Shambhavi Mudra: डिप्रेशन दूर करे तथा दिमाग को राहत दे

Shambhavi Mudra: डिप्रेशन दूर करे तथा दिमाग को राहत दे

योग और प्राणायाम हमारे शरीर के लिए फ़ायदेमंद होते है। इनके अभ्यास से हम कई रोगों से छुटकारा पा जाते है। योग के अंतर्गत कई मुद्रायें भी आती है।

इनमे शाम्भवी मुद्रा बहुत ही लाभकारी मुद्रा होती है। इस मुद्रा में आपकी आँखे बंद होने कि बजाय खुली रहती है, फिर भी आप कुछ देख नही पाते है।

इसमें स्थिति इस प्रकार होती है जिसमे आपका आँखों का ध्यान कहीं और होता है और आपका ध्यान कहीं और ही होता है। आप इस मुद्रा में कई जानवर और पशु पक्षी को भी देख सकते है जो की खुली आँखों से ही सोते है।

शुरुवात में इस मुद्रा का अभ्यास थोड़ा कठिन होता है, क्योंकि इसकी साधना कठिन होती है। इस मुद्रा को करने से मन और दिमाग दोनों शांत हो जाते है। शाम्भवी मुद्रा द्वारा आप नींद कि अनुभूति भी कर पाते है। आइये जानते है Shambhavi Mudra को करने का तरीका और उसके फायदे के बारे में।

Shambhavi Mudra - शाम्भवी मुद्रा कैसे करते है और लाभ

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शाम्भवी मुद्रा को करने कि विधि

  • इस मुद्रा को करने के लिए आसन पर बैठ जाए और अपनी पीठ सीधी रखे।
  • ध्यान रखे कि आपके कंधे और हाथ ढीली स्थिति में होने चाहिए।
  • फिर अपने हाँथो को घुटने पर योग मुद्रा में रखे।
  • इसके बाद किसी एक बिंदु पर अपनी दृष्टि को केन्द्रित करे जो सामने कि ओर हो ।
  • फिर ऊपर देखने का प्रयत्न करें। परन्तु ध्यान रहे कि आपका सर स्थिर होना चाहिए।
  • इसी मध्य अपने विचारों को नियंत्रित करने का प्रयास करे।और कुछ न सोचे।
  • इस मुद्रा में आपकी पलके नही झपकनी चाहिए, आपको एकाग्र होकर देखना है।
  • शाम्भवी मुद्रा को प्रारंभ में ठोड़ी ही देर करना चाहिए ।
  • फिर इसके नियमित अभ्यास से इस मुद्रा को 3 से 6 मिनट तक कर सकते है।

शाम्भवी मुद्रा के फायदे

  • शाम्भवी मुद्रा के द्वारा व्यक्ति की आँखें खुली होने पर भी नींद और ध्यान दोनों का लाभ उठा सकता है।
  • इस आसन को नियमित करने से चिंता और तनाव मिट जाता है।
  • यह आसन आँखों के स्नायुओं को मजबूत बनाता है।
  • शाम्भवी मुद्रा को रोज करने से व्यक्ति भूत और भविष्य का ज्ञाता भी बन सकता है।
  • आज्ञा चक्र को जगाने वाली एक शक्तिशाली क्रिया है शांभवी मुद्रा ।

शाम्भवी मुद्रा की सावधानिया

  • इस मुद्रा का अभ्यास धीरे धीरे ही करे, जल्दी करने कि कोशिश न करे ।
  • शाम्भवी मुद्रा का अभ्यास किसी योग गुरु कि देखरेख में ही करना चाहिए ।
  • यदि आपको किसी भी प्रकार का कोई दर्द हो तो इस मुद्रा को ना करे।
  • इस मुद्रा को 7 साल कि आयु से अधिक आयु के लोगो को ही करना चाहिए।
  • यदि आप चश्मा पहनते है तो चश्मा पहने हुए इस आसन को न करे। चश्मे को निकालकर रख दे और फिर अभ्यास करे।
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