Rickets Treatment in Hindi: जानिए सूखा रोग के आसान घरेलू उपचार

Rickets Treatment in Hindi: जानिए सूखा रोग के आसान घरेलू उपचार

रिकेट्स का रोग, हड्डियों का रोग है जो अधिकतर बच्चों में होता है। इस रोग को सूखा रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग उन बच्चों में होता है जिनके शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी हो जाती है।

यदि आपका बच्चा एक साल का हो जाने पर भी खड़ा नहीं हो पा रहा है तो ऐसी हालत में उसे रिकेट्स होने की संभावना अधिक होती है।

जिन भी बच्चो को माँ का दूध नहीं मिल पाता है, या फिर पाचन तंत्र के कमजोर होने पर उन्हें दूध पच नहीं पाता है। ऐसे बच्चो का शरीर बिलकुल सुख जाता है और कमर पतली हो जाती है। रिकेट्स होने का खतरा खासकर ऐसी ही स्तिथि में होता है।

बच्चे को उठने- बैठने और चलने फिरने में परेशानी, पेट और छाती के विकार, हाथ-पैरों का टेढ़ा-मेढ़ा होना, माथे पर पसीना आदि इसके लक्षण है। रिकेट्स ठीक होने वाली बीमारी है। तो चलिए आज के लेख में जानते है Rickets Treatment in Hindi.

Rickets Treatment in Hindi: इन तरीकों से मिलेगी रिकेट्स रोग में राहत

How-to-Cure-Rickets

माँ का दूध पिलाये

डॉक्टरों के अनुसार माँ का दूध बच्चे के सही विकास के लिए बेहद जरूरी है। जिन भी बच्चों को माँ का दूध नहीं मिल पाता है, खासकर उन बच्चो में हड्डी से संबंधित रोगों के होने की आशंका पूरी पूरी रहती है। इसलिए बच्चे के जन्म के बाद से कम से कम 2 साल तक माँ का दूध जरुरी है। यहाँ पर आप स्तन का दूध बढ़ाने के आसान तरीके जान सकती है।

बच्चो को सन बाथ दे

धुप विटामिन डी पाने का मुख्य जरिया है। इसलिए अपने बच्चो को सुबह के वक्त थोड़ी देर धुप में जरूर बैठने या खेलने को कहे। साथ ही यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है तो उसे आप सुबह की तेल की मालिश धुप में दे सकते है।

खानपान का ध्यान रखे

  • विटामिन डी की पूर्ति के लिए बच्चो के आहार में सभी पौष्टिक चीज़ो को शामिल करे। उन्हें अंडे, मछली, दूध अच्छी मात्रा में दे।
  • इसके अतिरिक्त बच्चे को कच्चे लाल टमाटर का रस एक महीने तक देने से भी बच्चे का स्वास्थ्य सुधर जाता है और रिकेट्स में आराम मिलता है।
  • सूखा रोग होने पर बच्चो की अंगूर का रस जितना ज्यादा हो सके देना चाहिए।

चिकित्सक परामर्श

उपरोक्त घरेलु उपायों के अपनांने के साथ साथ चिकित्सक से भी परामर्श लेना भी जरुरी है। चिकित्सक बच्चे की हड्डियों को दबाकर उनकी जाँच करते हैं। साथ ही इसकी जाँच एक्सरे के द्वारा भी की जा सकती है।

नोट: यदि किसी बच्चे को विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलने के बावजूद भी उसमे ऐसी समस्या देखने को मिल रही है तो उसे रिकेट्स नहीं, हड्डी संबंधित कोई अन्य बीमारी हो सकती है। इस विषय में आप डॉक्टर से अच्छे से राय ले सकते है।

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