Shiv Yoga in Hindi: आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए सफल योग

Shiv Yoga in Hindi: आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए सफल योग

योग एक ऐसी साधना है जिसे करने से केवल लाभ ही लाभ प्राप्त होता है, इसी के कारण यह प्राचीन काल से किया जाता आ रहा है। योग के अनेक रूप होते है जिसमे से एक है शिव योग।

शिवयोग अर्थात भगवान भोलेनाथ का योग। यह योग केवल साधुओं के लिए नहीं होता है। इसे करने से प्रत्येक मनुष्य को भी लाभ प्राप्त होता है।

शिव योग को वामयोग या तंत्र के नाम से भी जाना जाता है। शिव का अर्थ केवल अनंत है, जो कि भगवान, सर्वोच्च, सार्वभौमिक चेतना आदि जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है। योग का मतलब है एकजुट या विलय करना। शिवयोग का अर्थ है अनंत के साथ विलय करना या भगवान के साथ एक होना।

शिव योग करने से व्यक्ति क्रिया, आसन और मुद्राओ के कठिन अभ्यास से बच जाता है।
शिव योग में योग के अंतिम तीन अंग अर्थात धारणा, ध्यान और समाधि का प्रचलन सर्वाधिक रहता है। जानते है Shiv Yoga in Hindi.

Shiv Yoga in Hindi: जानिए इसकी परिभाषा और इसके अद्भुत फायदे

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क्या है शिव योग

  • शिव का अर्थ होता है अनंत और योग का मतलब जुड़ने की प्रक्रिया से है।
  • शिव योग के द्वारा हरित क्रांति, सफ़ेद क्रांति और प्राकृतिक आपदाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

शिव योग में योग के अंतिम तीन अंग हैं धारणा, ध्यान और समाधि

धारणा क्या है?

  • योग दर्शन के अनुसार किसी एक विचार में चित्त को बांध लेने की क्रिया को ही धारणा कहा जाता है।
  • धारणा की स्थिति में मन पूर्ण रूप से शांत और स्थिर रहता है।
  • अष्टांग योग का छठा चरण धारणा है। धारणा से पहले यम, नियम, आसन, प्राणायाम और प्रत्याहार आते है जिन्हे योग में बाहरी साधना माना जाता है।
  • यम, नियम, आसन, प्राणायाम और प्रत्याहार के द्वारा विषयों से इंद्रियों को विचलित कर चित्त में स्थिर किया जाता है और स्थिर किये गए इस चित्त को एक ‘स्थान’ पर रोकना ही धारणा कहलाती है।

ध्यान क्या है?

  • ध्यान का अर्थ होता है मौन या चुप रहना। यह एक क्रिया होती है जिसमे व्यक्ति चेतना की एक विशेष अवस्था में अपने मन को लाने का प्रयास करता है।
  • ध्यान के द्वारा बहुत सी क्रियाओं का ज्ञान हो जाता है।
  • ध्यान के द्वारा आन्तरिक ऊर्जा, करुणा, धैर्य, उदारता, क्षमा आदि गुणों का भी विकास होता है।

ध्यान करने के फायदे

  • बेहतर स्वास्थ्य के लिए ध्यान करना लाभकारी होता है।
  • इसके द्वारा रोग-प्रतिरोधी शक्ति बढ़ती है।
  • यदि किसी व्यक्ति को तनाव है तो वह ध्यान के द्वारा तनाव को दूर कर सकता है। साथ ही व्यक्ति चिंता से भी मुक्त हो सकता है।
  • यह जीवन का उद्देश्य समझने में भी मदद करता है।
  • स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए भी ध्यान फ़ायदेमंद होता है।

समाधि क्या है?

  • समाधि का सभी धर्मो में विशेष महत्त्व है। समाधि ध्यान की उच्च अवस्था होती है। यह योग का सबसे अंतिम पड़ाव होता है।
  • समाधि में साधक पूर्ण रूप से ध्यान में चला जाता है उसे उसके अस्तित्व का भी बोध नहीं रहता है।
  • समाधि को मोक्ष भी कह सकते है। समाधि से अभिप्राय होता है विचार, मन और शरीर के पार जीने की एक कला।
  • व्यक्ति का जन्म और मरण की क्रिया से मुक्त होकर स्वयंभू और आत्मवान हो जाना ही समाधि का उद्देश्य होता है।

समाधि के फायदे

  • जो व्यक्ति समाधी प्राप्त कर लेता है उसे कोई भय नहीं सताता और न ही उसे भूख प्यास, सुख दुःख आदि का अनुभव होता है। वह सांसारिक माया से मुक्त हो जाता है।
  • इस तरह के व्यक्ति शक्ति संपन्न होकर अमरत्व को प्राप्त कर लेते है।

शिव योग के फायदे

  • शिव योग के द्वारा रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिलती है साथ ही यह ह्रदय की गति को भी कम करता है। इसका अभ्यास करने से यह शारीरिक विश्राम के एक गहरे स्तर की ओर ले जाता है।
  • इस योग के द्वारा मांसपेशियों को होने वाले तनाव से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही एलर्जी, गठिया रोग, मधुमेह, अस्थमा आदि जैसी पुरानी बीमारियों में शिव योग बहुत मदद करता है। साथ ही यह माहवारी के पहले होने वाली समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली में बृद्धि करता है और ऊर्जा, ताकत और उत्साह को भी बढ़ाता है। बुढ़ापे की प्रक्रिया को भी शिव योग रोकने में मददगार होता है और यह दर्द को दूर करने में भी सहायक होता है। इसे करने से शरीर की थकान भी पूर्ण रूप से दूर हो जाती है।
  • भय को शरीर से दूर करता है साथ ही इसके अभ्यास से रचनात्मकता में वृद्धि हो जाती है। फोकस, एकाग्रता, सीखने की क्षमता और स्मृति में सुधार करने के लिए भी शिव योग बहुत ही उत्तम होता है। साथ ही इसके द्वारा जीवन शक्ति और कायाकल्प की भावनाओं में वृद्धि होती है।
  • यह योग किसी के नकारात्मक पहलुओं की पहचान करने और उन्हें छोड़ने में मदद करता है। साथ ही वर्तमान क्षण में रहने में सहायक होता है।
  • इस आसन का नियमित अभ्यास करने पर यह आत्मविश्वास को बढ़ाता है साथ ही इसके माध्यम से भावनात्मक स्थिरता में वृद्धि होती है।
  • बुरी आदतें, नशे की लत आदि इसके माध्यम से दूर हो जाते है। साथ ही यह रिश्तों को बेहतर बनाने का कार्य भी करता है।
  • शिव योग प्रतिक्रियाशील स्थितियों के लिए एक स्थिर और शांत रवैया बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही यह दवाओं की आवश्यकता और निर्भरता को कम कर देता है।

उपरोक्त जानकारी के द्वारा आप समझ ही गए होंगे की शिव योग का जीवन में कितना महत्त्व है। इस साधना को करने से व्यक्ति को अनेकानेक लाभ प्राप्त होते है साथ ही वह खुद को भी पहचान पाता है। इस योग का अभ्यास नियमित करे और प्राचीन काल से चले आ रहे इस योग का लाभ उठाये।

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