता है। अडूसा एक सदाबहार झाड़ी होती है। जिसके फूल सफ़ेद रंग के होते है। पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर,यह पुरे भारत में पाए जाते है।
इसकी उचाई 2.2 से लेकर 3.5 मीटर तक होती है। अडूसा के उपयोग से मुंह के छाले, सिरदर्द, खाज-खुजली, टाइफस ज्वर आदि दूर होता है| जानते है Malabar Nut Benefits जो कई प्रकार के रोगो को दूर करने में सहायक होते है।
Malabar Nut Benefits - जानिए अडूसा के बेहतरीन फायदे
तपेदिक में मददगार
- यह तपेदिक में बहुत ही फायदेमंद होता है।
- यदि तपेदिक हो तो इसके पत्तो के रस को शहद और अदरक के रस के साथ दिन में तीन बार लेना चाहिए|
- इसके अतिरिक्त अडूसा के फूलों का चूर्ण बना ले और उतनी ही मात्रा में मिश्री मिला ले।
- फिर इस मिश्रण को एक ग्लास दूध के साथ सुबह शाम 6 महीने तक नियमित सेवन करे।
गठिया दर्द
- अडूसा की पत्तियों में सूजन को कम करने और जीवाणु रोधी गुण पाए जाते है।
- गठिया को ठीक करने के लिए पत्तियों का लेप तैयार कर ले और इस लेप को प्रभावित क्षेत्र पर लगाए।
- इससे रोग को दूर करने में राहत मिलेगी, यह जोड़ो के दर्द को भी कम करता है।
दस्त में सहायक
- यदि दस्त से त्रस्त है तो इसकी पतियों का रस 2 से 4 ग्राम की मात्रा में लेना चाहिए।
- साथ ही यदि पाइल्स की समस्या है तो अडूसा के काढ़े के सेवन से आराम मिलता है।
अल्सर
- शोध से पता चला है कि अडूसा में एंटी अल्सर गुण होते है।
- अडूसा रक्तस्त्राव विकारो और अलसरेसन में लाभकारी होता है।
- उपचार के लिए 1 ग्राम अडूसा का पाउडर, 1 ग्राम मुलेठी और 250 मिलीग्राम शतावरी के पाउडर का सेवन करने से अलसर की समस्या दूर हो जाती है।
ब्लीडिंग की तकलीफ दूर करे
- 5 ग्राम हरतकी, 5 ग्राम विनिफेरा और 5 ग्राम अडूसा के पत्तो को 440 मिली लीटर पानी में उबाल कर काढ़ा बना ले|
- जब पानी 100 मिली लीटर हो जाये तो इस पानी को ठंडा कर ले।
- इसके बाद काढ़े में 1 चम्मच शहद मिला ले, फिर इस काढ़े को दिन में 2 बार सेवन करे। ब्लीडिंग बंद हो जाएगी।
मासिक धर्म
- मासिक धर्म में अधिक खून निकलने की समस्या से भी अडूसा राहत दिलाता है|
- स्त्रियों को अडूसा के हरे पत्तों का दस ग्राम रस मिश्री मिलाकर सेवन करने से बहुत फायदा होता है।
- मासिक धर्म में अवरोध होने पर अडूसा के पत्ते 10 ग्राम और मूली के बीज 3 ग्राम, गाजर के बीज 3 ग्राम मिलाकर पानी में उबालकर काढ़ा बना ले और छानकर कुछ दिन तक सेवन करे|