PID: यौन संचारित घातक बीमारी है Pelvic Inflammatory Disorder, जानें इसके बचाव

PID: यौन संचारित घातक बीमारी है Pelvic Inflammatory Disorder, जानें इसके बचाव

आजकल मनुष्य तरह तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहा है। कुछ बीमारियाँ जल्दी ठीक हो जाती है और कुछ ज्यादा समय लेती है ठीक होने में। पुरुष की तुलना में महिलाओं में ज्यादा बीमारियाँ होती है। महिलाओं के शरीर की बनावट पुरुष से अलग होती है।

पुरुष और महिलाओं के अलग अलग हार्मोन्स पाए जाते है जिससे बीमारियाँ भी अलग अलग होते है। महिलाएँ अक्सर घर और बाहर का काम करती रहती है जिससे उन्हें कई छोटी मोटी परेशानियां होती रहती है। अधिकतर महिलाओं को अक्सर पेट, सिर और पीठ दर्द की समस्या रहती है जिसे वे ज्यादा अहमियत नहीं देती। फिर आगे जाकर यह बीमारी बढ़ जाती है और बड़ी समस्या बन जाती है।

महिलाओं को तरह तरह की बीमारी होती है जैसे- स्तन कैंसर, अर्थराइटिस, मधुमेह, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, दिल की बीमारी आदि। आज हम बात करते है Pelvic Inflammatory Disorder की। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) महिलाओं के प्रजनन अंगो का संक्रमण होता है। इस बीमारी में अंडाशय में संक्रमण और गर्भाशय तथा फलोपियन ट्यूब में सूजन आ जाती है। यह बीमारी अधिकतर यौन संक्रमण से होती है।

यह बहुत घातक बीमारी होती है। यह महिलाओं के गर्भाशय, फलोपियन ट्यूब और अन्य अंग को भी नुक्सान पहुंचा सकता है। इस बीमारी का पता तब चलता है, जब महिला को गर्भधारण में परेशानी होने लगती है और पेल्विक क्षेत्र में दर्द तथा सूजन की समस्या देखने को मिलती है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमे इसके बैक्टीरिया शरीर में फैलते रहते है और बीमारी को बढ़ाते रहते है। आइये आज जानते है इसके लक्षण, कारण और बचाव के बारे में। पढ़ें PID से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ।

PID: पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज क्या है, जाने इससे बचने के उपाय

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पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज दरअसल श्रोणि सूजन रोग कहलाता है। यह महिला के प्रजनन अंगों का संक्रमण है। पीआईडी कई अलग-अलग प्रकार के जीवाणुओं के कारण हो सकता है।यह ज्यादातर 15 से 24 साल की यौन सक्रिय महिलाओं को प्रभावित करता है।

PID Causes: पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कारण

  • यह डिजीज ज्यादातर यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) की वजह से होता है। Sexually Transmitted Infections (STIs) एक तरीके के बैक्टीरिया के कारण होता है जो गर्भाशय को संक्रमित कर देता है।
  • इस संक्रमण के कारण पीड़ित महिला के पेल्विक क्षेत्र में सूजन आ जाती है और दर्द होने लगता है।
  • यदि आपको क्लैमिडिया, गोनोरिया जैसी बीमारी है तो पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • यदि आप बिना कंडोम के सेक्स कर लेते है तो इसका खतरा आपको बढ़ जाता है।
  • आप यदि एक ज्यादा लोगों के साथ यौन संबंध बनाते हैं तो यह समस्या आपको हो सकती है।
  • आपकी कम उम्र से यौन सक्रियता रही हो तो भी यह हो सकता है।
  • आपने पहले कभी गर्भपात कराया हो जो अच्छे से नहीं हुआ हो तो भी आपको यह हो सकता है।
  • गर्भनिरोधक उपकरण लगवाने से भी किसी किसी को यह समस्या हो जाती है।
  • पीरियड के बीच ज्यादा ब्लीडिंग होना भी इसकी एक वजह हो सकता है।

PID Symptoms: पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के लक्षण

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज जब होती है तब इसका संक्रमण गोनोरिया की समस्या के साथ होता है। कई महिलाओं में इसके लक्षण दिखते है और कई में मालूम ही नहीं पड़ते है। आइये जानते है पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के लक्षण

  • लम्बे समय तक हल्का हल्का बुखार रहना या अचानक तेज बुखार का आना।
  • पेट के निचले हिस्से में जोर से दर्द होना या नाभि के नीचे दर्द होना।
  • सेक्स करते वक़्त दर्द होना।
  • पेशाब करते वक़्त जलन होना और तकलीफ होना।
  • पेट और पीठ में दर्द होना।
  • अनियमित मासिक धर्म।
  • योनि में असामान्य पीले या हरे रंग स्राव होना और असामान्य गंध आना है।
  • पेट दुखना और उलटी आना।
  • पीआईडी एक तरह की Inflammatory Disease होती है।

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज से होने वाली परेशानियां

  • PID Infection एक महिला के प्रजनन अंगों का संक्रमण है। प्रजनन अंगों में गर्भाशय (गर्भ), फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय शामिल होते हैं।
  • पीआईडी के कारण कई बार प्रजनन अंग स्थाई रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और फैलोपियन ट्यूब में भी जख्म भी हो सकता है और ख़राब होने के खतरा बढ़ जाता है।
  • क्षतिग्रस्त होने और बार-बार समस्या होने पर इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ जाता है।
  • इसके कारण अंडाशय में संक्रमण होने लगता है और गर्भाशय में सूजन व दर्द होने लगता है।
  • पीआईडी के कारण स्पर्म एग तक नहीं पहुंच पाता या एग फर्टिलाइज नहीं हो पाते।
  • पीआईडी के कारण कई बार महिलाओं में मासिक स्राव के बंद होने की भी शिकायत हो जाती है।
  • फलोपियन ट्यूब की सतह लाल होकर सूज जाती है। जिसके कारण में गर्भावस्था में बहुत परेशानियां आती है।
  • एक बार से ज्यादा यह बीमारी होने से बांझपन का खतरा बढ़ जाता है।
  • पीआईडी जिसे एक बार हो चूका होता है उसे वापस से होने का खतरा रहता है।

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के बचाव:

  • ऐसा ज़रुरी नहीं की हर बार PID एसटीआई के कारण ही हो, इसलिए इसका बचाव करना बहुत ज़रुरी है।
  • एक से ज्यादा व्यक्ति से यौन संबंध बनाने से बचे।
  • सेक्स के वक़्त हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करे ।
  • अपने सेक्स पार्टनर की भी जाँच ज़रुर कराएं।
  • नियमित रूप से यौन स्वास्थ की जांच कराएं।
  • योनी को साफ़ रखने के लिए पानी के अलावा किसी और चीज़ का उपयोग ना करें।

PID Treatment: पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के उपचार

पीआईडी का उपचार न कराने से यह बहुत नुक्सान पहुंचा सकती है।
मूल रूप से इस बीमारी को रोका जा सकता है। इसके कही तरीके होते है। जैसे -

एंटीबायोटिक:

  • इस बीमारी से लड़ने के लिए आजकल बजार मे कई सारी एंटीबायोटिक उपलब्ध है।
  • कई बार एक से ज्यादा एंटीबायोटिक का उपयोग करना पड़ता है।
  • एंटीबायोटिक हमे इस बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है।
  • डॉक्टर से सलाह लेकर तुरंत इलाज शुरू किया जा सकता है।
  • एक बार एंटीबायोटिक का कोर्स चालू कर दिया तो उसे पूरा खत्म करें, आधा छोड़ने से बैक्टीरिया वापस आ जाते है और इसके इफ़ेक्ट भी रह जाते है।
  • यदि समय पर इलाज शुरू कर देते है तो बहुत सी परेशानियों से बचा जा सकता है।
  • इन एंटीबायोटिक में Ofloxacin and Ceftriaxone जैसे एंटीबायोटिक शामिल होते हैं।

यौन साथी का इलाज:

  • यदि अपके सेक्स पार्टनर के कारण इन्फेक्शन हो रहा हो तो उसका इलाज भी ज़रूरी होता है।
  • आपके साथी में भी इसके लक्षण दिखाई नहीं देते है, इसलिए जांच नियमित रूप से कराते रहे।

सर्जरी या ऑपरेशन

  • पीआईडी जल्द और बेहतर इलाज के लिए कभी कभी ऑपरेशन भी करवाना पड़ जाता है।
  • जब PID के संक्रमण एंटीबायोटिक से ठीक नहीं होते तो सर्जरी का ऑप्शन सबसे सही माना जाता है।
  • जब पेल्विक में सूजन और घाव हो रहे हों तो ऑपरेशन ही करना ज़रूरी होता है।

तो ये थी PID Disease से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ अगर आपको भी इस समस्या ने घेर रखा है तो इसका उपचार जल्द शुरू कर दें और लेख में बताये गए बचाव का पालन ज़रूर करें।

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