Prenatal Yoga: प्रसवपूर्व इन योगासनों के अभ्यास से मिलेगा स्वास्थ्यलाभ

Prenatal Yoga: प्रसवपूर्व इन योगासनों के अभ्यास से मिलेगा स्वास्थ्यलाभ

गर्भावस्था का समय हर महिला के लिए सबसे अमूल्य होता है। जो पहली बार माँ बनती है उन्हें ये नही पता होता है की उन्हें गर्भ धारण के समय या फिर प्रसवपूर्व क्या क्या एक्टिविटीज करनी चाहिए, खास तौर पर ऐसी महिलाएं जिनके पास में कोई बुजुर्ग न हो उनके लिए ये समय और भी कठिन हो जाता है।

आज हम आपको हमारे इस आर्टिकल में गर्भवती महिलाओ को प्रसवपूर्व कौन-कौन से योग व आसन करना चाहिए ये बतायेंगे। साथ ही ये व्यायाम प्रसव से पहले गर्भवती महिला के लिए किस तरह लाभकारी होता है इससे जुड़ी सभी जानकारी बतायेंगे।

बहुत सी गर्भवती महिलाओं को ये असमंजस रहता है की प्रेगनेंसी के समय व्यायाम करना सही होता है या नही हम आपको बता दे गर्भावस्था के समय महिलाएं जितना व्यायाम करती है वो महिलाएं प्रसूति के समय होने वाली पीड़ा को सहन करने के लिए उतनी ही ज्यादा स्ट्रोंग हो जाती है। अगर गर्भवती महिला चाहे तो अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर भी प्रतिदिन व्यायाम कर सकती है। प्रतिदिन व्यायाम करने से शरीर शिथिल बना रहता है साथ ही मांसपेशियों में मज़बूती आती है और शरीर में लचीलापन भी आता है। इससे प्रसूति के समय बहुत अधिक तकलीफ का सामना नही करना पड़ता।

अगर गर्भवती महिलाएं प्रतिदिन व्यायाम को करती है तो इससे उन्हें नार्मल डिलीवरी के चांसेज भी अधिक बढ़ जाते है। गर्भवती महिला को व्यायाम करते समय ध्यान रखना चाहिए की पेट पर दबाव देने वाले व्यायाम व जिसमे पेट के बल लेटना हो इस तरह के व्यायाम बिलकुल भी नही करना चाहिए साथ ही व्यायाम करते समय अत्यंत सावधानी रखनी चाहिए और बहुत ही धीरे धीरे किसी भी आसन को करना चाहिए। अपने शरीर को ध्यान में रखकर सुविधा के हिसाब से ही किसी भी योग व आसन को करना चाहिए। जहाँ तक हो चिकित्सक के द्वारा बताये गये आसन व योग को ही करने का प्रयास करना चाहिए। जानते है  Prenatal Yoga के बारे में।

Prenatal Yoga: जाने कौन से योग है प्रसवपूर्व की समस्याओं को दूर करने में लाभकारी

प्रसवपूर्व योग: Pregnancy Yoga

  • प्रेगनेंसी का समय हर महिला के लिए एक ऐसा समय होता है जब उसे अपनी विशेष देखभाल करने की आवश्यकता होती है। प्रेगनेंसी के समय सुबह की हवा में घूमना बहुत अच्छा होता है।
  • सुबह की ताज़ी हवा से मन भी अच्छा रहता है साथ ही ये गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी अच्छी होती है।
  • व्यायाम करने से गर्भवती के साथ ही शिशु को भी लाभ पहुँचता है। इससे शिशु के विकास में मदद मिलती है। साथ ही योग करने से तनाव और अवसाद की स्थिति से भी बचा जा सकता है।
  • गर्भावस्था के समय शरीर में कई तरह के हार्मोन्स में बदलाव आते है जिससे शरीर को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  • इसलिए प्रेगनेंसी के समय अगर महिलाएं प्रतिदिन व्यायाम करती है तो इससे उन्हें स्ट्रेस भी नही रहता और थकान का अनुभव भी कम होता है साथ ही शरीर में रक्त संचार भी सही रूप से होता रहता है।
  • प्रेगनेंसी के समय होने वाली बहुत सी परेशानियों से बचने में मदद मिलती है। प्रेगनेंसी के चौथे महीने से व्यायाम करना सही माना जाता है। आप जब भी व्यायाम शुरू करे एक बार चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लें।

प्रेगनेंसी योग: Pregnancy Yoga Exercises

आज हम आपको कुछ आसान से योग आसन बता रहे है –

सुखासन

  • सबसे पहला और सबसे सरल योग होता है सुखासन। इसके लिए आप जमीन पर आसन बिछाकर बैठ जाये।
  • इसके बाद धीरे-धीरे अपनी सांसों को अंदर खींचे और बाहर छोड़े। इसे 10 बार दोहराए।

वक्रासन

  • इस आसन करने के लिए पैर सामने की तरफ फैलाकर और कमर को सीधे करके बैठ जाएं।
  • अब सांस ले और कंधे तक हाथ उठाये फिर सांस को छोड़ते हुए हाथ व कमर को दायीं तरफ मोड़ें। ध्यान रखें की घुटने को नही मोड़ना है।
  • इसके बाद सांस ले और दोबारा से पहले की अवस्था में आ जाए, ध्यान रहे की इस दौरान आपके हाथ समानांतर हो।
  • अब दूसरी तरफ से भी यही प्रक्रिया को दोहराये। ध्यान रहे शरीर में बहुत अधिक खिचांव न आने दे बहुत ही सावधानीपूर्वक आसन को करे।
  • इस आसन से रीढ़ की हड्डी को मज़बूती मिलती है साथ ही इसके नियमित अभ्यास से नार्मल डिलीवरी की सम्भावना बढ़ जाती है और अगर इस आसन को करने में किसी भी तरह की परेशानी या दर्द अनुभव हो रहा हो तो इसे करने का प्रयास न करे।

वीरभद्रासन

  • यह आसन गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी होता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधा खड़े हो जाएँ।
  • अब अपने बाएं पैर को आगे की तरफ लेकर जाये और दाएं पैर को पीछे की तरफ लेकर जाये। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर की और उठाये और हाथों को एकदम सीधा रखे।
  • 5 से 6 बार इस क्रिया को दोहराए। इस आसन के अभ्यास से डिलीवरी में मदद मिलती है इससे पैरो में कमर के निचले हिस्सों में मज़बूती आती है।

भद्रासन

  • इस आसन को करने के लिए अपने दोनों पैरों को नमस्ते की पोजीशन में रखते हुए पूरी तरह से फैलाकर बैठ जाएं।
  • इस दौरान अपनी पीठ को सीधे रखे अब अपने घुटनों को फैलाते हुए दोनों हाथों की सहायता से पैरों के पजें को पकड़ने की कोशिश करें।
  • कुछ समय तक ऐसे ही पकड़े रहे बाद में सामान्य अवस्था में आ जाएं।

पर्वतासन

  • प्रेगनेंसी के समय कमर में अधिक दर्द होने की समस्या रहती है। गर्भावस्था के दौरान इस आसन को करने से कमर के दर्द में काफी फायदा प्राप्त होता है।
  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपनी पीठ को सीधा रखते हुए बैठ जाएं। अब सांस को भीतर की ओर लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं और दोनों हथेलियों को मिलाते हुए नमस्ते की मुद्रा में जोड़ लें।
  • अपनी कोहनी को सीधी रखें कुछ समय तक इसी मुद्रा में रहें, फिर कुछ समय के बाद अपनी सामान्य अवस्था में आ जाएं।
  • इस आसन के अभ्यास से प्रेगनेंसी के समय होने वाले कमर दर्द में जल्दी राहत मिलती है।
  • प्रेगनेंसी के समय किसी भी आसन को करने के पूर्व अपने चिकित्सक से एक बार परामर्श अवश्य ले।

उपरोक्त Yoga During Pregnancy गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी होते है। लेकिन इन्हे करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह ज़रुर ले लें।

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