Varicose Veins and Spider Veins: क्या है वेरिकोज वेन्स, जाने इसका इलाज

Varicose Veins and Spider Veins: क्या है वेरिकोज वेन्स, जाने इसका इलाज

वेरिकोज वेन्स और स्पाइडर वेन्स एक हीं तरह की मिलती जुलती समस्या है। इन दोनों में थोड़ा अंतर भी होता है। जैसे वेरिकोज वेन्स साइज में बड़े तथा बढे हुए नजर आते हैं और ये फूलने के बाद ट्विस्ट और टर्न होते रहते हैं। इनका विकास ज्यादातर पैरों में देखने को मिलता है।

वहीं अगर बात स्पाइडर वेन्स की करें तो यह वेरिकोज वेन्स से आकार में छोटी होती हैं। इनका रंग लाल, बैंगनी और नीला होता जाता है तथा इसमें भी ट्विस्ट और टर्न देखने को मिलते हैं। ये त्वचा में आसानी से नजर आ जाते है। ज्यादातर इसे पैर और चेहरे पर साफ़ साफ़ देखा जा सकता है।

यह समस्या सबसे ज्यादा उन लोगो को अपने चपेट में लेती है जिनकी दैनिक जिंदगी में शारीरिक श्रम नहीं के बराबर होता है। मोटापे की समस्या से परेशान लोगों को भी इस समस्या के होने की संभावना रहती है।

आलसी लोग जिन्हे ज्यादा पैदल चलना फिरना पसंद नहीं होता या फिर जो लोग विलासिता पूर्ण जीवन जीने के शौक़ीन होते हैं वो लोग वेरिकोज वेन्स की समस्या से ज्यादा ग्रसित होते हैं। आइये जानते हैं Varicose Veins and Spider Veins के बारे में विस्तार से।

Varicose Veins and Spider Veins: वेरिकोज वेन्स के कारण, लक्षण और बचाव

Varicose-Veins-and-Spider-Veins-in-Hindi

वेरिकोज वेन्स कितने प्रकार के होते हैं

वेरिकोज वेन्स की स्थिति के अनुसार इसे 4 अलग अलग प्रकारों में बांटा जाता है। जानतें हैं इन सभी प्रकारों के बारे में।

मध्यम प्रकार

  • इस प्रकार के वेरिकोज वेन्स में आमतौर पर स्कीन के अंदर कुछ नीले रंग के उभरे हुए भाग नजर आते हैं।
  • इस प्रकार के दौरान इसे बस एक त्वचा संबंधित समस्या के तौर पर हीं देखा जाता है।
  • अगर इस समस्या का शुरूआती स्तर पर हीं उपचार नहीं करवाया जाता है तब ये ज्यादा समस्याएं खड़ी कर देते हैं।
  • इस प्रकार की वेरिकोज वेन्स से ब्लड का सर्कुलेशन नहीं हो पाता है और ब्लड हार्ट तक पहुँचने के बदले पैरों में जमा हो जाता है।

गंभीर प्रकार

  • ये तब होता है जब शुरूआती प्रकार के वेरिकोज वेन्स का अच्छे से इलाज नहीं करवाया जाता है और इसे उपचार के बिना रहने दिया जाता है।
  • ऐसा होने पर नसों के अंदर समस्याएं बढ़ जाती है। इसके कारण कई दूसरी समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती है।

गर्भावस्था के दौरान

  • अगर वेरिकोज वेन्स की समस्या किसी गर्भवती महिला को होती है तो उसे इस प्रकार में रखा जाता है।
  • आमतौर पर देखा जाता है की गर्भावस्था के समय महिला की शरीर आम अवस्था की तुलना में ज्यादा ब्लड प्रोड्यूस करती है।
  • इसके कारण ब्लड वेसल्स पर प्रेसर बढ़ जाता है और साथ हीं पांव, पैल्विक एरिया और वेजाइना पर वेरिकोज वेन्स दिखने लगते हैं।

स्पाइडर वेन्स

  • यहाँ स्पाइडर का मतलब मकड़ी और उनके जालों से है। इस प्रकार के वेरिकोज वेन्स में नसें मकड़ी के जालों की तरह दिखने लग जाती हैं।
  • इसे एक Cosmetic problem की तरह हीं माना जाता है। इसका उपचार भी आसान होता है।
  • पर अगर इसका इलाज ना करवाया जाए तो ये आपकी समस्याएं ज्यादा बढ़ा सकती है।

वेरिकोज वेन्स होने के कारण

  • आरम्भिक पैराग्राफ में आपने जाना की कैसे आपकी बेकार लाइफस्टाइल के कारण आपको वेरिकोज वेन्स की समस्या का सामना करना पड़ता है।
  • हमारे बॉडी को सही ढंग से काम करते रहने के लिए उर्जा का हर हिस्से में सामान रूप से वितरण रक्त के माध्यम से होता है।
  • रक्त हमारे शरीर में पोषक तत्वों के अलावा ज़रुरी oxygen भी उपलब्ध करवाती है।
  • इस पूरी क्रिया के बाद वो रक्त अशुद्ध हो जाती है और शुद्धिकरण के लिए वापिस हार्ट में जाती है।
  • पर हमारी बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल की वजह से इस प्रक्रिया में बाधा पैदा हो जाती है और अशुद्ध रक्त के शुद्धिकरण के लिए वापिस हार्ट में जाने के बजाय पैरों की नसों में जमा होने लग जाता है और इसी तरह वेरिकोज वेन्स की शुरुआत होती है।

उम्र बढ़ने के कारण

  • इसके अलावा वेरिकोज वेन्स की समस्या उम्र बढ़ने के साथ ज्यादा बढ़ जाता है।
  • जब हमारी उम्र बढ़ती है तब हमारे नसों में मौजूद वाल्व सही से काम नहीं कर पाते हैं।
  • इसकी वजह से दिल की तरफ होने वाला ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है और यह उलटी तरफ होने लग जाता है जिसके कारण वेरिकोज वेन्स होती है।
  • इसके अलावा यह समस्या अनुवांशिक रूप से भी परिवार के सदस्यों को हो सकता है।

वेरिकोज वेन्स से बचाव

  • इस समस्या का पूरी तरह से रोकना तो संभव नहीं है पर इसे नियंत्रित रखा जा सकता है।
  • इसके साथ हीं इसके घातक परिणामों को भी कम किया जा सकता है।
  • आप इसके लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं जैसे
  • आप व्यायाम की सहायता ले सकते हैं।
  • आप अपने बॉडी वेट को नियंत्रित कर सकते हैं।
  • वैसे जूते जिनकी हील हाई वो और वैसे मोज़े जो टाइट हों पहनने से बचें।
  • फाइबर से भरपूर और कम नमक का इस्तेमाल अपने भोजन में करें।
  • ज्यादा वक़्त तक आराम ना कर भी इस समस्या से बच सकते हैं।

वेरिकोज वेन्स का उपचार

इस समस्या के दो उपचार उपलब्ध हैं जिसकी मदद से आप वेरिकोज वेन्स को नियंत्रण में रख सकते हैं।

सर्जरी की मदद से

  • सर्जरी से पहले कुछ दिन तक के लिए मरीज को डॉक्टर की निगरानी में रखा जाता है।
  • डॉक्टर के सारे परीक्षण के बाद सर्जरी कर के इस समस्या का उपचार किया जाता है।
  • इसमें मरीज को टाँके लगाने पड़ते हैं।

लेजर की मदद से

  • वेरिकोज वेन्स के उपचार का ये तरीका सर्जरी से आसान और फ़ायदेमंद भी होता है।
  • इसमें किसी प्रकार का कोई जोखिम नहीं होता है और बगैर किसी टाँके के ये प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
  • यह मोर्डर्न ट्रीटमेंट का एक अच्छा तरीका है जिसकी मदद से बॉडी के अंदर की परेशानी को लेजर किरणों के माध्यम से खत्म किया जाता है।
  • इस प्रक्रिया के बाद आप सेम डे अपने घर भी वापिस लौट सकते हैं।

तो इस लेख में आपने पढ़ा वेरिकोज वेन्स की समस्या से जुड़ी बहुत सारी जानकारियाँ। इसकी मदद से आप खुद पता लगा सकते हैं की कहीं आपके शरीर में इस समस्या के कोई लक्षण तो नहीं हैं और इसकी शुरूआती लक्षण देख कर हीं इसका इलाज शुरू कर सकते हैं।

Subscribe to