महिलाओं में मासिक धर्म का होना स्वाभाविक होता है क्यूंकि यह उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा है। भले ही आपको इसके आने पर चिड़चिड़ाहट होती हो,लेकिन यह आपके स्वस्थ शरीर और माँ बनने की संभावना को दर्शाता है। इसलिए मासिक धर्म का आना अच्छा होता है।
मासिक धर्म प्रतिमाह आने से महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे की पेट में दर्द,पैरों में दर्द और कमर में दर्द और उसका असर सेहत पर भी पड़ता है।
मासिक धर्म के दौरान महिलाओ में दिन भर आलस बना रहता है। ना उनकी काम करने की इच्छा नहीं होती है और न ही उनका मूड अच्छा रहता है। इन दिनों पीरियड्स में होने वाले ब्लड फ्लो के रंग में भी परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
मासिक धर्म महिलाओं में सिर्फ गर्भावस्था के लक्षणों के बारे में ही नहीं बताते,बल्कि इस समय में श्रावित होने वाले रक्त का रंग शरीर में हार्मोन संबंधी कमियों और कई बीमारियों के विषय में साफ संकेत देते हैं। जानते है Period Color and Health, अर्थात रक्त के ये कलर क्या- क्या संकेत देते है।
Period Color and Health: माहवारी रक्त के रंग से जाने शरीर का हाल
लाल रंग
यदि इस दौरान लाल रंग का फ्लो होता है तो इसका मतलब है की यह रक्त नया है जो की शरीर से तुरंत निकलता है। यह लाल रंग का रक्त बहुत हल्का होता है साथ ही यह हैवी ब्लीडिंग के साथ बिना गहराए निकलता है।
ब्राउन कलर
डार्क ब्राउन रंग का आना,पुराने रक्त का प्रतीक है। इस तरह का रक्त लंबे वक्त तक गर्भाशय में संग्रहीत रहता है,जो कि लंबे समय के बाद बहता है। इस प्रकार का रक्त आम तौर पर सुबह-सुबह देखने को ज्यादा मिलता है।
काला या ग्रे रंग
यह रंग एक घातक संकेत देता है,जिसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिये। ग्रे या काले रंग का रक्त,यूट्रस में इंफेक्शन या मिसकैरेज का लक्षण माना जाता है। पर यदि काले रंग का पीरियड ब्लड माहवारी के चौथे दिन पर आए और उसमें हल्का सा लाल रंग भी मिला हुआ हो तो कोई चिंता का विषय नहीं होता है।
नारंगी रंग
ब्राइट ऑरेंज रंग का रक्त कभी कभी संक्रमण का भी संकेत देता है। यह रंग तब दिखाई देता है जब रक्त गर्भाशय ग्रीवा के साथ मिक्स हो जाता है।
मध्यम लाल या क्रैनबेरी कलर
मासिक धर्म के लिये यह रंग स्वस्थ और अच्छा रंग माना जाता है। यह रंग मासिक धर्म के दूसरे दिन देखने को मिलता है। शोध कर्ता बताते हैं कि जिन्हें लंबी पीरियड साइकिल होती है,उन्हें यह रंग देखने को मिलता है। इसके बाद में यह क्रैनबेरी शेड बदल कर थोड़ा डार्क हो जाता है,जो कि सामान्य बात है।
रक्त का थक्का बनने पर
यदि मासिक धर्म का रक्त लाल रंग हो परन्तु उससे निकलने वाले खून में थक्का बना हुआ निकले तो आपमें प्रोजेस्ट्रोन का लेवल कम है और एस्ट्रोजन का लेवल अधिक है। ऐसे में फाईबर युक्त भोजन करने की आवश्यकता होती है जो की रक्त को थक्का बनने से बचाता है। अगर इस दौरान निकलने वाले रक्त के थक्के बहुत बड़े हो तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।