Motor Neurone Disease: जाने और समझे मोटर न्यूरॉन कैसी बीमारी है

Motor Neurone Disease: जाने और समझे मोटर न्यूरॉन कैसी बीमारी है

मोटर न्यूरॉन एक ऐसी बीमारी जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं है। यह बीमारी लोगो में कम ही देखने को मिलती है पर फिर भी एक शोध में यह बताया गया है की हर साल 5000 अमेरिकन इस बीमारी से ग्रसित हो जाते है।

वैसे ज्यादातर यह बीमारी 40 साल के बाद ही होती है लेकिन इस बात की गारंटी नहीं यह 40 साल के बाद ही हो, यह किसी भी उम्र में हो सकती है। मोटर न्यूरॉन एक ऐसी बीमारी जिसके कारण रीढ़ की हड्डी और दिमाग दोनों के नर्व धीरे धीरे काम करना बंद कर देते हैं ।

यह बीमारी कम ही लोगो को होती है पर जिन्हे भी होती है उनकी कंडीशन काफी ज्यादा सीरियस हो जाती है। यह बीमारी धीरे धीरे पूरी बॉडी के सभी फंक्शन्स को कम कर देती है। ब्रिटिश साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग इसी बीमारी से ग्रसित थे उन्होंने अपनी लाइफ के 55 साल इस बीमारी के साथ लड़ते हुए गुजारे। हालांकि हर कोई उनके जितनी लाइफ इस बीमारी से ग्रसित हो कर नहीं जी पाता है पर ये उनकी इच्छाशक्ति की वजह से संभव हो सका ।

इस लेख में हम आपको मोटर न्यूरॉन बीमारी के बारे बताने जा रहे की यह किस तरह की बीमारी है साथ ही इसके लक्षण क्या होते है और इसके प्रकार कितने है। इस लेख में पढ़े Motor Neurone Disease.

Motor Neurone Disease: जाने मोटर न्यूरॉन डिजीज से जुड़ी उपयोगी जानकारियां

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कैसी बीमारी है मोटर न्यूरॉन

  • ये एक लाइलाज बीमारी है जिसका अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।
  • यह बीमारी व्यक्ति के रीढ़ की हड्डी और दिमाग से जुड़ी होती है।
  • इसमें रीढ़ की हड्डी और दिमाग की नर्व धीरे धीरे अपना काम करना बंद कर देती है।
  • इसमें धीरे धीरे बॉडी के दूसरे पार्ट भी काम करना बंद कर देते है।
  • स्टार्टिंग में ये पता नहीं चलता पर एक के बाद एक एक कर के बॉडी की वर्किंग बंद होने लग जाती है।
  • साथ ही एक समय ऐसा आता है जब इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति चलने फिरने की स्थिति में भी नहीं रह जाता है।
  • बॉडी में एक मोटर न्यूरॉन नर्व सेल होती है जो मसल्स को इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स भेजती है।
  • मोटर न्यूरॉन नर्व सेल के सिग्नल भेजने की वजह से हमारी बॉडी में मूवमेंट्स होते है और साथ ही हम काम कर पाते है।
  • इस बीमारी को एमऐनडी (MDN - Motor Neuron Diseases) भी कहते है।
  • अगर किसी को यह बीमारी होती है तो यह जल्दी समझ नहीं आता की बॉडी में ऐसा क्यों हो रहा है।
  • क्योंकि इस बीमारी के साइन और सिस्टम्स दूसरी कई बीमारियों से मिलते जुलते नजर आते हैं।
  • अगर किसी व्यक्ति में यह बीमारी पाई जाती है तो वह बीमारी के 5 से 10 साल तक ही जीवित रह पाता है।

वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग 55 साल तक मोटर न्यूरॉन बीमारी से लड़ते रहे

  • स्टीफन हॉकिंग बहुत की मशहूर वैज्ञानिक थे जिन्होंने दुनिया में बिग बैंग थ्योरी दी थी।
  • इन का जन्म 8 जनवरी 1942 को हुआ था और वे मोटर न्यूरॉन की बीमारी से ग्रसित थे।
  • उनका देहांत कुछ वक़्त पहले ही 14 मार्च 2018 को 76 साल की उम्र में हुआ।
  • उन्होंने अपनी इस बीमारी को एक वरदान की तरह माना और टेक्नोलॉजी और नए नए तकनीक के जरिये अपने कई शोध को पूरा किया।
  • आप यह भी कह सकते है मोटर न्यूरॉन जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हुए भी उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति की वजह से कई महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण किये और अपना जीवन ख़ुशी से व्यतीत किया।

मोटर न्यूरॉन बीमारी के प्रकार

एएलएस (ALS) (Amyotrophic Lateral Sclerosis) या (Lou Gehrig’s disease)

  • मोटर न्यूरॉन बीमारी के इस प्रकार से ग्रसित व्यक्ति की मसल्स अफेक्ट होती है।
  • इसमें पैर, हाथ, मुँह, और रेस्पिरेटरी सिस्टम सभी मसल्स काम करना बंद करने लग जाते हैं ।
  • इस टाइप की मोटर न्यूरॉन बीमारी में व्यक्ति 3 से 5 साल तक ही जी पाता है।
  • लेकिन इसका मतलब यह नहीं की वो इससे ज्यादा साल नहीं जी सकता है।
  • अगर वो सही ढंग से केयर करे और अपना जीवन यापन करे तो 10 साल तक भी जी सकता है।

पिबीपि (PBP) - प्रोग्रेसिव बलबेर पालसी (Progressive Bulber Palsy)

  • इस टाइप में मोटर न्यूरॉन बीमारी रीढ़ की हड्डी से दिमाग तक जाने वाली सभी नसों को इफ़ेक्ट करती है।
  • जो लोग एएलएस (ALS) से पीड़ित होते है उन्हें पिबीपि (PBP) - प्रोग्रेसिव बलबेर पालसी भी हो जाता है।
  • इसमें बोलने और खाने में समस्या आने लगती है।

पिएमए (PMA) - प्रोग्रेसिव मस्कुलर एट्रोफी (Progressive Muscular Atrophy)

  • इसमें आपकी मसल्स धीरे धीरे एफेक्ट होना स्टार्ट होती है।
  • इस टाइप में ज्यादातर हाथ, पैर और मुँह की मसल्स इफ़ेक्ट होती है।
  • इसमें और एएलएस में हल्का सा ही डिफ्रेंस है।

पिऐलऐस (PLS) - प्राइमरी लेटरल स्क्लेरोसिस (Primary Lateral Sclerosis)

  • यह टाइप इस बीमारी का एक एडवांस टाइप है।
  • इस टाइप से काफी कम लोग ही पीड़ित होते है।
  • अगर यह बच्चों को होता है तो इसे जुवेनाइल प्राइमरी लेटरल स्क्लेरोसिस (Juvenile Primary Lateral Sclerosis) बोलते है।

एसएमए (SMA) - स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy)

  • यह टाइप रीढ़ की हड्डी से रिलेटेड होता है जो बच्चों में होता है।
  • यह बच्चों को तीन वजह से होता है इसका एक कारण असामान्य जीन होना, जिसे एसएमए1 कहा जाता है।
  • जो लम्बे समय के लिए होता है और यह उसके टाइप पर डिपेंड करता है।

मोटर न्यूरॉन बीमारी के लक्षण

  • इसमें हाथों की ग्रिप बनना कम हो जाती है।
  • चीज़ो को उठाने में और पकड़ने में मुश्किल आती है।
  • बॉडी में सभी पार्ट्स की मसल्स में दर्द होता है और साथ ही क्रेम्प भी होता है।
  • आँखों का ज्यादा देर तक के लिए या फिर पूरा समय फड़फड़ाने की समस्या ।
  • हाथों और पैरों में कमजोरी का आभास होना।
  • खाना चबाने और शरीर में अंदर लेने में मुश्किल होना।
  • साँस लेते समय कुछ परेशानी या मुश्किल होना।
  • बोलते समय ज़ुबान का लड़खड़ाना।
  • बॉडी के अंगों का आकार बिगड़ जाना।

इस लेख में हमने आपको मोटर न्यूरॉन की बीमारी की पूरी जानकारी दी जिससे की आप और आपके आस पास अगर कोई इस बीमारी से ग्रसित हो तो आप भी उसे समझ सके और उसकी बीमारी को ठीक तरफ से इलाज प्रदान करवा सके। ऊपर दिए मोटर न्यूरॉन के लक्षण को समझे और अगर किसी में यह लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करे।

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