सोना आम तौर पर अच्छा माना जाता है, हर रोज एक निश्चित नींद मिल जाने से शरीर स्वस्थ रहता है और हमेशा ताजगी बनी रहती है। पर आप ये तो जानते हीं होंगे की किसी भी चीज की अति नहीं करनी चाहिए, और यही बात लागू होती है नींद पर भी।
अगर आप जरूरत से ज्यादा नींद हर रोज लेने लगेंगे तो यह लाभ के बजाय आपको नुकसान भी पहुंचाने लग सकती है। वैसे भी ऐसा कहा जाता है की एक दिन में अधिकतम 10 घंटे से ज्यादा नहीं सोना चाहिए।
Excessive Sleeping की वज़ह से मनुष्य के सेहत पर इसका प्रतिकूल असर पड़ता है और इसके कारण कई प्रकार की समस्याएं भी हो सकती हैं। इसे लेकर हुए कई शोध और अध्ययन बताते हैं की आठ से दस घंटे से ज्यादा बिलकुल नहीं सोना चाहिए।
अधिक समय तक सोये रहने से बॉडी क्लॉक डिस्टर्ब होने की संभावना बढ़ जाती है और सुस्ती सी महसूस होती रहती है। इसकी वजह से शरीर का वजन भी बढ़ सकता है। आईये आज के लेख में पढ़ें Oversleeping Side Effects.
Oversleeping Side Effects: ज्यादा नींद स्वास्थ्य के लिए हो सकता है नुकसानदेह
अगर आप हर रोज 10 घंटे से अधिक सोते हैं तो इसकी वज़ह से Effects of Oversleeping देखने को मिलती है और आपको मेटाबोलिक (उपापचयी) सिंड्रोम की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा इससे हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है। रोजाना अगर आप 10 घंटे से ज्यादा सोयेंगे तब इसके कारण आपके कमर का घेरा बढ़ जाएगा। वहीं शरीर में उच्च ट्राइग्लिसराइड के लेवल को हीं मेटाबोलिक सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है और यही हार्ट रिलेटेड बीमारियों के जोखिम को बढाने का कारण होता है। आइये अब जांए कुछ समस्यायों के बारे में जो Oversleeping Causes की वज़ह से होता है।
हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा
- एक अमेरिकी शोध के अनुसार ऐसा देखा गया है की 9 घंटे से अधिक सोने वालों व्यक्तियों को हार्ट संबंधित समस्या का खतरा दोगुना बढ़ जाता है।
- करीब 72000 महिलाओं को शामिल कर के एक अध्ययन किया गया और इस अध्ययन के विश्लेषण से यह पता चला है कि जो महिलायें हर रात 9 से 11 घंटे सोती हैं उन महिलाओं को 8 घंटे सोने वाली महिलाओं की तुलना में 38% ज्यादा कोरोनरी हार्ट डिजीज होने की संभावना बढ़ जाती है।
पीठ में दर्द की समस्या
- एक जमाना था जब पीठ में दर्द हो जाने पर डॉक्टर पीड़ित व्यक्ति को बस आराम करने के को कहते थे पर अब डॉक्टरों को इस बात का एहसास हुआ है कि शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आराम से ज्यादा शारीरिक क्रियाकलाप करते रहना ज्यादा जरुरी होता है।
- ज्यादा सोने की वज़ह से शरीर की मांसपेशियाँ अकड़ जाती हैं, जिसकी वजह से बैकपेन होने लग जाता है। इसीलिए डॉक्टर कम सोने और आराम करने के लिए कहते हैं।
मधुमेह का खतरा
- ऐसा कई अध्ययनों से पता लगाया गया है कि देर तक सोते रहने की वजह से कई लोग रात को देर तक जागते भी रहते हैं जिसे Sleep Disorders कहते है। ऐसे में रात में कम नींद आना मधुमेह के खतरे को ज्यादा बढ़ा सकता है।
- वैसे शोधों से पता चला है की ज्यादा सोने वाले लोगों में अक्सर टाइप 2 के मधुमेह होने की संभावना दोगुनी हो जाती है।
मोटापा बढ़ने लगना
- बहुत ज्यादा सोने से या फिर बहुत कम सोने से भी आपके शरीर का वज़न बढ़ने लग सकता है।
- हाल ही में हुए एक शोध से ऐसा पता चला है कि जो लोग रात में 9 से 10 घंटों तक के लिए सोते हैं, वे उन लोगों की तुलना में जो रात में सिर्फ 7 से 8 घंटों के लिए सोते हैं, आने वाले अगले 6 सालों में 21% से भी अधिक मोटे हो सकते हैं।
सरदर्द की समस्या
- बहुत सारे लोग ऐसा करते हैं की छुट्टी वाले दिन या फिर वीकेंडस पर बहुत ज्यादा सो जाते हैं और ऐसा करने से उनके सर में दर्द शुरू हो जाता है।
- कई शोधकर्ताओं का ऐसा मानना है की बहुत देर तक सोते रहने से हमारे मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर तथा सेरोटोनिन के ऊपर दुष्प्रभाव पड़ता है जिसकी वज़ह से हीं यह होता है।
- कुछ रिसर्चर्स का मानना है की 9 घंटे से ज्यादा सोने वाले व्यक्ति का दिमाग जल्दी बूढा होने लग जाता है ।
अवसाद की समस्या
- बहुत ज्यादा सोते रहने के कारण कई बार लोगों को अवसाद की समस्या से भी दो चार होना पड़ जाता है।
- वैसे भी ज्यादातर लोग सोचते हैं की अवसाद की समस्या से पीड़ित लोग अनिद्रा से पीड़ित होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कई ऐसे लोग भी होते है जो अपना अवसाद खत्म करने के लिए ज्यादा सोते हैं और अवसाद उन्हें ज्यादा परेशान करता रहता है।
- एक हाल हीं में किये गए अध्ययन से यह पता चला है कि बहुत अधिक नींद लेना अनुवांशिक हेरिटेज सिटी की संभावना को बढ़ा देता।
- एक अन्य अध्ययन के मुताबिक़ जो लोग 10 घंटे से ज्यादा समय के लिए सोते रहते हैं वो किसी ना किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं।
- जॉन हॉपकिंस मेडिकल स्कूल में आयोजित किये गए एक शोध में यह बात पता चली कि शरीर की नींद की क्षमता में परिवर्तन की वज़ह अस्थाई मानसिक अवसाद भी हो सकता है।
गर्भधारण में हो सकती है परेशानी
- साल 2013 में हुए एक कोरियाई रिसर्च में 650 महिलाओं की टीम पर एक अध्यन किया गया जिसमें से वे महिलाएं जो इन विट्रो निषेचन के दौर से उस दौरान गुजर रही थी उनमें से भी वैसी महिलाएं जो 7 से 8 घंटे की दैनिक नींद लेती थी गर्भवती होने में सफल हो गयीं।
- इन्ही शोध के आगे के अध्ययन में ऐसा भी सुझाव दिया गया की पर्याप्त नींद मासिक धर्म चक्र को सही करने तथा हार्मोन स्त्राव को प्रभावित कर सकती है।
- इस शोध मैं अभी तक नींद तथा बांझपन के बीच किसी प्रकार का कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है फिर भी इन शोधकर्ताओं ने पर्याप्त नींद तथा गर्भधारण के मध्य संबंध को स्थापित करने की कोशिश की है।
आज के इस लेख में आपने ज्यादा सोने से होने वाले नुकसानों के बारे में पढ़ा। अगर आप भी लेख में बताये गए समय से ज्यादा देर तक सोते हैं तो इसके नुकसानों को जान ले और अपनी इस आदत से तुरंत छुटकारा पाने की कोशिश करें।