Yoga for Thyroid: आसन जो है थायराइड की समस्या को दूर करने में सहायक

Yoga for Thyroid: आसन जो है थायराइड की समस्या को दूर करने में सहायक

अधिकतर लोग थायराइड की समस्या से ग्रसित रहते है। यह एक गंभीर समस्या होती है। खानपान के सही ना होने और अनियमित जीवन शैली के कारण थायराइड रोगियों की संख्या दिन व् दिन बढ़ती जा रही है।

थायराइड होने से कई और समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती है। थायराइड की समस्या से ज्यादातर महिलाएं ग्रसित होती है। कई बार ऐसा होता है की थायराइड का उपचार करा लेने के बाद भी यह समस्या पूर्ण रूप से नहीं जाती है।

थायराइड की समस्या से पूर्ण रूप से निजात पाने के लिए योग का अभ्यास करना उत्तम होता है। इसके अभ्यास से रोगियों को थायराइड से छुटकारा तो मिलता है साथ ही शरीर भी पूरी तरह से ठीक हो जाता है।

योग में ऐसे काई आसन होते है जो की थायराइड की समस्या को ख़त्म कर सकते है। जानते है Yoga for Thyroid के बारे में विस्तार से।

Yoga for Thyroid: जानिए थायराइड से निजात दिलाने वाले आसन

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थायराइड की समस्या को दूर करने के लिए अनेक आसन है उसमे से कुछ आसन आसान और प्रभावी भी होते है। वह आसन इस प्रकार है, जैसे-

हलासन

  • इस आसन को करते समय शरीर का आकार खेत में जोतने वाले हल के सामान हो जाता है इसलिए इसे हलासन कहते है।
  • हलासन को अंग्रेजी में Plow Pose Yoga भी कहा जाता है।
  • हलासन करने में थोड़ा कठिन होता है परन्तु इसके अभ्यास से इसे आसानी से किया जा सकता है।
  • थायराइड की समस्या को दूर करने के लिए यह आसन बहुत ही लाभकारी होता है।
  • हलासन को करने से मेटाबोलिज्म को नियंत्रित कर सकते है।
  • साथ ही वजन भी नियंत्रित रहता है जिसके कारण बीमारियों से बचाव हो पाता है।
  • गले के विकारों को दूर करने के लिए भी हलासन का अभ्यास करना अच्छा होता है।

शीर्षासन

  • शीर्षासन सभी योगासनों में से बहुत ही प्रभावी आसन होता है इसलिए इस योगासन को योग के राजा के नाम से भी जानते है।
  • इस आसन को करने से संपूर्ण शरीर को लाभ मिलता है।
  • थायराइड रोगी के लिए इसका अभ्यास करना बहुत ही फ़ायदेमंद होता है।
  • शीर्षासन वजन को भी कम करने में मदद करता है साथ ही पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखता है।
  • शीर्षासन को नियमित रूप से करने पर यह थायराइड ग्लैण्ड पर असर करता है । साथ ही इससे मेटाबॉलिज्म भी अच्छा रहता है ।
  • डायबिटीज के रोगियों के लिए भी यह आसन फ़ायदेमंद होता है।

भुजंगासन

  • भुजंगासन को कोबरा पोज़ भी कहते है।
  • इसे करते समय शरीर की स्थिति एक कोबरा से समान होती है।
  • इस आसन का अभ्यास सर से लेकर पैर तक होता है।
  • भुजंगासन को करते समय गर्दन में खिचाव होता है। यह पैराथाइरॉइड ग्रंथियों और थायराइड को सक्रिय करने में सहायता होता है।
  • थायराइड की समस्या से भी निजात दिलाता है।
  • भुजंगासन को करने से पाचन तंत्र अच्छा रहता है साथ ही कई समस्याएं दूर हो जाती है।
  • यह आसन तनाव से मुक्ति दिलाकर मन को शांत करता है।

मत्स्य आसन

  • मत्स्य आसन को लेटकर किया जाता है जिसमे शरीर का आकार मछली जैसा होता है।
  • इसे Fish Yoga Pose भी कहते है।
  • गले एवं थायराइड के लिए यह बहुत ही फ़ायदेमंद आसन होता है। थायराइड के लिए यह किसी रामबाण से कम नहीं होता है।
  • इस आसन को करने से गर्दन के हिस्से में होने वाले थाइरोइड और पारा थाइरोइड का अच्छे तरीके से मालिश हो जाती है। जिसके कारण थायरोक्सिन हॉर्मोन के स्राव में सहायता मिलती है।
  • थायरोक्सिन हॉर्मोन थायराइड को कम करने में मदद करता है।
  • पेट की चर्बी को दूर करने में भी यह आसन सक्षम होता है।
  • इस आसन को करने से कमर दर्द से निजात मिल जाता है साथ ही महिलाओ के लिए भी यह आसन उपयोगी होता है।

मार्जरी आसन

  • मार्जरी आसन को cat pose yoga भी कहा जाता है। क्योंकि इसमें शरीर का आकार बिल्ली जैसा होता है।
  • साथ ही इस आसन को करने से कमर और पीठ का दर्द ठीक हो जाता है।
  • मार्जरी आसन को करने से पेट की चर्बी में कमी आती है और शरीर सुडौल बनता है।
  • इस आसन द्वारा पाचन तंत्र अच्छा रहता है जिसके कारण पेट सम्बन्धी बीमारियां नहीं होती है।
  • इस आसन के नियमित अभ्यास से मन शांत रहता है और तनाव से मुक्ति मिल जाती है।

विपरीत करणी आसन

  • विपरीत करणी आसन थायराइड को दूर करने का कार्य करता है।
  • यह हाइपोएक्टिव थायराइड से पीड़ित लोगो को राहत देता है।
  • यह आसन थायराइड की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करता है जिससे यह रोग ठीक हो जाता है।
  • विपरीत करणी आसन के नियमित अभ्यास से हार्मोन्स सम्बन्धी समस्याएं भी दूर हो जाती है।
  • इस आसन को करने से तनाव दूर हो जाता है साथ ही यह शरीर को एक बेहतर रक्त संचार प्रदान करता है।
  • शरीर की सम्पूर्ण थकावट इसे करने से दूर हो जाती है।

उष्ट्रासन

  • उष्ट्रासन को करते समय शरीर ऊंट के समान दिखाई देता है। इस लिए इसे उष्ट्रासन का नाम दिया गया है।
  • इस आसन को करने से गर्दन में खिंचाव होता है इसके कारण यह हाइपोथायराइड के लिए फ़ायदेमंद होती है।
  • यह आसन गर्दन में होने वाले दर्द को ठीक करने का कार्य करता है।
  • महिलाओं को होने वाली मासिक धर्म की समस्याओं से भी निजात दिलाने में सहायक होता है।
  • कमर दर्द को दूर करता है और वजन को भी कम कर देता है जिसके कारण शरीर रोगों से बचा रहता है।
  • पाचन संबंधी समस्‍याओं से भी मुक्ति दिलाने का कार्य करता है। इस आसन द्वारा क्रोध को कम किया जा सकता है।

ऊपर दिए गए आसनो के अतिरिक्त आप इन आसनो का अभ्यास भी कर सकते है जो की थायराइड की समस्या से निजात दिलाते है

इन योग आसनो का अभ्यास थायराइड के साथ साथ शरीर को भी स्वास्थ्य रखता है।
योग के अतिरिक्त आप प्राणायाम भी कर सकते है वह भी थायराइड के लिए उपयोगी होते है। जैसे-

  • कपालभाति प्राणायाम
  • उज्जई प्राणायाम

ऊपर बताये गए समस्त योग और प्राणायाम से आप थायराइड रोग को दूर कर सकते है साथ ही इन्हे करने से अन्य रोग भी ठीक हो जाते है। परन्तु इनका अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए तभी यह असरकारक होते है।

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