Aortic Stenosis: दिल की असामान्य आवाज एओर्टिक स्टेनोसिस का संकेत हो सकती है

Aortic Stenosis: दिल की असामान्य आवाज एओर्टिक स्टेनोसिस का संकेत हो सकती है

आज हम आपको इस आर्टिकल में एओर्टिक स्टेनोसिस (Aortic Stenosis) के बारे में बतायेंगे। जिसके बारे में जानकारी होना बहुत ही ज़रूरी है नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते है।

हम में से कितने ही लोग ऐसे होंगे जिन्हें अभी तक ये नही पता होगा की एओर्टिक स्टेनोसिस होता क्या है और ये किस कारण से हो सकता है? इसके सामान्य लक्षण क्या होते है आदि सभी जानकारियाँ आज हम आपको हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से बतायेंगे।

एओर्टिक स्टेनोसिस को हिंदी में महाधमनी का संकुचन भी कहते है। महाधमनी वाल्व स्टेनोसिस, वाल्वुलर हृदय रोग का एक रूप होता है। ये तब होता है जब महाधमनी वाल्व ठीक से नही खुल पाता है, परिणामस्वरूप इससे दिल से रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।

महाधमनी की वाल्व जब ठीक तरह से खुल नही पाता है तब इसके कारण हमारा हृदय शरीर के अन्य अंगो तक उचित मात्रा में खून पहुंचाने में सक्षम नही होता है। यही कारण होता है एओर्टिक स्टेनोसिस जैसे गंभीर रोग के होने का। जानते है Aortic Stenosis के बारे में।

Aortic Stenosis: जाने एओर्टिक स्टेनोसिस क्या है? इसके कारण, लक्षण और उपचार

एओर्टिक स्टेनोसिस क्या है: What is Aortic Stenosis?

  • एओर्टिक (महाधमनी) मुख्य रक्तवाहिका है जो दिल के बाएं लोअर चैंबर से निकल कर शरीर के बाकी हिस्सों में जाती है।
  • इसमें थोड़ी भी रूकावट आने पर हृदय प्रभावी तरीके से पंप नहीं कर पाता है।
  • एओर्टिक स्टेनोसिस में एओर्टिक वाल्व ठीक से खुल नहीं पाते है जिसके असर के कारण हृदय धीरे धीरे कमजोर होने लगता है क्योंकि उसे पूरे शरीर तक खून पहुँचाने में अधिक मेहनत करना पड़ती है।
  • एओर्टिक स्टेनोसिस के कारण शरीर में कई खतरे बढ़ जाते है। दिल से जुड़ी कई बीमारियों का खतरा अधिक हो जाता है।
  • इसके लक्षणों को पहचानकर इसका सही समय पर इलाज करना अत्यंत आवश्यक है नही तो इससे इंसान की मौत तक हो सकती है।
  • ज्यादातर इसके केस में इसके लक्षणों का पता बाद में ही चलता है जब वाल्व बहुत अधिक संकुचित हो जाते है।
  • एओर्टिक स्टेनोसिस होने के कई कारण हो सकते है। जिन्हें जन्म के दौरान ही हृदय सम्बन्धित कोई भी बीमारी होती है उन्हें इसका खतरा अधिक होता है।

एओर्टिक स्टेनोसिस के लक्षण: Aortic Stenosis Symptoms

एओर्टिक स्टेनोसिस के कई सारे लक्षण आपको देखने को मिल सकते है इसके लक्षण बहुत कम या बहुत अधिक भी दिखाई दे सकते है। आपको सही समय पर उन लक्षणों को पहचानकर इसका उचित इलाज करके  इस गंभीर बीमारी से बचने की जरुरत होती है।

  • दिल की असामान्य आवाज एओर्टिक स्टेनोसिस का एक लक्षण होता है।
  • बहुत अधिक थकान का अनुभव कोई भी कार्य करने में अत्यधिक थकान का अनुभव होना।
  • कोई भी एक्सरसाइज करने में दर्द का अनुभव होना।
  • बहुत ज्यादा चक्कर आना या कमजोरी का अनुभव होना।
  • दिल की धड़कन बहुत ज्यादा तेज़ चलना या अनियमित तौर पर दिल की धड़कन का चलना।
  • छाती में दर्द का अनुभव होना।
  • कोई भी शारीरिक गतिविधियाँ करने पर छाती में जकड़न का अनुभव होना।
  • सांस का बार बार फूलना या सिर का घूमना।
  • एड़ियों और पैरो में सुजन होना।
  • पर्याप्त भूख का न लगना या भोजन पर्याप्त मात्रा में न खाना।
  • बच्चों का पर्याप्त वजन न बढ़ पाना।
  • दिल में बैचेनी और घबराहट का अनुभव होना।

महाधमनी वाल्व रोग वाले कुछ लोगों को कई सालों तक इसके लक्षणों का अनुभव नहीं होता है। जब भी आपको इस तरह का कोई भी लक्षण नजर आये आपको इसे नजरंदाज नही करना है। आपका रोग कितना गंभीर है उस पर इसका उपचार निर्धारित करता है। कुछ मामलो में सर्जरी तक की आवश्यकता होती है। इसलिए डॉक्टर को लक्षणों को पता चलने पर ज़रूर दिखाएं।

एओर्टिक स्टेनोसिस के कारण: Aortic Stenosis Causes

महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। एओर्टिक स्टेनोसिस होने के मुख्य कारण निम्न है।

  • जन्मजात हृदय सम्बन्धित रोग : जिन बच्चों को जन्म के समय से ही हृदय रोग होते है उन्हें महाधमनी का संकुचन की संभावना बढ़ सकती है।
  • उच्च केलेस्ट्रोल : ऐसे लोग जिनका कोलेस्ट्रोल हमेशा बढ़ा हुआ रहता है उनमे एओर्टिक स्टेनोसिस होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
  • मधुमेह : सुगर के मरीज़ों में इसका खतरा अधिक होता है।
  • गुर्दे की परेशानी : ऐसे लोग जिन्हें गुर्दे की कोई पुरानी बीमारी हो उन्हें इसका खतरा और अधिक हो जाता है।
  • हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ों को भी एओर्टिक स्टेनोसिस का खतरा बढ़ सकता है।
  • रुमेटीक फीवर इसका एक कारण हो सकता है।
  • कैल्शियम का जमा होना : खून में कैल्शियम मौजूद होता है जो कई बार धीरे धीरे वाल्व के अंदर जमा होने लगता है जिसकी वजह से वाल्व कठोर हो जाता है और उसे खुलने में परेशानी आती है।
  • बढती उम्र : उम्र बढने के साथ साथ बुजुर्गो में इसका खतरा अधिक होता है इसलिए उन्हें नियमित चेकअप करने की सलाह दी जाती है।

एओर्टिक स्टेनोसिस उपचार: Aortic Stenosis Treatment

  • एओर्टिक स्टेनोसिस का उपचार संभव है पर यह रोगी की स्थिति पर निर्भर करता है। रोगी को कितने समय पहले इसके लक्षणों का पता चला है ये इस पर भी निर्धारित करता है।
  • कुछ मामलो में इसका इलाज करने के लिए ऑपरेशन भी किया जाता है जिसकी मदद से वाल्व की असामान्य स्थिति में सुधार किया जाता है। एओर्टिक स्टेनोसिस के उपचार के लिए बहुत सारी दवाइयाँ भी उपलब्ध रहती है।
  • आवश्यकता पड़ने पर एओर्टिक वाल्व को रिप्लेस किया जाना भी आवश्यक होता है नही तो ऐसे रोगियों को दिल का दौरा पड़ने से मौत भी हो सकती है। कुछ दुर्लभ मामलों में, सर्जिकल मरम्मत संभव हो सकती है। यह शिशुओं में सबसे आम है जहां वाल्व कैल्शियम बिल्डअप की बजाय ऊतक वृद्धि के कारण अवरुद्ध है।
  • ज्यादातर मामलों में डॉक्टर वाल्व की मरम्मत या प्रतिस्थापन के लिए सर्जरी की सिफारिश करते है। महाधमनी वाल्व प्रतिस्थापन के साथ, एक सर्जन प्रतिबंधित महाधमनी वाल्व को हटा देता है और इसे या तो यांत्रिक या ऊतक वाल्व के साथ बदल देता है। यह प्रक्रिया बहुत प्रभावी और सकारात्मक साबित होती है। जिन्हें गंभीर एओर्टिक स्टेनोसिस होता है उन्हें बहुत अधिक शारीरिक गतिविधियों को करने और खेलने से मना किया जाता है।

तो ये थी एओर्टिक स्टेनोसिस की समस्या से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ। आप इन जानकारियों के माध्यम से अपना बचाव निश्चित कर सकते है और इसके उपचार करवा सकते हैं।

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