What is Gout: पैर के जोड़ो में दर्द का होना बन सकता है गाउट का कारण

What is Gout: पैर के जोड़ो में दर्द का होना बन सकता है गाउट का कारण

अक्सर लोगो को देखा जाता है कि वह अपने पैरों को लेकर बहुत परेशान रहते है। वह ठीक तरीके से चल भी नहीं पाते है क्योंकि उनके पैर के जोड़ो में दर्द रहता है।

पैर के जोड़ो में दर्द को गाउट रोग कहा जाता है। गाउट जिसे गठिया, वातरक्त, गाउट आर्थराइटिस आदि नामो से भी जाना जाता है।

गाउट होने पर रोगी को जोड़ों में अकड़न, सूजन या दर्द होने लगता है। यह रोग पाचन क्रिया से संबंधित होता है। यह तब होता है जब रक्त में मूत्रीय अम्ल ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा जोड़ों में गाउट एक पदार्थ से निर्मित क्रिस्टल के निर्माण की वजह से भी होता है जो कि यूरिक एसिड के नाम से जाना जाता है।

बड़ी पैर की अंगुली से इसका प्रारम्भ होता है। इस समस्या के गंभीर होने पर यह गुर्दा की पथरी की वजह भी बन जाता है। आईये विस्तार से जानते है What is Gout?

What is Gout: जानिए इसके लक्षण, कारण, बचाब और उपचार

गाउट रोग किस तरह बढ़ता है?

  • गाउट की शुरुआत पैरों से होती है। यह सबसे पहले पैरों के पंजो को प्रभावित करता है। जिसमे सबसे ज्यादा रोगी पैर के अंगूठे के जोड़ों के दर्द से ग्रसित रहता है।
  • पैर के अंगूठे के जोड़ में होने वाले गाउट रोग को पोडोग्रा कहा जाता है।
  • समय बढ़ने के साथ-साथ यह रोग भी बढ़ता है। इसके कण धीरे-धीरे शरीर के दूसरे जोड़ों तक भी पहुंच जाते है। इसके बाद यह घुटनें, कोहनी, हाथों की उगुंलियों के जोड़ों तक पहुंच जाता है और फिर ऊतकों को भी अपना निशाना बना लेता है।

गाउट आर्थराइटिस से प्रभावित होने वाले लोग

  • वैसे तो गाउट की समस्या अधिकांश लोगो को उनके जीवन काल में होती रहती है परन्तु यह कुछ लोगो को अपना विशेष निशाना बना लेता है।
  • इस प्रकार की समस्या मध्य-आयु वर्ग के लोगो और बूढ़े होने पर होती है।
  • बच्चों और युवाओं में इस प्रकार की समस्या बहुत कम होती है परन्तु कभी - कभी यह इन्हे भी अपनी चपेट में ले लेता है।
  • पुरुषो में यह समस्या 40 से 50 साल के मध्य होती है। जबकि महिलाओ में रजोनिवृत्ति से पूर्व गाउट होने की सम्भावना कम होती है।

गाउट के लक्षण

  • रात के समय अचानक जोड़ों में ज्यादा तेज दर्द होता है।
  • कभी-कभी सिर,पैर, टखने, घुटनों, जांघ और जोड़ों में दर्द होता है।
  • दर्द के साथ साथ सूजन भी आ जाती है। साथ ही किसी अंग का शून्य हो जाना भी होता है।
  • जोड़ों में लालपन आ जाता है और वह गर्म महसूस होने लगता है।
  • गाउट होने पर शरीर में थकान का अनुभव होने लगता है। साथ ही बुखार भी आ जाता है।
  • गाउट होने के कारण शरीर में खून की कमी हो जाती है।
  • इस प्रकार की समस्या होने पर भोजन भी अच्छे से नहीं पच पाता है।
  • गाउट के लक्षण पुरुषो में ज्यादा देखने को मिलते है। 75 प्रतिशत वंशानुगत यह समस्या वंशानुगत होती है।
  • बिना किसी इलाज के आमतौर पर गाउट तीन से दस दिनों में ठीक हो जाता है।
  • कभी कभी यह अग्रिम और जोड़ों व् किडनी को भी स्थायी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

गाउट के होने के कारण

  • प्यूरीन चयापचय में खराबी आने से गाउट की समस्या उत्पन्न होती है।
  • इसके अतिरिक्त आहार जैसे - फ्रुक्टोज युक्त पेय, शराब, मांस-मछली के सेवन करने से भी गाउट होने का खतरा रहता है।
  • अधिक मोटापा होना भी गाउट होने की संभावनाओं को बढ़ा देता है।
  • इसके आलावा कई रोगों जैसे कि गुर्दे की बीमारी, पॉलीसायथीमिया, मेटाबोलिक सिंड्रोम, वृक्कवात, लेड पॉयजनिंग, हीमोलिटिक एनीमिया, सोरायसिस और अंग प्रतिस्थापन, नायसिन, एस्पिरिन जैसी दवाओं आदि के सेवन से भी गाउट होने का खतरा रहता है।

कैसे होता है इसका परीक्षण

  • गाउट का पता लगाने के लिए डॉक्टर खून की जाँच करता है ताकि वह यूरिक एसिड के स्तर को पता कर सके।
  • इसके अतिरिक्त दर्द वाले जोड़ों में से तरल पदार्थ निकालकर भी जाँच की जाती है।

गाउट के उपचार

  • गाउट का यदि सही ढंग और पूर्ण रूप से उपचार करना है तो इसके लिए जरुरत होती है स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने की। स्वस्थ जीवनशैली होने से गाउट की समस्या नहीं रहती है।
  • इसके अतिरिक्त नियमित रूप से टहलना अच्छा होता है। साथ ही आप व्यायाम और योग को भी अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना सकते है।
  • अपने शरीर की समय समय पर मालिश करवाए इससे भी गाउट से निजात मिल जाता है।
  • यदि आप हफ्ते में एक दिन भी उपवास रखना प्रारम्भ कर देते है तो आपको गाउट से मुक्ति मिल सकती है।
  • अपने भोजन में उबले अनाज, जौ-बाजरा, चावल, गेहूं, चपाती जैसी चीजों को शामिल करे।
  • इसके अलावा हरी सब्जियां जो उबली हुई हो उनका सेवन करना चाहिए। साथ ही साबूदाना, अंकुरित अनाज, गिरीदार फल तथा अन्य सभी प्रकार के फल भी खाना चाहिए।
  • प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • यूरिक एसिड को कम करने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह से दवाईओ का भी सेवन कर सकते है।
  • एंटीइन्फ्लेमेट्री दवाइयां, स्टिरॉयड्स जैसी दवाईयों से सूजन और दर्द को कम किया जा सकता है।

गाउट के घरेलु उपचार

कुछ घरेलु उपचार से द्वारा भी गाउट की समस्या को कम किया जा सकता है।

विटामिन सी युक्त पदार्थ

  • विटामिन सी का सेवन करना गाउट की समस्या को कम करने के लिए अच्छा होता है। विटामिन सी का सेवन करने से रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है।

चेरी का सेवन

  • शोध से पता चला है कि यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने के लिए चेरी भी सहायक होती है। इसलिए इसका सेवन करना भी अच्छा होता है।

कॉफी

  • कॉफी का सेवन भी गाउट की समस्या को कम करने में मदद करता है।
  • कॉफी भी यूरिक एसिड के स्तर को कम करता है।

पानी

  • पानी को भी प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए। यदि शरीर में पानी की संतुलित मात्रा रहती है तो गाउट के खतरे को कम किया जा सकता है।

अब तो आप जान ही गए होंगे कि जोड़ो में दर्द क्यों होता है। यदि ऊपर दिए गए लक्षणों में से किसी प्रकार की समस्या है तो उसे अनदेखा न करे और समय पर ही इसका उपचार करा ले नहीं तो यह घातक भी हो सकती है।

Subscribe to