Marfan Syndrome: मार्फन सिंड्रोम के कई कारण हैं, इनमें से एक है हाथों की लकीरोंं का मिटना

Marfan Syndrome: मार्फन सिंड्रोम के कई कारण हैं, इनमें से एक है हाथों की लकीरोंं का मिटना

हमारी बदलती जीवन पद्धति के कारण बीमारियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है और आज तो इतनी सारी नई बीमारियों हो गयी है की जिनमे से कुछ बीमारियों के तो लोगो ने नाम भी नहीं सुने होंगे। इन बीमारियों से बचने के लिए और उसके सही समय पर उपचार के लिए बीमारियों के बारे में सही जानकारी होना ज़रूरी है।

कुछ बीमारियाँ ऐसी होती है जो की जन्म से ही हो जाती है। ऐसी ही एक बीमारी है मार्फन सिंड्रोम। यह बीमारी आमतौर पर अनुवांशिक होती है जो की जन्म के समय से ही शिशु में हो सकती है।  

Marfan Disease धीरे धीरे बढ़ता है और बाद में घातक रूप भी ले लेता है। इसलिए इसका सही उपचार करना ज़रुरी है। यह धीरे धीरे पूरे शरीर को प्रभावित कर देता है।

इस लेख में हम आपको मार्फन सिंड्रोम के बारे में विस्तार से बता रहे है ताकि आप इस बीमारी का पता लगा सके और सही उपचार करा सके। इसके लिए जानते है Marfan Syndrome के बारे में विस्तार से।

Marfan Syndrome: जाने मार्फन सिंड्रोम के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार

क्या है मार्फन सिंड्रोम: Marfan Syndrome

  • मार्फन सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी होती है जिसमे व्यक्ति अपने हाथों की रेखाओं को खो देता है। साथ ही इसके कारण हाथों के फिंगर प्रिंट्स भी नहीं रहते है। यह बीमारी फेफड़े, नर्वस सिस्टम और त्वचा को प्रभावित करते हैं।
  • मार्फन सिंड्रोम खासकर संयोजक ऊतकों पर असर करता है। बता दें की संयोजक ऊतक प्रोटीन होते है जो की हड्डियों, रक्त वाहिकाओं, त्वचा और अन्य अंगो के विकास में मदद करते है।
  • इस सब में से एक तरह का प्रोटीन फिब्रिलिन भी होता है। फिब्रिलिन जीन में समस्या आने पर मार्फन सिंड्रोम होता है।

मार्फन सिंड्रोम के लक्षण: Marfan Syndrome Symptoms

  • Marfan Syndrome Signs ज्यादातर आँखों, हृदय, रक्त वाहिकाओं और हड्डियों में देखने को मिलते है। इसके लक्षण धीरे धीरे देखने में आते है।
  • इसका सबसे मुख्य लक्षण हाथों की लकीरोंं का मिटना और फिंगरप्रिंट्स का गायब होना होता है।
  • इसके अलावा इसमें हाँथ और पैर लम्बे हो जाते है साथ ही अंगुलिया भी लम्बी लम्बी होने लगती है।
  • इस बीमारी में रोगी के जोड़ों में लचीलापन आने लगता है।
  • यदि आप पैरो पर ध्यान देंगे तो इस बीमारी में रोगी के पैर सपाट होने लगते है।
  • यह दांतो को भी प्रभावित करती है इसके कारण दांतो के ऊपर दांत भी आ सकते है।
  • रीढ़ की हड्डी का मुड़ा हुआ होना भी देखने को मिलता है।
  • इसमें रोगी की छाती में बाहर की तरफ उभार होता है या फिर छाती में गहराई होती है।
  • त्वचा पर स्ट्रेच मार्क का दिखना भी इस बीमारी का लक्षण होता है।
  • रोगी का शरीर लम्बा और पतला होता है।

उपरोक्त लक्षणों को देखकर मार्फन सिंड्रोम का पता चलता है। यदि किसी व्यक्ति में उपरोक्त लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत ही डॉक्टर से दिखाना चाहिए।  इसके कुछ लक्षणों को पहचानना बहुत मुश्किल  होता है। जैसे - फेफड़ों में बीमारी का होना, दिल से जुड़ी समस्याएं, आँखों की समस्याएं, कम  उम्र में मोतियाबिंद का होना आदि। ये ऐसी बीमारी होती है जिसके लिए कुछ विशेष जाँच की जरुरत पड़ती है तभी इसके सही कारणों  का पता चलता है। मार्फन सिंड्रोम पूरे शरीर को प्रभावित करता है। इसलिए इसके लक्षण हर व्यक्ति में अलग अलग हो सकते है। एक ही परिवार के सदस्यों में भी इसके लक्षण अलग अलग  देखने को मिल सकते है।

मार्फन सिन्ड्रोन के कारण: Marfan Syndrome Causes

यह बीमारी अनुवांशिक होती है इसलिए इसके सही कारण को बता पाना मुश्किल होता है। यह महिला और पुरुष किसी को भी हो सकती है। यह माता पिता से ही बच्चे में आ सकती है।

मार्फन सिंड्रोम के उपचार: Marfan Syndrome Treatment

  • इस बीमारी का पूरी तरह से उपचार मुमकिन नहीं है लेकिन कुछ उपचार की मदद से इसे कम किया जा सकता है। उपरोक्त लक्षणों को पहचान कर सही समय पर उपचार करना ज़रुरी होता है नहीं तो यह बीमारी घातक भी हो सकती है।
  • इस बीमारी के उपचार के लिए रोगी को हृदय रोग विशेषज्ञ, आर्थोपेडिक सर्जन और चिकित्‍सक, नेत्र चिकित्सक के संरक्षण में रखा जाता है। ताकि स्थिति की जाँच की जा सके और रोगी का उपचार हो सके।
  • कभी कभी ऐसी स्थिति भी आती है जब रोगी के लिए मनोचिकित्सक की आवश्यकता भी होती है।

मार्फन सिंड्रोम के निदान

  • मार्फन सिंड्रोम के निदान के लिए डॉक्टर रोगी के पारिवारिक इतिहास को जानने की कोशिश करता है साथ ही उसके आधार पर ही परीक्षण कर निदान करता है।
  • इसके निदान के लिए किसी एक जाँच की जरुरत नहीं होती है। इसके लिए परिस्थिति के अनुसार ही डॉक्टर को कई जांचे करनी पड़ सकती है।
  • इसकी रोकथाम दवाओं, सर्जरी और अन्य उपचारों की मदद से किया जा सकता है।
  • मार्फन सिंड्रोम किसी भी उम्र में व्यक्ति को हो सकता है यह महिला और पुरुष दोनों में सामान रूप से होता है।

मार्फन सिंड्रोम के जोखिम कारक

  • मार्फन सिंड्रोम का सही समय पर उपचार नहीं होने से समस्या बढ़ सकती है।
  • जो व्यक्ति के लिए घातक होती है। इसके उपचार में देरी होने से महाधमनी बढ़ सकती है जो की शरीर के लिए हानिकारक है।
  • साथ ही वाल्व विरूपता, महाधमनी विच्छेदन, नेत्र लेंस अव्यवस्था, मोतियाबिंद, रेटिना समस्या आदि परेशानियाँ भी उत्पन्न हो सकती है।

मार्फन सिंड्रोम से बचाव

  • मार्फन सिंड्रोम जैसी बीमारी से बचने के लिए धूम्रपान को छोड़ देना चाहिए। यह शरीर के लिए बहुत ही घातक होता है साथ ही आपके परिवार वालो को भी नुकसान पहुँचाता है।
  • नियमित रूप से आपके शरीर को किसी भी शारीरिक गति विधि में जरूर लगाए। नहीं तो आपको मार्फन सिंड्रोम जैसी भयानक बीमारी भी हो सकती है।
  • हो सके तो व्यायाम को नियमित रूप से करे यह आपके शरीर को फिट रखेगा और शरीर को स्वस्थ भी रखेगा।

मार्फन की समस्या का पूर्ण उपचार तो अभी तक नहीं हो पाया है लेकिन यदि आप उपरोक्त लक्षणों को ध्यान में रखते है तो इस बीमारी का सही समय रहते पता लगा सकते है और इसकी रोकथाम कर सकते हैं। इस तरह की बीमारी के बारे में जानकारी रखे और अपने परिवारवालों को भी जागरूक करें क्योंकि कुछ बीमारियों का उपचार समय पर होना बहुत ही ज़रुरी है नहीं तो बीमारी की रोकथाम के लिए बहुत देर हो सकती है और आप व डॉक्टर बीमारी के लिए कुछ भी नहीं कर पाएंगे।

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