सोरायसिस एक स्किन डिजीज है जिसके हो जाने पर स्किन के ऊपर एक मोटी और उभरी हुई परत सी जम जाती है। ये रोग किसी को भी और कभी भी हो सकती है। इसकी वजह से स्किन को बहुत नुकसान पहुँचता है।
यह स्किन की जटिल बीमारियों में से एक मानी जाती है। इस बीमारी के छुटकारा पाना एक बहुत हीं कठिन कार्य होता है। इसके उपचार के बाद बहुत बार रोगी को ऐसा लगता है की उसकी बीमारी अब ठीक हो गई है पर बीमारी कुछ कुछ दिन बाद फिर से परेशान करने लग जाती है।
आंकड़ों के अनुसार हमारे देश भारत में पूरी जनसंख्या का करीब 1% जो लगभग 1.2 करोड़ लोग होंगे इस सोरायसिस की समस्या से परेशान हैं। इस समस्या के हो जाने पर सामान्यतः पीड़ित की स्किन के ऊपर लाल रंग की एक मोटी परत सी उभर जाती है और साथ हीं इसके कारण सिर, पाँव, हथलियों, तलवे, कोहनी, घुटने और पीठ पर ज्यादा असर देखने को मिलता है।
आज के इस लेख में हम आपको बताने जा सरे हैं इसी सोरायसिस की समस्या के बारे में विस्तार से। इस लेख के माध्यम से जान पाएंगे सोरायसिस के लक्षण, कारण और उपचार। पढ़ें Psoriasis in Hindi.
Psoriasis in Hindi: सोरायसिस हो जाने पर कैसे करें इससे बचाव
सोरायसिस क्या है?
- सोरायसिस एक ऐसी स्किन डिजीज है जिससे स्किन पर एक मोटी सतह बन जाती है। दुसरे शब्दों में कहें तो स्किन की सतही परत का बहुत ज्यादा बनने लग जाना ही सोरायसिस कहलाता है।
- इसके कारण हमारी स्किन पर लाल रंग की मोटी परत उभर जाती है।
- बताया जाता है की यह बीमारी आनु्वंशिक तौर पर नहीं हो सकता है।
- इस बीमारी के होने के लिए मुख्य रूप से पर्यावरण को एक बड़ा कारण माना जाता है।
- यह बीमारी सर्दियों के मौसम में ज्यादा देखने को मिलती है।
- सोरायसिस को कुछ लोग छालरोग के नाम से भी जानते हैं।
- कई बार इस रोग के होने से पहले स्किन पर बहुत ज्यादा खुजली भी होने लग जाती है।
- सोरायसिस का इलाज संभव है परन्तु इसके लिए यह आवश्यक है कि इस बीमारी के ज्यादा बढ़ जाने से पहले ही इसका इलाज करा लिया जाए ।
- Natural Remedies For Psoriasis भी उपलब्ध हैं। इन घरेलू नुस्खों के द्वारा भी सोरायसिस का इलाज किया जा सकता है।
सोरायसिस के कारण
- हमारे बॉडी में हर रोज कुछ ना कुछ बदलाव होते रहते हैं। इन बदलावों में से ज्यादातर तो हमें पता भी नहीं चलते हैं।
- जिस प्रकार हमारे नाखून, बाल आदि बढ़ते हैं ठीक उसी प्रकार हमारी स्किन में भी बदलाव आते हैं।
- जब हमारे बॉडी में पूरी नयी स्किन का निर्माण होता रहता है, तब बॉडी के एक भाग में नई स्किन के बदलने में करीब 3 से 4 दिन लग जाते हैं।
- सोरायसिस के समय स्किन इतनी ज्याद कमजोर और हल्की हो जाती है कि यह पूरी स्किन के निर्माण से पहले ही वो खराब हो जाती है।
- इस वजह से सोरायसिस वाले स्थान पर लाल चकते और रक्त की बूंदे आने लग जाती है।
- सोरायसिस किसी प्रकार की कोई छूत की बीमारी नहीं हैं। इसके होने का मुख्य कारण आहार में पोषक तत्वों की कमी होना हीं माना जाता है।
- कभी कभी सोरायसिस की समस्या स्किन के ऊपर मॉश्चराइजर ना लगाने, स्किन को चिकनाहट तथा पर्याप्त नमी ना दे पाने के कारण भी होता है।
- त्वचा की अच्छे से देखभाल ना करना, तेज धूप में बहुत देर तक बाहर रहना, सूर्योदय के बाद की हल्की धूप का सेवन न कर पाना आदि के कारण भी सोरायसिस हो जाती हैं।
- सोरायसिस का इलाज दवाइयों के सेवन से किया जा सकता है लेकिन इससे निजात पाने के लिए आपको त्वचा की सही तरह से देखभाल करने की जरुरत पड़ती है।
सोरायसिस के लक्षण
- सोरायसिस बीमारी के ज्यादातर लक्षणों को आप बड़े आराम से जान सकते हैं।
- अगर आपकी स्किन पर छिल्केदार और लाल रंग की पपड़ी जमने लग जाए तो ये सोरायसिस हो सकती है।
- इस बीमारी की पहचान यह है कि यह स्किन के किसी भी एक हिस्से से शुरू हो जाता है और फिर बाद में बढ़ कर बाकी दूसरे हिस्सों में भी फैल जाता है।
- आमतौर पर देखा जाता है की यह समस्या कोहनी, घुटनों, कमर आदि हिस्सों पर होता है।
- मौसम के तुरंत चरण बदलाव होते रहने पर भी सोरायसिस की समस्या होने लग जाती है।
- वैसे सोरायसिस की समस्या सर्दियों के मौसम में ज्यादा बढ़ जाती है।
- सोरायसिस रोग का इलाज संभव है लेकिन इसे हमेशा के लिए ठीक नहीं किया जा सकता।
- कई बार देखा गया है की इस रोग से रोगी खुद ब खुद ठीक हो जाता है।
- Ayurvedic Medicine for Psoriasis भी उपलब्ध होते हैं जो आम दवाओं से ज्यादा फायदेमंद होते हैं।
क्या करें जब हो जाए सोरायसिस
- सोरायसिस हो जाने पर या फिर इसकी आशंका भी हो जाने पर इस बीमारी के किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाना ज़रुरी होता है।
- इस दौरान डॉक्टर के दिए निर्देश और दवाओं का सेवन करते हुए उपचार करानी चाहिए ताकि बीमारी नियंत्रण में रहे।
- सोरायसिस के ज्यादा बढ़ जाने के बाद थ्रोट इंफेक्शन की समस्या होने लग जाती है इससे जितना हो सके बचने की कोशिश करनी चाहिए।
- इस दौरान स्किन को बहुत ज्यादा ड्राय ना होने दे, ऐसा होने से आपको खुजली होने लगेगी जो समस्या को और ज्यादा बढ़ाएगी।
- सोरायसिस के इलाज में सकीं के ऊपर प्रयोग की जाने वाली एंटिसोरियेटिक क्रीम/ लोशन और ऑइंटमेंट का विशेष महत्व होता है।
- समस्या अगर बहुत ज्यादा ना बढ़ी हो तो मॉइस्चराइजिंग क्रीम की मदद से भी इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है।
- पर जब बाहरी इलाज से समस्या में लाभ न मिल रहा हो तो मुंह से खाने वाली एंटीसोरिक तथा सिमटोमेटिक दवाओं का प्रयोग ज़रूरी हो जाता है।
- आजकल तो सोरायसिस का इलाज अल्ट्रावायलेट लाइट की विधि से भी होने लगा है। यह विधि भी बहुत उपयोगी और लाभदायक मानी जाती है।
इस लेख में आपने पढ़ा स्किन से जुड़ी बीमारी सायरोसिस के कारण लक्षण और उपचार के बारे में। अगर आपको इस तरह की कोई समस्या है तो लेख में बताये गए सभी बिंदुओं का ख्याल रखें और अपना उपचार सही समय पर ज़रुर करवा लें।