Mycoplasma in Hindi: असुरक्षित यौन सम्बन्ध से करे अपना और अपने साथी का बचाव

Mycoplasma in Hindi: असुरक्षित यौन सम्बन्ध से करे अपना और अपने साथी का बचाव

आजकल के इस दौर में जिस प्रकार मनुष्य ने कई नए आविष्कार किए है और प्रगति की है उसी प्रकार से अनेक प्रकार के रोगों ने भी वृद्धि की है। कई नए प्रकार के रोग सामने आ रहे है जिसके बारे में हमने कभी सुना और पढ़ा भी नहीं होता है।

इन नए प्रकार के रोगों के बारे में जानकारी होना बहुत हीं ज्यादा ज़रुरी हो गया है ताकि आप उस बीमारी के शुरूआती लक्षणों को पहचान सके और बीमारी के शुरूआती स्थिति में हीं उसका सही समय पर सही उपचार भी करवा सके।

कुछ रोग तो इतने गंभीर होते है की उनका यदि समय पर इलाज नहीं किया गया तो कभी कभी पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है। आज इस प्रकार की बहुत सारी बीमारियाँ लोगों में फ़ैल रही हैं। ऐसी हीं है माइकोप्लाज्मा। क्या आप माइकोप्लाज्मा के बारे में जानते है?

आपने यौन संक्रमण के बारे में तो सुना ही होगा परन्तु बहुत कम लोग इस नए यौन संक्रमण के बारे में जानते है। असुरक्षित यौन संबंध के कारण एड्स के अतिरिक्त अन्य खतरनाक बीमारियाँ भी हो सकती है। इसलिए इस लेख में हम आपको बता रहे है माइकोप्लाज्मा के बारे में विस्तार से। इसके लिए पढ़िए Mycoplasma in Hindi.

Mycoplasma in Hindi: जानिए इसके कारण, लक्षण, बचाव तथा उपचार

Mycoplasma-in-Hindi

क्या होता है Mycoplasma?

  • माइकोप्लाज्मा बहुत ही छोटे प्रकार के सजीव होते है जिनमे कोशिका भित्ति नहीं होती है।
  • इन जीवों को ऑक्सीजन की भी आवश्यकता नहीं होती है यह बिना ऑक्सीजन के भी किसी भी अवस्था में जीवित रह सकते है।
  • माइकोप्लाज्मा मनुष्यों, जंतुओं और पादपों सभी में रोग को उत्पन्न कर सकते है और आपको परेशानी में डाल सकता है।

माइकोप्लाज्मा संक्रमण: Mycoplasma Infection

माइकोप्लाज्मा इंफेक्शन कई प्रकार के होते है। इनमे से कुछ इंफेक्शन बहुत ज्यादा हानिकारक नहीं होते है। लेकिन माइकोप्लाज्मा जेनेटीलियम नाम का एक इंफेक्शन बहुत ज्यादा हानिकारक होता है जिसके परिणाम स्वरुप पीड़ित व्यक्ति को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ जाता है। आईये अब जानते है इसके बारे में विस्तार से।

Mycoplasma Genitalium

  • माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम एक प्रकार का सेक्‍सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज है जिसके बारे में जानकारी होना आवश्यक है क्योंकि यदि इसके बारे में समय रहते उपचार नहीं किया गया तो यह घातक हो सकता है।
  • माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम (MG) एक प्रकार कर जीवाणु होता है जो की पुरुषों और महिलाओं के पेशाब के रास्ते में सूजन पैदा करता है।
  • इस बीमारी को HIV के समान ही माना जाता है। पहली बार इस बीमारी के बारे में ब्रिटेन में साल 1980 में पता चला था।
  • इसका उपचार दवाइयों और ऐंटिबायॉटिक्स के जरिये ही किया जा सकता है।
  • यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो यह एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति कार्य करना बंद कर देता है।
  • ये एक प्रकार का लाइलाज बीमारी भी है जिसके कारण यह इन दिनों कई लोगो के साथ साथ डॉक्टर्स के लिए भी चिंता का विषय बन गयी है।

माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम का कारण

  • माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम नामक जीवाणु संक्रमण मूत्र और जननांग आदि स्थानों पर यौन संपर्क के माध्यम से होता है।
  • साथ ही यह अनसेफ सेक्‍स के कारण भी हो सकता है।
  • अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ यौन संबंध रखते हैं जो पहले से ही संक्रमित है तो उससे यह बीमारी आप में भी आ सकती है।

Mycoplasma Genitalium Symptoms

  • विशेषज्ञों का कहना है की इस बीमारी के शुरुआत में कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते है। जिसके कारण इसे पहचानने में कुछ कठिनाई होती है। कुछ लक्षणों को देखकर इन्हे पहचाना जा सकता है जैसे-
  • माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम के कारण महिला और पुरुष, दोनों के जननांगों में संक्रमण हो सकता है। यह महिलाओं और पुरुषों में थोड़ा भिन्न होता है।
  • पुरुषों में लिंग से चिपचिपा पदार्थ निकलना, पेशाब के समय दर्द, मूत्रमार्ग की सूजन
  • महिलाओ में सेक्स के बाद रक्तस्राव, पेशाब के समय जलन आदि।
  • महिलाओ में यदि इसका उपचार सही समय पर नहीं किया जाता है तो बांझपन भी हो सकता है।
  • माइकोप्लाज़्मा जेनिटेलियम के संक्रमण के कारण महिलाओं के गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में सूजन भी हो सकती है।
  • साथ ही इसमें बुखार जैसे लक्षण भी दिख सकते है।

माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम का उपचार

  • यह पता लगाने के लिए कि क्या आप संक्रमित हैं, डॉक्टर बैक्टीरिया के Genes को देखने के लिए NAAT नामक एक परीक्षण कर सकता है। साथ ही उपचार के लिए कुछ एंटीबायोटिक्स दी जाती है जैसे
  • Fluoroquinolones जैसे लेवोफ्लोक्सासिन या मोक्सीफ्लोक्सासिन
  • एमजी के उपचार में एंटीबायोटिक्स मैक्रोलाइड जैसे एजिथ्रोमाइसिन का उपयोग किया जा सकता है। इसके उपयोग से इस बीमारी का असर दुनिया में कम हुआ है।
  • Tetxcyclines जैसे Dxycycline यह संक्रमण के शुरुआती दिनों में ही दी जाती है। परन्तु यदि रोगी पर ट्रीटमेंट का प्रभाव नहीं होता है, तो क्विनोलोन्स (Quinolones) का उपयोग किया जाता है।
  • यदि आप इससे संक्रमित है तो इसके लिए आपके साथी को भी इलाज करने की आवश्यकता हो सकती है।

माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम से बचाव

  • यदि आप सेक्स के दौरान कंडोम का उपयोग करते हैं तो आप माइकोप्लाज्मा जेनिटेलियम को रोकने में मदद कर सकते हैं।
  • वैक्स या शेव और प्यूबिक हेयर को ट्रिम करने के बाद कुछ दिनों तक यौन संबंधों से दूरी बना कर रखनी चाहिए। इससे संक्रमण की सम्भावनाये कम हो जाती है।
  • सुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाकर आप इस बीमारी से अपना और अपने पार्टनर का बचाव कर सकते है।

अन्य जानकारी-

  • इस बीमारी के उपरोक्त लक्षणों के पता लगते ही अपने डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करे। क्योंकि यह महिला में बांझपन का कारण बन सकती है साथ ही यदि इस बीमारी का समय रहते उपचार नहीं किया गया तो इसका इलाज करना कठिन होता है।
  • यदि इलाज में ज्यादा देर हो जाती है तब एंटीबायोटिक्स का भी प्रभाव इस पर नहीं होता है।
  • डॉ. पीटर ग्रीनहाउस का मानना है कि लोगों में इस बीमारी के बारे में जितनी जागरुकता होगी, इसकी रोकथाम में उतनी अधिक सहायता मिलेगी।

उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखिए और सुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाए क्योंकि सुरक्षा ही बचाव है साथ ही आप इससे अपनी और अपने पार्टनर की जिंदगी को बचा सकते है और लाइफ को खुल कर एन्जॉय कर सकते है। तो आप अब से जब भी सम्बन्ध बनायें तो निरोध आदि की सुरक्षा का जरूर इस्तेमाल करें और खुद को सुरक्षित रखें।

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