Baddha Konasana: बद्धकोणासन के अभ्यास से होंगी आपकी कई समस्याएं दूर

Baddha Konasana: बद्धकोणासन के अभ्यास से होंगी आपकी कई समस्याएं दूर

हमने अपने देश के प्राचीनतम विज्ञान योग को आज फिर से एक बार अपने जीवन में सम्मलित कर लिया है। इसका श्रेय चाहे जिसे भी जाता ही पर इसके फायदे आज ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व के लोग उठा रहे हैं और अपने आप को स्वस्थ्य रखने के लिए योग शास्त्र के अनगिनत योगासनों का अभ्यास कर रहे हैं।

योग आधुनिकता में प्राचीन संस्कृति के समावेश का एक अच्छा उदाहरण है। इससे पता चलता है की हमारे पूर्वज कितने विकसित थे जो ऐसी ऐसी विधाओं का अभ्यास किया करते थे और खुद को निरोग रखा करते थे। आज फिर से एक बार हमने योग की उन्ही उपयोगिताओं को समझा है और पुनः एक बार इसके शरण में चले गए हैं।

योग की विधा में अनगिनत योगासन वर्णित हैं और हर योगासन के बहुत सारे फायदे होते हैं। इन्हीं अनगिनत योगासनों में से एक है बद्धकोणासन। Badhakonasana बहुत सारी खूबियों वाला योगासन माना जाता है और इसका अभ्यास आपको बहुत सारे फायदे देता है। संस्कृत शब्द बंध का मतलब होता है बंधन या फिर बंधा हुआ और कोण शब्द का मतलब होता है कोना या कार्नर। इस आसन का अभ्यास करते समय व्यक्ति की मुद्रा बिलकुल त्रिभुजाकार कोण के सदृश्य हो जाती है।

आज के लेख में हम आपको इसी बद्धकोणासन को करने की विधि को बताने जा रहे हैं। इसके अलावा हम इस योगासन के कई सारे करामाती फायदों के बारे में भी बताएँगे। आइये जानते हैं Baddha Konasana के बारे में विस्तार से।

Baddha Konasana: जाने बद्धकोणासन की अभ्यास विधि, और इसके फायदे

Baddha-Konasana-in-Hindi

बद्धकोणासन आसन को कोबलर पोज या फिर बटरफ्लाई पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन बाकी दुसरे आसनों के बनिस्पत में अधिक आसान है और इसका अभ्यास बहुत आसानी से भी किया जा सकता है। अक्सर मोची जूतों की मरम्मत करते हुए इसी मुद्रा में बैठता है और अपने कार्यों को करता रहता है। इस आसन में आपको अपने हिप्स को खोलकर अपने पांवों को जोड़ते हुए बैठना होता है और तितली के सदृश्य ऊपर और नीचे हिलना होता हैं। इसके कारण इसे तितली आसान भी कुछ लोग कहते हैं। आइए अब इस आसन के अभ्यास की विधि क्रम अनुसार जानते हैं। जानते हैं Butterfly Asana.

आरंभिक तैयारी

बद्धकोणासन अर्थात Butterfly Pose के अभ्यास से पहले कुछ बातों का ख्याल रखने की जरुरत होती है।

  • इस आसन को आप सुबह के समय थोड़ा जल्दी जाग कर किसी दुसरे आसन के संग कर सकते हैं।
  • अगर आप सुबह के समय जल्दी उठ पाने में सफल नहीं हो पाते हैं तो आप इस आसन का अभ्यास शाम के समय में भी कर सकते हैं।
  • शाम को इसका अभ्यास करने से पहले इस बात का ख्याल रखना चाहिए की आपने आसन करने से पहले कम से कम 4 घंटे तक कोई आहार ना लिया हो।
  • आम तौर पर कोई भी योग करने से पहले पेट का खाली होना जरुरी होता है अतः आसन करने तक आपका भोजन पूरी तरह से पच जाना चाहिए।

बद्धकोणासन करने के तरीके: Butterfly Pose Yoga steps

  • इसके अभ्यास के लिए सबसे पहले सीधे हो कर बैठ जाएँ और अपने पांवों को स्ट्रैच करें।
  • अब सांस लेते हुए अपने घुटनों को इस प्रकार से मोड़ें की आपकी एड़ी आपके पेल्विस की दिशा में चली जाए।
  • इस दौरान आप अपनी एड़ियों को अपने पेल्विस के जितना ज्यादा करीब ला सकते हैं ले कर आएं।
  • इसके बाद अपने हाथ के अंगूठे तथा पहली अंगुली का उपयोग करते हुए अपने पांव के अंगूठे को पकड़ लें।
  • इस दौरान ध्यान दें की अपने पांवों के बाहरी किनारों को फर्श पर दबा दें।
  • जब आप इस मुद्रा में अपने आप को सहज महसूस करने लग जाएँ तो इस दौरान जल्दी से जांच लें कि क्या आपकी प्यूबिस तथा टेलबोन जमीन से समान दूरी पर अवस्थित हों।
  • आपकी पेल्विस बिलकुल सामान दूरी पर होनी चाहिए और पेराइनम फर्श के बिलकुल पैरेलल होना चाहिए।
  • इस दौरान आपके कंधे तथा कमर बिलकुल सीधे होने चाहिए।
  • हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि आपके घुटने फर्श की ओर ना झुकने पाए।
  • अब अपने जांघ की हड्डियों को फर्श से टच करवाने का प्रयास करें।
  • इस मुद्रा में 1 से 5 मिनट तक के लिए बने रहें।
  • अब सांस लेते हुए अपने घुटनों को उठाएं और पैरों को फैलाएं।
  • इस आसान का अभ्यास नियमित तौर पर करें।

बद्धकोणासन करने के फायदे: Baddha Konasana Benefits.

  • इस आसान का नियमित अभ्यास ख़ास कर के गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक होता है। इसके अभ्यास से डिलिवरी के वक़्त ज्यादा कॉम्प्लीकेशंस देखने को नहीं मिलती है और सबकुछ आराम से हो जाता है।
  • बद्धकोणासन का अभ्यास करने से महिलाओं के प्रजनन तंत्र के कार्य में अच्छी वृद्धि होती है।
  • इसके अलावा यह आसान संपूर्ण बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाने में भी सहायता करता है।
  • यह आसन तनाव की समस्या को भी दूर करने में बहुत फायदेमंद साबित होता है साथ ही इसकी मदद से थकान से भी निजात मिल जाती है।
  • इसके अलावा इस आसन के अभ्यास से अस्थमा, इनफर्टिलिटी तथ उच्च रक्तचाप की परेशानी में भी बहुत राहत मिल जाती है।
  • यह आसान एक अच्छी मुद्रा होती है जिससे रीढ़ की हड्डी में सुखद खिचाव भी मिलता है और साथ हीं इससे और भी कई Butterfly Yoga Benefits मिलते हैं।

बद्धकोणासन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए

  • अगर आपके घुटने में किसी प्रकार की कोई चोट लगी हुई हो तो आपको इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • इसके अलावा मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को इस आसन का अभ्यास करने की मनाही होती है।
  • अगर आप सियाटिका की समस्या से ग्रसित हैं तो आप इस आसन का अभ्यास करने के लिए तकीये का सहारा ले सकते हैं और तकीये पर बैठ कर यह आसान कर सकते हैं और अगर ज्यादा परेशानी हो तो आप इस आसान को करने से परहेज करें।

आज के इस लेख में आपने बद्धकोणासन अर्थात Butterfly Yoga Pose Benefits के बारे में बहुत सारी महत्वपूर्ण बातें विस्तार से जानी। यह आसन ख़ासकर के महिलाओं की समस्या और अस्थमा आदि समस्याओं में बहुत लाभ पहुँचाता है। अगर आपको भी इस प्रकार की कोई समस्या है तो आप इस आसान का अभ्यास ज़रूर करें। समस्याओं के नहीं होने पर भी आप भविष्य में ये समस्याएं ना हो इसलिए इस आसान का अभ्यास कर सकते हैं।

Subscribe to