पैरालिसिस की बीमारी के बारे में सब जानते हैं । पैरालिसिस को हीं “लकवा मार जाना” भी कहा जाता है। इसे कुछ लोग पक्षाघात के नाम से भी जानते है।
इस प्रकार की बीमारी में व्यक्ति की एक या एक से अधिक मांसपेशियाँ कार्य करने में असमर्थ हो जाती है। व्यक्ति को चलने - फिरने, बोलने और समझने में भी कठिनाई आने लगती है।
पैरालिसिस के कारण शरीर में दुर्बलता आ जाती है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। कुछ लोग तो इस समस्या से जीवनपर्यन्त जूझते रहते है, और कुछ लोग उपचार से ठीक भी हो जाते है।
पैरालिसिस के बारे में पूर्ण जानकारी होना ज़रुरी होता है ताकि आप इस बीमारी से बचाव कर सके। इसके लिए इस लेख के जरिये जानकारी दी जा रही है पढ़िए Paralysis Symptoms and Reasons के बारे में।
Paralysis Symptoms and Reasons: जानिए इसके कारण, लक्षण और उपचार
पैरालिसिस क्या है
- पैरालिसिस की समस्या तब उत्पन्न होती है जब शरीर के किसी भाग में रक्त सही से नहीं पहुंच पाता है। जिसके कारण शरीर के उस भाग की क्रियाये धीरे धीरे रुकने लगती है।
- धीरे धीरे वह भाग निर्जीव हो जाता है और उसमे कोई भी प्रतिक्रिया नहीं होती है इस स्थिति को ही पैरालिसिस कहा जाता है।
पैरालिसिस को कई प्रकारो में बांटा गया है मोनोप्लेजिया, हेमिप्लेजिया, पेराप्लेजिया, टेट्राप्लेजिया ये इसके प्रमुख प्रकार होते है।
मोनोप्लेजिया
- इस प्रकार के पैरालिसिस में सिर्फ एक ही अंग प्रभावित होता है।
पेराप्लेजिया
- पेराप्लेजिया पैरालिसिस तब होता है जब दोनों पैरों में लकवा मार जाता है और कभी कभी कमर के निचले भाग में भी लकवे की स्थिति आ जाती है।
टेट्राप्लेजिया
- टेट्राप्लेजिया पैरालिसिस की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब रोगी के दोनों हाथ और पैरों में लकवा मार जाता है।
हेमिप्लेजिया
- हेमिप्लेजिया पैरालिसिस में शरीर के कोई भी एक ओर के हाँथ और पैर लकवे से पीड़ित हो जाते है। तब हेमिप्लेजिया का असर होता है।
पैरालिसिस होने के लक्षण
- दर्द
- कब्ज अथवा दस्त होना
- दिखाई देने में परेशानी
- बोलने में कठिनाई
- त्वचा पर निशान का होना
- श्रवण शक्ति की कमी
- मूत्राशय और जननांगों का सही से कार्य न कर पाना
- अनुभव करने की शक्ति कम होना
- मूत्र और मलत्याग पर नियंत्रण ना होना
- माँसपेशियों का कठोर हो जाना
- झुनझुनी की समस्या
- दिमाग की चेतना का काम करना बंद कर देना
- सीढ़ियां उतरने और चढ़ने में परेशानी आना
- भूख कम लगना
- पूरी नींद नहीं आना
पैरालिसिस होने के कारण
अधिकतर पैरालिसिस होने की सम्भावना तब होती है जब तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुँचती है। इसके अतिरिक्त भी कई कारण होते है जिनके कारण किसी व्यक्ति को पैरालिसिस हो जाता है।
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस की समस्या होने पर
- ट्यूमर, आघात और स्ट्रोक के कारण
- सेरिब्रल पाल्सी के कारण
- मेटाबोलिक विकार होने से
- स्पॉन्डिलाइटिस और रह्युमेटोइड आर्थराइटिस
- विकिरण के कारण
- मस्तिष्क की नसों के क्षति ग्रस्त होने से
- धमनियों में किसी प्रकार की समस्या आने पर
- सिर में किसी कारण खून के बहने से
- कैंसर रोग के कारण
- हाई ब्लड प्रेशर होने पर
बचाव के लिए जरुरी आहार
लेने योग्य आहार
- वसीय अम्ल युक्त खाद्य पदार्थ लेना ज़रूरी होता है, जैसे फलियाँ, दालें, केले, हरी सब्जियाँ, कम वसा युक्त दूध आदि का भरपूर मात्रा में सेवन करे।
- इसके अतिरिक्त नायसिन और विटामिन बी 12 जैसे विटामिन बी काम्प्लेक्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना भी अच्छा होता है।
इन आहार से परहेज करे
- वसायुक्त आहार का सेवन करने से बचे। जितना हो सके संतुलित आहार का ही सेवन करे।
- कम और बार-बार ना खाएं।
पैरालिसिस के घरेलु उपचार
तुलसी का सेवन
- तुलसी का सेवन एक आयुर्वेदिक औषधि है। जो कई रोगों के निदान में सहायक होती है।
- तुलसी लकवा के लिए भी लाभकारी होती है।
उपयोग विधि
- सबसे पहले एक बर्तन ले उसमे थोड़े से तुलसी के पत्ते डाले। और फिर उसमे पानी भर दे।
- इस पानी को तेज आंच पर उबाले। फिर इसकी भाप ले।
- ऐसा करने से लकवा में राहत मिलती है।
तांबे के बर्तन में रखे पानी का सेवन
- तांबे के बर्तन का पानी पीने से भी लकवे के रोग से मुक्ति मिल सकती है।
- इसके पानी से कई रोग दूर हो जाते है।
उपयोग विधि
- एक तांबे का बर्तन ले और उसमे रात को पानी भर कर रख दे।
- सुबह को इस पानी को उठने के तुरंत बाद ही पीये।
- आप दिन के समय भी इस पानी को पी सकते है। ऐसा करने से भी लाभ मिलता है।
- हाई ब्लड प्रेशर, एसिडिटी और कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है।
बादाम का सेवन
- बादाम कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है इसलिए लकवा रोगी को इसका सेवन करना चाहिए। इससे उसे लाभ की प्राप्ति होती है।
- विटामिन ई बादाम में उचित मात्रा में होता है । जो शरीर को सक्रीय रखने में मदद करता है।
- रोगी को प्रतिदिन इसका सेवन करना चाहिए।
अंडो का सेवन
- अंडो का सेवन करने से कई स्वास्थ्य लाभ होते है।
- यह शरीर के लिए पौष्टिक होता है ।
- सुबह के नाश्ते में इसका सेवन करना अच्छा होता है।
- पैरालिसिस के रोगियों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होता है। यह उनके शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए प्रतिदिन रोगियों को इसका सेवन करना चाहिए।
यदि आपको भी ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई समस्या आ रही है तो अपने डॉक्टर से ज़रुर संपर्क करे।