What is Genomic Testing: जेनोमिक टेस्टिंग से करें भविष्य की बीमारियों का इलाज

What is Genomic Testing: जेनोमिक टेस्टिंग से करें भविष्य की बीमारियों का इलाज

चिकित्सकीय भाषा में अगर देखें तो कोई भी टेस्ट या परिक्षण किसी ना किसी शारीरिक बीमारी या फिर शरीर के अन्दर के अवयवों की अल्प या अति अवस्था का पता लगाने के लिए ही आमतौर पर किया जाता है। जेनोमिक टेस्टिंग भी एक ऐसा ही परीक्षण होता है जिसकी मदद से हम जटिल शारीरिक बीमारियों का पता लगा पाते हैं।

जैसे रक्त परिक्षण आदि से हम रक्त के अन्दर होने वाली कमियों और अधिकता का पता लगाकर इससे सम्बंधित बीमारियों का पता लगाते हैं ठीक वैसे ही जीन या जेनोमिक परिक्षण के माध्यम से हम शरीर के अन्दर हो रहे और भविष्य में हो सकने वाली बीमारियों का भी पता लगा सकते हैं।

सिर्फ बीमारियाँ ही नहीं बल्कि कभी कभी लोगों की मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए भी लोगो के पब्लिक डीएनए का उपयोग किया जाता है। पिछले दिनों कैलिफोर्नियाँ में एक सीरियल किलर की मानसिक स्थिति को दिखाने के लिए पुलिस ने किलर के पब्लिक DNA Testing का इस्तेमाल किया था।

आज इस लेख में हम जानेंगे जेनोमिक परिक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ जो आपको भविष्य में लाभ पहुंचाएंगी। आइये पढ़ें What is Genomic Testing.

What is Genomic Testing: जाने भविष्य में हो सकने वाली बीमारियों को

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जेनोमिक परिक्षण या Genetic Testing आखिर क्या होता है?

  • हमने अपने आसपास कभी किसी हमशक्ल को देखा होगा जो बिलकुल समान दिखता हो पर क्या आपको पता है कि इंसानों में चाहे कितनी भी समानता हो उनमे एक चीज ऐसी है जो कभी समान नहीं होती है और वो चीज होती है डीएनए।
  • इंसान को उसका डीएनए दुसरे इंसान से अलग करता है क्योंकि हर इंसान का डीएनए अलग और यूनीक होता है। इसी डीएनए का परिक्षण करके बहुत सारी बातों का पता लगाया जा सकता है।
  • जेनोमिक टेस्टिंग भी इसी डीएनए टेस्ट पर आधारित होता है। इसके अंतर्गत व्यक्ति के जेनेटिक म्यूटेशन का पता लगाया जाता है।
  • जेनेटिक म्यूटेशन जीन में होने वाले बदलाव को बताता है, इसके माध्यम से व्यक्ति को भविष्य में हो सकने वाली समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।
  • तो इसे हम Genetic Testing for Disease ख़ास कर भविष्य में हो सकने वाली बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है। ऐसा करके हम उन बीमारियों के लिए पहले से तैयार रह सकते हैं और उनके बढ़ने से पहले ही उसे खत्म कर सकते हैं।

कैसे कार्य करता है जेनोमिक टेस्टिंग, किन बीमारियों का लगता है पता?

  • भारत में जेनोमिक टेस्टिंग करने का काम कुछ आधा दर्जन कम्पनियाँ कर रही हैं। इनमे एक्स कोड लाइफ साइंस और मेडिजनोम मैप्माई जीनोम प्रमुख हैं।
  • ये कम्पनियाँ इस टेस्ट के माध्यम से मधुमेह, स्ट्रोक, कैंसर और ह्रदय संबंधी रोग जैसी करीब 20 से 25 बीमारियों के बारे में बताती हैं।
  • ये टेस्ट बताती हैं कि जीन के हिसाब से व्यक्ति को बीमारी का खतरा कितना ज्यादा या कम है।
  • फिलहाल जेनोमिक टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराने वाली ये कम्पनियाँ सिर्फ मेट्रो सिटीज में काम कर रही हैं पर ये कम्पनियाँ आपको ऑनलाइट टेस्ट के लिए ऑर्डर करने का भी एक विकल्प देती हैं जिससे मेट्रो सिटीज के अलावा दुसरे शहरों के लोग भी इसका फायदा उठा सकते हैं ।
  • इस ऑनलाइन तरीके से आप अपना डीएनए सैंपल टेस्ट के लिए कंपनियों को भेज सकते हैं।
  • भविष्य में हो सकने वाली हर तरह की बीमारियों की संभावना का पता लगाने के लिए यह जेनोमिक टेस्टिंग कई लोगों के लिए बहुत ज्यादा कारगर साबित हो सकती है।
  • फर्ज करें की आपकी जेनोमिक टेस्टिंग रिपोर्ट में आया कि निकट भविष्य में आपको मधुमेह होने की आशंका अधिक है तो आप अपनी जीवनशैली में थोडा परिवर्तन लाकर इस खतरे को कम कर सकते हैं।
  • इसके अलावा आप अपने खान-पान पर भी ध्यान दे सकते है और साथ ही साथ एक्सरसाइज आदि को अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं।
  • इस तरह आप अपनी जीवनशैली को खुद से व्यवस्थित बना सकते हैं। इससे हो सकता है कि भविष्य में आपको मधुमेह की समस्या से ग्रषित ना होना पड़े।
  • कुल मिलाकर आप सतर्क हो सकते हैं और गंभीर बीमारियों के हो सकने वाले घातक असर को निम्न कर सकते हैं।
  • ऐसा भी नहीं है कि जेनोमिक टेस्टिंग सिर्फ भविष्य की बीमारी की आशंका में ही आपकी सहायता करता है बल्कि यह आपकी डाइट और एक्सरसाइज को बेहतर करने में भी आपकी मदद करती है।
  • न्यूट्रीजेनेटिक टेस्ट आपको यह बताता है कि आपके शरीर को किस प्रकार के डाइट की जरुरत है।
  • न्यूट्रीजेनेटिक टेस्ट आपके डीएनए को एनालाइज करके यह बताता है कि आपका शरीर किस न्यूट्रिएंट को ज्यादा अवशोषित कर सकने में सक्षम है और किसे अवशोषित करने में सक्षम नहीं है ।
  • यह आपको ये भी बताता है कि आपके शरीर के लिए कौन सा फल या सब्जी अधिक बेहतर है।
  • इसी तरह फिटनेस जेनेटिक टेस्ट आपको इस बारे में बताता है कि आपको किस प्रकार की एक्सरसाइज और वर्कआउट करनी चाहिए।

जेनोमिक टेस्टिंग में आने वाला खर्च

  • जेनोमिक टेस्टिंग अमेरिका में साल 2008 के बाद से काफी प्रसिद्ध हुई है और 2008 से ही यहां ऑनलाइन टेस्टिंग की सुविधा की शुरुआत भी कर दी गई थी।
  • बहरहाल अब भारत में भी यह जेनोमिक टेस्टिंग होने लगा है। भारत में जेनोमिक टेस्टिंग कराने में 15 से 20 हजार रुपए तक के करीब का पूरा खर्च आता है।
  • भारत में भी इसके ऑनलाइन टेस्टिंग की सुविधा मौजूद है और कहीं से भी यह टेस्ट करवा सकते हैं।
  • इस टेस्ट के माध्यम से आपको भविष्य में होने वाली बीमारियों की जानकारी के अलावा काउंसलिंग की सुविधा का भी लाभ उठा सकते हैं।
  • आपको काउंसलिंग इसलिए दिया जाता है ताकि आप रिपोर्ट में बीमारी की आशंका को जानने के बाद घबराएं नहीं और बताए गए सुधार को अपने जीवनशैली में लागू करें
  • इस टेस्ट के माध्यम से 150 से 200 के करीब बीमारियों का पता लगाने की सुविधा मौजूद है।

यहाँ हमने आपको जेनोमिक टेस्टिंग से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी है। अगर आप भी अपने भविष्य में होने वाले बीमारियों के बारे में पहले से जानकारी लेकर इसका निदान कर देना चाहते हैं तो आपको भी इस टेस्ट की मदद लेनी चाहिए।

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