Human Papillomavirus Infection: एचपीवी वायरस के संक्रमण से हो सकता है कैंसर

Human Papillomavirus Infection: एचपीवी वायरस के संक्रमण से हो सकता है कैंसर

यौन सम्बन्ध बनाते समय यौन संचारित रोग अकसर एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फैलते हैं। बहुत सारी इसी तरह की बीमारियाँ हैं जो विषाणुओं की वज़ह से फैलते हैं। इन्हीं विषाणुओं में से एक विषाणु है ह्यूमन पैपिलोमा।

ह्यूमन पैपिलोमा नाम के इस वायरस का संक्रमण एक बहुत ही आम सा संक्रमण होता है जो एक इन्फेक्टेड व्यक्ति के साथ सेक्स रिलेशन बनाने की वज़ह से हो सकता है। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस को शोर्ट में एचपीवी (HPV) के नाम से भी जाना जाता है।

HPV Symptoms को आसानी से पकड़ा नहीं जा सकता हैं क्योंकि HPV Virus से होने वाले संक्रमण के 100 से भी ज्यादा प्रकार होते है और ये सारे प्रकार कोई निश्चित लक्षण को नहीं इंगित करते हैं। सर्वाइकल की वज़ह से होने वाले संक्रमण के सामान इसे भी संक्रमण होते हैं।

इससे फैलने वाले कुछ इस प्रकार के संक्रमण भी होते हैं जो जो बिना किसी इलाज के भी ठीक हो जाते है लेकिन कुछ संक्रमण ऐसे भी होते है जो बहुत अधिक समय तक टिके रह जाते हैं और एक ऐसा भी समय आता है जब इसके कारण स्किन के ग्रोथ में समस्याएं आने लग जाती है। पढ़ें Human Papillomavirus Infection.

Human Papillomavirus Infection: जाने एचपीवी संक्रमण क्या होता है

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एचपीवी वायरस क्या होता है: What is HPV

  • एचपीवी अर्थात ह्यूमन पैपिलोमा वायरस एक आम वायरस होता है। सेक्‍स सम्बन्ध बनाने वाले 50 प्रतिशत लोगों को इस वायरस के संक्रमण का सामना अपने जीवन में कभी ना कभी करना हीं पड़ता है। सामान्य तौर पर इसके संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं और यह संक्रमण खुद हीं ठीक हो जाता है। पर कभी कभी यह हानि भी पहुँचाता है।

एचपीवी के कारण

  • एचपीवी का इन्फेशन आम तौर पर आपके त्वचा के काटने या छिल जाने के बाद उस मार्ग से एचपी वायरस के प्रवेश कर जाने से होता है।
  • सामान्यतया एचपी वायरस स्किन से स्किन कनेक्शन से संचरण करता है और फैलता है।
  • सेक्स सम्बन्ध बनाते समय भी त्वचा का सम्पर्क होता है और ऐसी स्थिति में भी वायरस फ़ैल सकता है।
  • कभी कभी एचपीवी की वज़ह से मुंह के इर्द गिर्द या फिर नाक के ऊपर घाव जैसा हो सकता है यह मुख मैथुन करने की वज़ह से होता है।
  • एचपीवी संक्रमण गर्भवती माँ से उसके बच्चे में भी संचारित हो सकता है और इससे प्रभावित बच्चे के श्वसन अंगों या जननांगों में इन्फेक्शन हो सकता है।

एचपीवी के प्रकार

  • एचपीवी के अंतर्गत दरअसल 150 से भी अधिक वायरसों का एक समूह होता है और इस समूह के वायरसों में हर किसी को एक संख्या दिया गया है जिससे उसकी पहचान हो पाती है।
  • कुछ एचपीवी समूह के वायरस शरीर के किसी भी हिस्से पर मस्सा पैदा कर देते हैं वही कुछ एचपीवी वायरस कैंसर का भी कारण बन सकते हैं। इसके फलस्वरूप पुरुषों और महिलाओं में मुंह, गले, गूदे और मलाशय के कैंसर हो सकते हैं।
  • यह मुख्य रूप से एक से ज्यादा पार्टनर के साथ यौन सम्बन्ध बनाने की वज़ह से होता है। इसके अलावा उम्र बढ़ने पर भी यह देखने को मिलता है।
  • जिस व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उसे भी यह इन्फेक्टेड कर सकता है।

एचपीवी संक्रमण के लक्षण

  • अधिकतर मामलों में इससे पहले की शरीर पर कोई मस्सा बने शरीर का इम्यून सिस्टम इस तरह के संक्रमण को खुद हीं खत्म कर देता है। अगर मस्सा बनता है तो इसके साइज भिन्न प्रकार के होते हैं और यह एचपीवी के अलग अलग प्रकारों पर निर्भर होते हैं।
  • अगर जननांग पर कोई मस्सा होता है तो यह ज्यादा दर्द या बेचैनी पैदा नहीं कर पाता है बस इसमें खुजली की समस्या होती है।
  • हाथों, उँगलियों या फिर कोहनियों आदि पर कभी कभी सामान्य मस्सा हो जाता है। यह स्किन से उपर की ओर उठा होता है और खुरदरा होता है।
  • कभी कभी इसकी वज़ह से तलवे में कठोर, रूखा और दानेदार मस्सा हो जाता है। यह आम तौर पर तलवे के उस भाग में होता हैं जहाँ पर शरीर का सारा भार होता है। इसकी वज़ह से बेचैनी के साथ साथ दाढ़ का भी सामना कर पड़ सकता है।
  • स्किन के ऊपर उभरा हुआ सपाट मस्सा स्किन के कलर से भिन्न होता है। यह एक घाव की तरह नजर आता है और यह सामान्यतया फेस या गले पर होता है।
  • सर्वाइकल कैंसर के अधिकतर मामले भी इसी एचपीवी की वज़ह से देखने को मिलते हैं। इस प्रकार के वायरस मस्से नहीं पैदा करते है और इससे संक्रमण होने के बाद भी महिलाओं को संक्रमण का आभास नहीं हो पाता है।

एचपीवी से बचाव

  • एचपीवी से बचाव के लिए टीकाकरण फ़ायदेमंद होता है इसलिए इसके लिए HPV Vaccine करवाया जाता है।
  • अभी दो तरह के टीके मौजूद हैं जो एचपीवी के 18वें प्रकार और 16वें प्रकार से बचाव करते हैं।
  • यही दो प्रकार होते जो 70% तक सर्वाइकल कैंसर का भी वज़ह बन कर सामने आते हैं।
  • इसके अलावा एचपीवी के 6ठे प्रकार और 11वें प्रकार से बचाव के लिए भी टीके उपलब्ध हैं। इस प्रकार के एचपीवी मस्से का कारण बनते हैं।
  • अगर संक्रमण के पूर्व हीं इन टीकों का इस्तेमाल कर लिया जाए तो यह कभी संक्रमण नहीं होते देते हैं। कोशिश करना चाहिए की यौन संबंधों को बनाने से पहले इस टीके को लगवा लेना चाहिए।
  • बताये गए टीके दरअसल एचपीवी संक्रमण का इलाज नहीं करते हैं बल्कि यह सिर्फ बचाव के लिए होते हैं।

आज के इस लेख में आपने एचपीवी के संक्रमण से होने वाली समस्यायों और उसके कारों के बारे में विस्तार से जाना। यह वायरस कुछ मौकों पर कैंसर की समस्या और कुछ मौकों पर सामान्य मस्से आदि की परेशानी पैदा कर सकता है इसलिए इसका शुरूआती स्तर पर हीं पता लग जाने से इससे निजात दिलाने में मदद मिल जाती है और यह ज्यादा परेशानी पैदा नहीं कर पाता है। तो अगर आपके या आपके घर के किसी सदस्य को इस तरह के कोई भी लक्षण देखने को मिलते हैं तो तुरत डॉक्टर के पास जा कर HPV Treatment करवाएं और हो सके तो भविष्य में इस समस्या से बचने के लिए आप पहले हीं इसका टीका लगवा लें।

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