Rubella Disease: सिर में तेज दर्द बन सकता है रूबेला की परेशानी का कारण

Rubella Disease: सिर में तेज दर्द बन सकता है रूबेला की परेशानी का कारण

जर्मन खसरा जिसे अंग्रेजी में Rubella Disease कहते है दरअसल एक ऐसी बीमारी है जो की वायरस से फैलती है। इसके वायरस के सम्पर्क में आने पर किसी भी बच्चे या बड़े को इसके होने का खतरा हो सकता है। इसके लक्षण इतने सामान्य होते है की कई बार इसे पहचानना बहुत मुश्किल हो जाता है।

यह एक संक्रामक बीमारी है जो छूने से भी फैलती है। देश में आज भी कितने ही बच्चे इस बीमारी से ग्रस्त होकर मौत का शिकार हो रहे है। गर्भवती महिलाओं को भी जर्मन खसरा का खतरा अधिक होता है इसलिए उन्हें नियमित रूप से इसका परीक्षण करवाते रहना चाहिए।

Rubella Virus को जर्मन मीजल्स (German Measles) के नाम से भी जाना जाता है। देश के ग्रामीण क्षेत्रो में आज भी लोग इस बीमारी के प्रति जागरूक नही है।

जागरूकता के अभाव में ही कही न कही लोग इसके शिकार हो जाते है अभी तक इस बीमारी से लड़ने के लिए वेक्सिन का इस्तेमाल किया जाता है सिर्फ वेक्सिन के माध्यम से ही इसका इलाज सम्भव है। इसके अतिरिक्त रूबेला से लड़ने के लिए अन्य कोई मेडिसिन नही आई है। बच्चो को जन्म के समय ही रूबेला से रक्षा के लिए टिके लगा दिए जाते है। जानते है  Rubella Disease के बारे में।

Rubella Disease: जाने रूबेला की समस्या के कारण, लक्षण और बचाव  

इस आर्टिकल में हम रूबेला बीमारी के लक्षण व इसके वेक्सीन से जुड़े हुए सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ बताएँगे साथ ही ये भी बताएँगे की इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है। इसे पढकर आपके आस-पास के ऐसे लोग जिन्हें जर्मन मीजल्स या रूबेला वायरस के बारे में अभी तक नही पता है आप उन्हें भी इसकी महत्वपूर्ण जानकारियाँ बता सकते है। इस तरह किसी और को भी आप इसके संक्रमण में आने से बचा सकते है।

रूबेला क्या है

  • रूबेला एक वायरस से फैलने वाला रोग होता है। इसकी चपेट में आने पर शरीर पर लाल चत्ते जैसे नजर आने लगते है।
  • सामान्यत: यह खसरा तीन दिनों तक रहता है। कन्जक्टिवाइटिस के रूप में भी इसका असर होता है।
  • इसके अलावा जोड़ों में खुजली, तालू में सफेद धब्बे आदि कई रूप में इसके शुरूआती लक्षण नजर आते है।
  • इसके लक्षणों को पहचान कर इसका वेक्सीन लगवाना आवश्यक होता है। कई बार इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलते है।
  • इसकी रोकथाम बहुत आवश्यक है। इसके लक्षणों को नज़रअंदाज़ बिलकुल नही करना चाहिए।

कैसे होती है यह बीमारी

  • किसी संक्रमित इंसान के खांसने या छिकने पर भी ये हवा के माध्यम से किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है।
  • रूबेला आज के समय में तेज़ी से फैलने वाला एक संक्रमित वायरस हो रहा है। इसके प्रति लोगो को जागरूक कराने के साथ ही इसकी रोकथाम करने की भी बहुत आवश्यकता है।
  • इसके लिए सरकार को चाहिए की जब इसके वेक्सीन लगाये जाते है उस ही समय लोगो को इस बीमारी के प्रति पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जाये साथ ही उन्हें जागरूक व सजक बनाया जाये।
  • रूबेला के लक्षण सामान्य ही रहते है इसलिए बहुत बार लोग इसके लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते है।

रूबेला के लक्षण: Rubella Symptoms

  • चेहरे व हाथ पाँव पर लाल-लाल चत्ते दिखाई देना।
  • हल्का बुखार आने लगना इसका संकेत हो सकते है की आप इस वायरस की चपेट में आ गये हैं।
  • आंखो मे भारीपन, आँखों में जलन होना व आंखों का बहुत ज्यादा लाल होना इसका संकेत हो सकता है।
  • सिर में तेज़ दर्द रहना भी इसके संकेतों में से एक हैं।
  • सर्दी जैसा लगना नाक बहना इसका एक संकेत हो सकता है।
  • भूख न लगना और शरीर में भारीपन लगना साथ ही पूरे शरीर पर लाल चत्तो का नजर आना।
  • जोड़ों में दर्द होना भी इसका एक लक्षण हो सकता है।
  • जी मचलना या उलटी जैसा होना।

रूबेला वेक्सिन: Rubella Vaccine

  • रूबेला के लक्षणों को पहचानकर तुरंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
  • रूबेला से बचाव के लिए सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में इसके वेक्सीन लगाये जाते है जो बहुत हद तक इसका इलाज करने में सक्षम है।
  • बच्चों को जन्म के समय ही ये वेक्सीन लगा दिए जाते है। रूबेला वेक्सीन से जुड़ी हुई अधिक जानकारी के लिए आप अपने चिकिस्तक से संपूर्ण सलाह ले सकते है।
  • गर्भवती महिलाओ को इसका खतरा ज्यादा होता है इसलिए उन्हें इसकी जाँच कराना आवश्यक होता है।
  • अगर गर्भ में पल रहे शिशु पर इस वायरस का असर हो जाता है तो हो सकता है तो इससे उसे कोई और घातक बीमारी का भी खतरा हो सकता है। यंहा तक की कई केसेज में शिशु की मौत भी हो जाती है।

अमेरिका में इस बीमारी को बहुत हद तक कंट्रोल कर लिया गया है वहीं अगर भारत की बात की जाये तो भारत में हर साल 10 से 30 प्रतिशत बच्चों में इस वायरस के कारण जन्मजात विकृतियाँ देखने को मिलती है। हमारे देश में अभी भी इस बीमारी से लड़ाई जारी है।

रूबेला के लिए बचाव

  • रूबेला जैसे संक्रमण से बचने के लिए आपको संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। जैसे की हरी सब्जियां, साबुत दाल, फल आदि का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।
  • आपको अंडे, आइसक्रीम, दूध और पनीर जैसी चीजों से बचना चाहिए।
  • माँस और शक्कर का सेवन भी कम मात्रा में ही करना चाहिए। साथ ही शराब और तम्बाकू से भी दूरी बना कर रखे।
  • योग और व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। यह आपको स्वस्थ रखने में मदद करता है साथ ही फिट भी बनाता है।
  • इस बीमारी में आराम की भी आवश्यकता होती है इसलिए आपको पूरी तरह से आराम करना चाहिए। हो सके तो बिस्तर पर आराम करे, यह काफी फ़ायदेमंद होता है।
  • इसमें पानी भी अधिक मात्रा में पीना चाहिए। पानी सेहत के लिए भी बहुत ही उपयोगी होता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
  • यदि आपको सूजन की समस्या हो रही है तो प्रभावित स्थान पर गर्म तौलिये का उपयोग करे।
  • कॉफ़ी का उपयोग भी कम मात्रा में ही करना चाहिए। यह भी सेहत के लिए नुकसानकारी होती है। इसके कम सेवन से रूबेला में मदद मिल सकती है।
  • प्रोसेस्ड आहार का सेवन भी कम से कम करना चाहिए। यह आपको स्वस्थ नहीं रख सकता है।

उपरोक्त लक्षणों के दिखने पर डॉक्टर को ज़रूर दिखाए ताकि सही समय पर उपचार किया जा सके।

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